तकरीबन 3 साल तक चली लंबी जांचपड़ताल के बाद झारखंड की गोल्डन गर्ल और नैशनल लैवल की निशानेबाज तारा शाहदेव को इंसाफ मिलने की उम्मीदें जगी हैं. 23 मई, 2017 को सीबीआई के स्पैशल जज फहीम किरमानी की अदालत में सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद, तारा के पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन और उस की मां कौशल्या देवी के खिलाफ कांड संख्या-9/2015 की जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की. पिछले 3 सालों से दिमागी, जिस्मानी और माली परेशानी झेल रही तारा शाहदेव कहती हैं कि उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा. रंजीत ने अपना धर्म छिपा कर धोखे से उन से शादी की थी.
7 जुलाई, 2014 को तारा और रंजीत की शादी हुई थी. शादी करने के लिए रकीबुल उर्फ रंजीत ने अपना धर्म छिपाया था. शादी के दूसरे दिन जब तारा शाहदेव को पता चला कि रंजीत असल में रकीबुल हसन है, तो उन के ऊपर मानो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. वह उन पर धर्म बदलने का दबाव बनाने लगा.
रकीबुल ने 25 मौलवियों को अपने घर बुलाया और तारा को धर्म बदलने पर जोर देने लगा. तारा ने रोतेबिलखते धर्म बदलने से मना किया, तो उन्हें कुत्तों से कटवाया गया. रांची के हिंदपीढ़ी पुलिस थाने में दर्ज अपनी रिपोर्ट में तारा शाहदेव ने कहा है कि उन की 40 दिनों की शादीशुदा जिंदगी किसी खौफनाक सपने की तरह रही.
तारा की आंखों में आज भी खौफ साफ नजर आता है. रीढ़ की हड्डियों में तेज दर्द की वजह से वे ठीक ढंग से खड़ी नहीं हो पाती हैं, लेकिन उन के इरादे बुलंद हैं और वे फिर से निशानेबाजी में वापसी कर रकीबुल को सजा देना चाहती हैं.
तारा शाहदेव कहती हैं, ‘‘मुझे फिर से नैशनल और इंटरनैशनल लैवल की शूटिंग प्रतियोगिताओं में मैडल जीतते देख रकीबुल को भयंकर चोट पहुंचेगी.’’
तारा शाहदेव मामले के आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान और उस की मां कौशल्या देवी उर्फ कौसर परवीन को रांची पुलिस की स्पैशल टीम ने 27 अगस्त को दिल्ली में दबोच लिया था.
तारा शाहदेव झारखंड के गुमला जिले के पालकोट इलाके के नागवंशी राजपरिवार से ताल्लुक रखती हैं. तारा के पिता लाल अंबिका नाथ शाहदेव और उन के छोटे भाई लाल देविका नाथ शाहदेव को जमींदारी के तौर पर सिसई के बिरकेरा गांव के आसपास का इलाका मिला हुआ है.
तारा के अलावा रंजीत की नौकरानी हरिमति ने भी पुलिस को बताया है कि रंजीत और उस की मां तारा की पिटाई किया करते थे.
उधर पुलिस भी रंजीत के 3 धर्मों की कहानी में उलझ कर रह गई. रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान ने पुलिस को बताया था कि वह पहले सिख था और साल 2007 में तांत्रिक आरिफ से पहचान होने के बाद वह धर्म बदल कर मुसलिम हो गया और अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया. रंजीत
की मां कौशल्या देवी पहले मुसलिम थी और उस का नाम कौसर परवीन था. वह रंजीत के पंजाबी पिता सरदार हरमन सिंह के यहां बरतन धोने का काम करती थी और उन्हीं से शादी कर ली थी.
कौशल्या देवी ने हिंदू बन कर हरमन से शादी तो की, पर इसलाम धर्म नहीं छोड़ा था.
रंजीत के बैंक अकाउंट में रोहित नाम के आदमी के अकाउंट से लाखों रुपए ट्रांसफर होने का भी खुलासा हो चुका है. रांची के अरगोड़ा चौक और हजारीबाग में रोहित कंप्यूटर का कारोबार करता है. पुलिस यह पता कर रही है कि रोहित किस काम के एवज में रंजीत के अकाउंट में पैसा डालता था.
तारा शाहदेव कहती हैं कि रंजीत सरकार में पैठ बना कर अपने काले और गैरकानूनी धंधों को बेरोकटोक चलाना चाहता था. इतना ही नहीं, कौशल बायोटैक प्राइवेट लिमिटेड नाम के एनजीओ की आड़ में वह हवाला का काम भी करता था. एनजीओ के जरीए वह पेड़पौधे लगाने का काम करना दिखाता था.
रंजीत के घर आने के बाद मांबेटा डेढ़ 2 घंटे तक बातचीत करते थे. इस दौरान तारा को सोने नहीं दिया जाता था.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि रंजीत ने लड़कियों को फंसा कर उन्हें देह धंधे में धकेल कर काफी दौलत बना ली थी. वह अफसरों, मंत्रियों और रसूखदार लोगों को लड़की सप्लाई कर उन से अच्छा रिश्ता और ढेरों रुपए भी बना लेता था. उस के अशोक विहार के मकान नंबर एफ-95 के आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि उस के मकान में अकसर लड़कियां आतीजाती रहती थीं. उस के यहां रात में बड़ीबड़ी गाडि़यों से भी लोग आते थे.
तारा का मामला सामने आने के बाद ही रंजीत के करीबी झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, विजीलैंस मुश्ताक अहमद को सस्पैंड कर दिया गया था. मुश्ताक ने ही तारा को रंजीत से शादी करने की सलाह दी थी. तारा ने मुश्ताक पर शादी करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है.
तारा का आरोप है कि वे ईद के मौके पर मुश्ताक के घर गई थीं. उन्होंने वहां देखा कि कुछ औरतों पर इसलाम धर्म कबूल करने का दबाव बनाया जा रहा था. मुश्ताक जामताड़ा और सिमड़ेगा में जिला और सैशन जज रह चुका है.
रंजीत पुलिस को बता चुका है कि उस का रिश्ता बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कई जजों से है, जिन से मिल कर वह जमानत दिलवाने का धंधा करता था.
झारखंड पुलिस ने जब रंजीत को गिरफ्तार किया था, तो उस के पास से 6 सिम कार्ड बरामद हुए थे, जिस में से 2 न्यायिक अफसरों के नाम से थे.
रंजीत सिंह कोहली के पासपोर्ट की सिफारिश रिटायर्ड जज आईडी मिश्रा ने की थी. पासपोर्ट का नंबर के-138875 है. पासपोर्ट रंजीत सिंह कोहली के नाम से है और पिता का नाम हरमन सिंह कोहली लिखा हुआ है. साल 2012 में तत्काल कोटे से यह पासपोर्ट 24 घंटे में बन गया था.
रंजीत के रांची के 3 मकानों की तलाशी ली गई, तो वहां से 2 राइफल, 3 कंप्यूटर सीपीयू, एक प्रिंटर, 36 सिम कार्ड, 15 मोबाइल फोन और 30 फाइलें मिली थीं. रंजीत के ब्लेयर अपार्टमैंट्स के फ्लैट, अशोक नगर के रोड नंबर-6 के मकान और अशोक विहार के किराए के मकान की छानबीन की गई थी.
झारखंड पुलिस के सूत्रों की मानें, तो रंजीत ने पुलिस को दिए बयान में 45 आला अफसरों और जजों के नाम लिए हैं. झारखंड के मंत्री सुरेश पासवान और हाजी हुसैन, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके इंदरसिंह नामधारी, देवघर के जिला जज पंकज श्रीवास्तव, चतरा के जिला जज रहे आईडी मिश्रा, डीएसपी सुरजीत कुमार और अमिष नेथानी, वन विभाग के अफसर पारितोष उपाध्याय समेत एक महिला जज का भी नाम लिया है.
इस मामले की जांच का काम सीबीआई को सौंपा गया था और समूची जांच रिपोर्ट आने के बाद कई और चेहरों से नकाब हटने की उम्मीद बढ़ गई है.
मैं हार मानने वाली नहीं – तारा शाहदेव
पिछले 3 सालों से तारा शाहदेव जिस्मानी और दिमागी तौर पर काफी दर्द झेल रही हैं. उन का निशानेबाजी का कैरियर भी चौपट हो गया है. जिस के साथ शादी रचा कर उन्होंने खुशहाल जिंदगी का सपना देखा था, उसी ने उन की जिंदगी को तबाह कर डाला.
तारा कहती हैं, ‘‘में एक स्पोर्ट्स वूमन हूं और जीतने का हौसला और जुनून मेरे अंदर है. मैं फिर से अपनी खेल की दुनिया में वापसी करूंगी. सरकार, कानून और समाज से बस इतना ही चाहती हूं कि वह कुछ ऐसा करे, जिस से फिर किसी तारा के साथ ऐसा हादसा न हो. मुझे जितने मैडल मिलेंगे, रकीबुल के गाल पर उतने ही थप्पड़ पड़ेंगे.’’