Hindi News Story: दिल्ली में गुलाबी ठंड शुरू हो चुकी थी, पर अभी भी दीवाली के बाद की घुटनभरी प्रदूषित हवा का गुबार दिल्ली का पीछा नहीं छोड़ रहा था. ऊपर से लालकिला बम धमाके ने दिल्ली और पूरे देश को दहला दिया था. उधर, जेएनयू छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी के मुकाबले वामपंथी गुट ने चारों सीटें जीत ली थीं. दिल्ली नगरनिगम के उपचुनाव भी खामोशी से आगे बढ़ रहे थे.
अनामिका अपने कमरे की बालकनी में अखबार पढ़ रही थी. कल रात से विजय भी उसी के साथ था. कल की रात उन दोनों ने बड़ी मस्ती के साथ बिस्तर पर गुजारी थी.
विजय अभी भी सो रहा था. अनामिका सोच रही थी कि दिल्ली की इस बदहाली को क्या दिल्ली का मेयर सुधार सकता है? फिर उसे लगा कि वह आईएएस बन सकती है और मौका मिला तो उसे दिल्ली की मेयर की सीट पर भी अपनी नजर रखनी होगी.
यह सोच कर अनामिका जोश में आ गई और सीधा कमरे में गई. उस ने अपनी एक चुन्नी को माइक की तरह पकड़ा और आईने के सामने चिल्लाने लगी, ‘‘अगर मुझे दिल्ली का मेयर बनने का मौका मिला, तो मैं यहां सुधार के तमाम काम करा दूंगी. आप मुझे एक मौका दें…’’
‘‘यह सुबहसुबह क्या नौटंकी है? क्यों मेरी नींद खराब कर रही हो?’’ विजय ने आंख मसलते हुए पूछा.
‘‘तुम यहां सो रहे हो और दिल्ली को उस की नई मेयर मिल गई है,’’ अनामिका ने हंसते हुए कहा. ‘‘अब यह क्या नया शिगूफा है?’’ विजय ने पूछा.
‘‘यार, मैं सोच रही हूं कि पार्षद का चुनाव लड़ कर दिल्ली की मेयर बन जाऊं,’’ अनामिका बोली.
‘‘मतलब, तुम राजनीति के दलदल में कदम रखना चाहती हो?’’ विजय अब भी हैरान था.
‘‘तो क्या हुआ… मैं पढ़ीलिखी हूं, तर्क के साथ बात करने की तमीज है मुझ में, तो मैं क्यों नहीं दिल्ली की मेयर बन सकती?’’ अनामिका ने सवाल किया.
‘‘शायद तुम भूल गई हो कि चाहे चुनाव पंच का हो या सांसद का, भारत में आज भी वोट जाति और धर्म के नाम पर दिए जाते हैं,’’ विजय बिस्तर छोड़ कर बोला.
‘‘मतलब?’’ अनामिका हैरान हो कर बोली.
‘‘अरे यार, क्या तुम नहीं जानती अपनी जाति के बारे में… मुझ जैसे कुछ लोग तुम्हें जरूर वोट दे देंगे, पर दूसरे लोगों को जाति और धर्म के प्रपंच से कैसे बाहर निकाल पाओगी?
तुम्हारे बिहार के ही विधानसभा चुनाव देख लो. वहां भी धर्म और जाति का बोलबाला रहा. उम्मीदवार की जाति देख कर टिकट दिए गए,’’ विजय ने कहा.
‘‘पर यार, ऐसे तो अच्छे लोग राजनीति में कभी आ ही नहीं पाएंगे,’’ अनामिका बोली.
‘‘पर पहले तुम यह तो बताओ कि तुम पर सुबहसुबह दिल्ली की मेयर बनने का भूत कैसे चढ़ गया?’’ विजय ने पूछा.
‘‘जोहरान ममदानी ने मेरा जोश बढ़ाया है. जब से वे न्यूयौर्क के मेयर बने हैं, मुझे भी लगता है कि दिल्ली की मेयर मैं बन जाऊं,’’ अनामिका ने कहा.
‘‘ओह, तो यह मामला है. न्यूयौर्क से चली हवा दिल्ली तक आ गई है,’’ विजय बोला.
‘‘अरे भई, खरबूजे को देख कर ही तो खरबूजा रंग बदलता है. फिर जोहरान ममदानी में क्या कमी है… बंदा डंके की चोट पर मेयर बना और आते ही उस ने अपने तेवर दिखा दिए हैं,’’ अनामिका बोली.
‘‘तुम जोहरान ममदानी के बारे में जानती ही क्या हो? कौन है वह बंदा जो तुम इतना जोश में आ गई हो?’’ विजय ने चिढ़ते हुए पूछा.
‘‘जोहरान ममदानी के बारे में मैं ने खबरों में काफी खंगाला है. वे एक शिया मुसलिम युगांडाई स्कौलर महमूद ममदानी और भारत की मशहूर फिल्मकार मीरा नायर के बेटे हैं. वैसे, महमूद ममदानी के पूर्वज भी भारतीय हैं. मीरा नायर भारत में एक हिंदू परिवार से हैं.
‘‘तुम ने मीरा नायर की बनाई गई कुछ चुनिंदा फिल्मों के बारे में तो सुना ही होगा, जैसे ‘सलाम बौम्बे’, ‘मानसून वैडिंग’, ‘द नेमसेक’, कामसूत्र-द टेल औफ लव और ‘मिसिसिपी मसाला’. ‘मानसून वैडिंग’ तो मेरी पसंदीदा फिल्मों में आती है,’’ अनामिका बोली.
‘‘और क्या जानती हो तुम जोहरान ममदानी के बारे में? सिर्फ मां के नाम पर तो कोई बड़ा नेता नहीं बन जाता है न…’’ विजय बोला.
‘‘तुम ने सही कहा. चलो, अब तुम्हें मैं जोहरान ममदानी के बारे में थोड़ा तफसील से बताती हूं. उन का जन्म 18 अक्तूबर, 1991 को युगांडा देश के कंपाला इलाके में हुआ था. उन का बचपन युगांडा, दक्षिण अफ्रीका और न्यूयौर्क में बीता.
‘‘अमेरिका में उन्होंने साल 2014 में बौडौइन कालेज से अफ्रीकाना स्टडीज में डिगरी हासिल करने से पहले बैंक स्ट्रीट स्कूल फौर चिल्ड्रन और ब्रोंक्स हाईस्कूल औफ साइंस में पढ़ाई की थी.
‘‘साल 2017 में जोहरान ममदानी राजनीतिक और सामाजिक संगठन ‘डैमोक्रैटिक सोशलिस्ट्स औफ अमेरिका’ में शामिल हो गए थे. उन्होंने साल 2020 में न्यूयौर्क राज्य विधानसभा के लिए चुनाव जीता था, जहां उन्होंने क्वींस के 36वें जिले की नुमाइंदगी की थी.
‘‘फिर वे साल 2022 और साल 2024 के चुनावों में निर्विरोध चुने गए थे. अपने कार्यकाल के दौरान ममदानी ने 20 विधेयकों का समर्थन किया था, जिन में से 3 कानून बन गए थे.
‘‘इतना ही नहीं, जोहरान ममदानी पर अपनी मां मीरा नायर के कला व्यवसाय का भी काफी असर रहा है. वे एक हिपहौप कलाकार भी रह चुके हैं, जो ‘यंग कार्डेमम’ या ‘मिस्टर कार्डेमम’ के नाम से जाने जाते हैं.
‘‘जोहरान ममदानी ने साल 2018 में अमेरिकी नागरिक के रूप में नागरिकता हासिल की थी और इसी साल उन्होंने सीरियाईअमेरिकी कलाकार रमा दुवाजी से शादी की है,’’ अनामिका ने बताया.
थोड़ा रुक कर अनामिका ने आगे बताया, ‘‘34 साल के जोहरान ममदानी ने अपने जबरदस्त अभियान के दम पर यह जीत हासिल की है. वे जब क्वींस से असैंबली मैंबर थे, तब उन्होंने अपने शहर के टैक्सी ड्राइवरों के लिए भूख हड़ताल की थी.
‘‘साल 2021 में 30 साल के ममदानी सिटी हाल पार्क में खड़े हुए और उन्होंने घोषणा की कि वे न्यूयौर्क शहर के टैक्सी ड्राइवरों को कर्ज से राहत दिलाने के लिए शहर के अफसरों पर दबाव डालने के लिए उपवास करेंगे.
‘‘उस समय, उन्हें पद संभाले हुए एक साल से भी कम समय हुआ था. यह हड़ताल टैक्सी मैडेलियन लोन से होने वाले भारी कर्ज के जवाब में की गई थी, जिस ने कई ड्राइवरों को मालीतौर पर बरबाद कर दिया था और कुछ को तो खुदकुशी करने पर भी मजबूर कर दिया था.’’
‘‘तुम्हें पता है न कि जोहरान ममदानी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में क्या कहा था?’’ विजय ने अनामिका से पूछा.
‘‘क्या उन्होंने कुछ गलत कहा था?’’ अनामिका बोली, ‘‘हां, चुनाव जीतने ने बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा था कि आप के सामने खड़े हो कर मैं जवाहरलाल नेहरू के शब्दों के बारे में सोचता हूं कि एक ऐसा क्षण आता है, जब हम पुराने से नए की ओर कदम बढ़ाते हैं. जब एक युग का अंत होता है और लंबे समय से दमित राष्ट्र की आत्मा को अभिव्यक्ति मिलती है. आज रात हम ने पुराने से नए युग में कदम रख लिया है.’’
यह सुन कर विजय ने कहा, ‘‘पर जोहरान ममदानी ने न्यूयौर्क शहर के मेयर पद के अपने प्रचार अभियान के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ले कर विवादास्पद बयान दिया था.
‘‘एक मेयर फोरम के दौरान उन्होंने कहा था कि मोदी को उसी तरह देखा जाना चाहिए, जैसे लोग इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को देखते हैं.
‘‘जब उन से यह सवाल पूछा गया कि अगर नरेंद्र मोदी न्यूयौर्क आएं, तो क्या वे उन से मुलाकात करेंगे, तो उन्होंने कहा था कि यह व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) एक युद्ध अपराधी है.
‘‘जोहरान ममदानी ने यह भी कहा था कि उन के पिता का परिवार भारत के गुजरात राज्य से है. यह वही राज्य है जहां 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान तकरीबन 1,000 मुसलमानों की मौत हुई थी.
‘‘उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय मोदी की सरकार ने इन घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए. नरेंद्र मोदी ने गुजरात में मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा को इस हद तक बढ़ावा दिया कि आज कई लोग मानते हैं कि वहां अब मुसलमान बचे ही नहीं हैं.’’
‘‘पर किसी नेता को दूसरे नेता के बारे में अपने विचार रखने का हक है…’’ अनामिका बोली,’’ उन्होंने तो डोनाल्ड ट्रंप पर भी निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप को अगर कोई हराने का तरीका दिखा सकता है, तो वह शहर ही है, जिस ने उन्हें जन्म दिया है.
‘‘अगर किसी तानाशाह को डराने का कोई तरीका है, तो वह उन हालात को खत्म करना है, जिन्होंने उसे सत्ता हासिल करने में मदद की. ममदानी ने ट्रंप पर अमेरिका को धोखा देने का आरोप लगाया.
‘‘और तुम यह क्यों नहीं समझ रहे हो कि न्यूयौर्क और न्यूजर्सी वे शहर हैं, जहां भारतीय अच्छीखासी तादाद में रहते हैं. अमेरिका में सब से ज्यादा भारतीय न्यूयौर्क में ही रहते हैं. तुम्हें नहीं लगता कि न्यूयौर्क और न्यूजर्सी जैसे शहरों में हारना डोनाल्ड ट्रंप के लिए सीधा मैसेज है.
‘‘भारतीयों का वोट उन्हें पाना है, तो भारत के प्रति सौफ्ट रहना होगा. ट्रंप अगर यह सोच रहे हैं कि भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपना कर वे चुनाव जीत लेंगे, तो यह नहीं हो सकता.’’
‘‘मुझे तो यह दूर के ढोल सुहावने जैसे लगने वाली बात लगती है. डोनाल्ड ट्रंप बहुत ही माहिर खिलाड़ी हैं.
वे जोहरान ममदानी को इतनी आसानी से राजनीति नहीं करने देंगे,’’ विजय बोला.
‘‘तुम जोहरान ममदानी के नाम पर इतना उखड़ क्यों रहे हो? बात मेरे मेयर बनने के सपने को ले कर शुरू हुई थी. वैसे भी जब तक हम सपने नहीं देखेंगे, तब तक उन्हें पूरा करने की ताकत कैसे आएगी?
‘‘माना कि भारत में धर्म और जातिवाद के नाम पर सियासत की जाती है और नेता चुने जाते हैं, पर अभी भी इतना अंधेरा नहीं हुआ है, जितना तुम सोच रहे हो. मैं मेयर बनूं या न बनूं, पर मुझे यह तो समझ आया है कि सियासत की राह कभी भी आसान नहीं होगी.’’
‘‘अनामिका, मेरा वह मतलब नहीं था. तुम बहुत होशियार हो, पढ़ीलिखी हो और तुम में जनता के दुखदर्द को समझ सकने की काबीलियत है, पर यह काम तो तुम आईएएस बन कर भी कर सकती हो,’’ विजय ने कहा.
‘‘तुम्हारी बात में दम है. पर मुझे मौका मिला तो मैं दिल्ली की मेयर जरूर बनूंगी. फिर देखना कैसे मैं दिल्ली का सुधार करती हूं,’’ अनामिका ने हंसते हुए कहा.
‘‘ठीक है, पर अब जरा हम फ्रैश हो कर कौफी पीने चलें, क्योंकि इस गरमागरम बहस के बाद मुझे कौफी पीने की तलब लग गई है,’’ विजय बोला.
‘‘नेकी और पूछपूछ… जल्दी चलो और मुझे भी मस्त सी कौफी पिलवाओ,’’ अनामिका ने विजय के गले में अपनी बांहें डालते हुए कहा और उसे प्यार से चूम लिया. Hindi News Story




