Superstition: अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें.

सवाल –

मैं 25 साल की लड़की हूं और दिल्ली में रहती हूं. हमारे इलाके में ही थोड़ी दूर मेरी चाची भी रहती हैं. वे बहुत ज्यादा अंधविश्वासी हैं और हर दिन किसी न किसी तरह का टोनाटोटका करती रहती हैं. एक दिन तो वे किसी के घर के आगे सिंदूर में लिपटे नीबू छोड़ आईं. किसी ने उन्हें ऐसा करते देख लिया, तो वहां क्लेश हो गया. मेरे चाचाजी ने माफी मांगी तो लोगों ने चाची की जान छोड़ी. हम सब उन्हें समझासमझा कर थक गए हैं, पर उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. इस तरह लोगों ने उन से दूरी बना ली है और उन का हुक्कापानी बंद कर दिया है. इस दुविधा से निकलने के लिए हम ऐसा क्या करें कि चाची को अक्ल आ जाए?

जवाब –

यह बहुत विकट समस्या है कि अंधविश्वासी लोग न तो खुद चैन से रहते हैं और न ही दूसरों को रहने देते हैं. जब समझाने से चाची कुछ नहीं समझ रहीं तो आप सभी उन से थोड़ी सख्ती से पेश आएं. जैसे दूसरों ने उन का हुक्कापानी बंद कर दिया है, वैसा ही कुछकुछ रुख आप लोग भी अपनाएं.

हालांकि, इसे भी वे किसी के किएकराए का असर मानते हुए फिर टोटके करेंगी, लेकिन इस बाबत उन्हें साफ लफ्जों में समझा दें कि अब आप लोग उन की बेजा हरकतें और ज्यादा बरदाश्त नहीं कर सकते. अंधविश्वासों की पोल खोलती पत्रिकाएं ‘सरिता’ और ‘सरस सलिल’ घर में रखें और ऐसे लेख व कहानियों की चर्चा तेज आवाज में करें, जिस से उन का ध्यान इस तरफ जाए.

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