‘यह लीजिए साहब… पुश्तैनी जोड़ों के दर्द को जड़ से मिटा देगी… यह जड़ीबूटी डायबिटीज, पेट की खराबी, सुस्ती, थकावट सब दूर कर देगी… काम में मन न लगना, मन अशांत रहना, हर मर्ज की दवा है हमारे पास,’ जैसी बातें कह कर ठग ग्राहकों को खूब लूटते हैं.

‘यह दवा आप को किसी डाक्टर के पास या मैडिकल स्टोर में नहीं मिलेगी.

‘साहब, हम इसे जंगल से ढूंढ़ ढूंढ़ कर लाते हैं. हमारे खानदान के लोगों को ही इस जड़ी के बारे में मालूम है. यह हिमालय की चोटी पर उगती है, बर्फ में ढूंढ़नी पड़ती है. बहुत महंगी बिकती है. इसे खाने के बाद सामने वाला चारों खाने चित नहीं हुआ, तो सारा पैसा वापस.’

ऐसी ही बातें सुन कर खदान में काम करने वाले एक मजदूर ने सड़क किनारे तंबू लगा कर दवा बेचने वाले से तेल लिया. उसे अंग पर लगाने के थोड़ी देर बाद तकलीफ होनी शुरू हो गई. अंग फूल कर मोटा हो गया. उस में जलन व दर्द होने लगा. धीरे धीरे तकलीफ इतनी बढ़ गई कि वह छटपटाने लगा.

उस मजदूर की बीवी ने पड़ोसियों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया. डाक्टरों ने फौरन इलाज कर के दर्द व जलन दूर कर दी. पर तेल लगाने से जो छूत की बीमारी हुई थी, उसे ठीक होने में डेढ़ महीना लग गया.

इसी तरह एक आदमी ने सैक्स ताकत बढ़ाने के लिए सड़क किनारे दवा बेचने वाले से दवा ली. दवा खाने के थोड़ी देर बाद हाथपैरों में ऐंठन शुरू हो गई. उस की बीवी पति की हालत देख कर घबरा गई. उस ने पड़ोसियों को बुलाया, जो उसे अस्पताल ले गए. डाक्टर ने इलाज किया, जहां वह काफी समय बाद ठीक हुआ.

जब उस आदमी ने डाक्टर से ताकत की दवा लेने के बारे में बताया, तो डाक्टर ने उसे बताया कि ऐसी दवाओं में नशीली चीजें होती हैं. उन्हीं के असर से उसे ऐसी तकलीफ हो गई थी.

सारणी में सड़क के किनारे तंबू लगा कर दवा बेचने वाले तथाकथित वैद्य के पास एक आदमी पहुंचा. बाहर से साधारण दिखने वाले तंबू के अंदर का नजारा चकाचौंध कर देने वाला था. सामने सैकड़ों शीशियों में गोलियां, चूर्ण, कैप्सूल, जड़ीबूटियां वगैरह रखी हुई थीं.

उस ने मरीज के रूप में अपना हाथ दिखाया, तो उस वैद्य ने हाथ की नाड़ी को पकड़ कर कहा, ‘शरीर में गरमी हो गई है. इस से शरीर का धातु पतला हो कर बाहर चला जा रहा है. शरीर में पानी की मात्रा बढ़ रही है, जिस से वह फूल गया है.’

वैद्य ने 750 रुपए की एक महीने की दवा लेने को कहा और पौष्टिक चीजें खाने की राय दी. जब उस से कहा गया कि मैं तो पूछताछ करने आया हूं, तो वह वैद्य घबरा गया. अपनेआप को संभालते हुए उस ने कहा कि मैं तो मजाक कर रहा था. इतने रुपए की दवा नहीं लगेगी.

जब उस से पूछा कि धातु क्या होता है? दवा से अंग कैसे मोटा हो जाता है? जवानी की ताकत बढ़ाने वाली दवा में क्याक्या मिलाते हैं? तो उस ने सवालों के जवाब देने से मना कर दिया और कहा कि वह कल अपने गुरु से इन सवालों के जवाब मालूम कर के बता देगा.

दूसरे दिन वहां पर तंबू नहीं था. वैसे, उस तंबू वाले तथाकथित वैद्य की कमाई का अंदाजा उस के पास मौजूदा रंगीन टैलीविजन, मोटरसाइकिल, मेटाडोर वगैरह से लगाया जा सकता है.

खानदानी इलाज करने वाले तथाकथित वैद्यों की जवान पीढ़ी भी इसी काम में लगी हुई है. इस काम में लगे ज्यादातर नौजवान नासमझ हैं. उस की वजह यह है कि एक ही जगह पर अधिक दिनों तक तंबू लगा कर न रहने से बच्चे स्कूली पढ़ाई नहीं कर पाते हैं.

उन का कहना है कि पढ़लिख कर उन्हें कौन सी नौकरी करनी है. उन्हें तो बाप दादाओं से मिले हुनर का ही काम करना है. जड़ीबूटी बेचना उन की विरासत है. वह इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. उन की औरतें भी इसी काम में लगी रहती हैं. मर्दों को बुला कर सैक्स की दवा बेचने में उन्हें शर्म या झिझक महसूस नहीं होती.

इन के पास केवल आदमी ही इलाज के लिए जाते हैं, ऐसा नहीं है. तमाम औरतें व स्कूली छात्राएं छाती बढ़ाने, ढीली छाती को कसने, पेट गिराने, बांझपन, ल्यूकोरिया, माहवारी संबंधी बीमारियां, ठंडापन, बालों का झड़ना, कीलमुहांसे वगैरह की शिकायतें ले कर इन तंबुओं में पहुंचती हैं.

पिछले दिनों एक मामला सामने आया. जब एक कालेज की छात्रा कीलमुहांसे के इलाज के लिए तंबू में पहुंची, तब तंबू के तथाकथित वैद्य ने उसे छेड़ दिया. जब बात कालेज के छात्रों को पता चली, तो उन्होंने आ कर तंबू उखाड़ दिया. तथाकथित वैद्य वहां से फरार हो गया.

सैक्स मामलों के जानकार डाक्टर का कहना है कि सड़क के किनारे तंबू लगा कर दवा बेचने वालों से किसी भी तरह का इलाज नहीं कराना चाहिए. इन्हें दवाओं के बारे में सही जानकारी नहीं होती, जिस की वजह से इन की दी हुई दवाएं इस्तेमाल करने पर फायदा होने के बजाय नुकसान होता है.

इन के द्वारा दी गई जवानी बढ़ाने वाली दवाओं में नशीली चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर को काफी नुकसान पहुंचाती हैं.

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