“भैया, आप से एक बात करनी है,” 25 साल के मदन ने अपने बड़े भाई जैसे दोस्त जितेंद्र से एक दिन अचानक कहा.

“बोलो, क्या बात है?” जितेंद्र बोला.

“भैया, आप शादीशुदा हैं, इसलिए जरूर समझेंगे. यह थोड़ी निजी समस्या है. आप इसे गंभीरता से लेना,” मदन धीरे से बोला.

जितेंद्र ने कहा, “ज्यादा पहेली न बुझाओ. गर्लफ्रैंड का चक्कर है क्या?”

मदन बोला, “हां, पर समस्या गर्लफ्रैंड से नहीं है. वहां तो सब सही है, लेकिन मैं जब भी सैक्स करता हूं तो बिना ताकत की दवा के मजा ही नहीं आता है. बिना उस के तो मैं जल्दी पस्त हो जाता हूं, पर दवा लेते ही घोड़ा बन जाता हूं.”

“तो समस्या क्या है?” जितेंद्र ने पूछा.

“कहीं मुझे ताकत की दवा लेने की लत तो नहीं लग गई है?” मदन ने अपने दिल की बात रखी.

“अच्छा, तो यह बात है. देखो मदन, मुझे लगता है कि तुम मन से यह मान चुके हो कि बिना ताकत की दवा के सैक्स का पूरा मजा ले ही नहीं सकते हो. अपनी गर्लफ्रैंड पर मर्दानगी जताने के लिए तुम ऐसा कर रहे हो. तुम्हें लगता है कि अगर गर्लफ्रैंड प्यासी रह जाएगी, तो वह तुम्हें छोड़ कर चली जाएगी,” जितेंद्र ने कहा.

“यही बात मुझे खाए जा रही है भैया. मैं अब इस जंजाल से निकलना चाहता हूं. मेरा खुद पर से यकीन कम होता जा रहा है. मुझे इन दवाओं से छुटकारा दिखाओ,” मदन असली मुद्दे पर आया.

“एक दोस्त होने के नाते मैं तुम्हें यही सलाह दूंगा कि इस तरह की ताकत की दवाएं तुम किसी माहिर डाक्टर की सलाह पर ही लेना. मुझे लगता है कि सैक्स को ले कर तुम में आत्मविश्वास की कमी है. हर किसी के साथ ऐसा हो सकता है कि उस में सैक्स करने की नाकामी का डर बैठ जाए,” जितेंद्र ने अपनी सलाह दी.

यह समस्या अकेले मदन की नहीं है, बल्कि बहुत से नौजवान, यहां तक कि अधेड़ और बूढ़े भी अपनी मर्दानगी बढ़ाने, लंबे समय तक सैक्स का मजा लेने और अपने पार्टनर के सामने शर्मिंदा न हों, इस डर से सैक्स की ताकत बढ़ाने की दवा का इस्तेमाल बिना किसी डाक्टरी सलाह के करते हैं.

आमतौर पर सैक्स की ताकत बढ़ाने वाली दवाएं अपना काम कर देती हैं, लेकिन इन का असर सभी पर एक जैसा पड़े, यह जरूरी नहीं है. होता क्या है कि ऐसी दवाएं शरीर में नाइट्रिक औक्साइड की मात्रा बढ़ा देती हैं, जिस से नसें मोटी हो जाती हैं और शरीर में खून का दौरा बढ़ जाता है. इस से अंग में तनाव में पैदा हो जाता है.

लेकिन बहुत से लोगों में ऐसी दवाओं के सेवन के बाद साइड इफैक्ट भी देखे गए हैं, जैसे सिरदर्द होना, चक्कर आना, देखने में कमी आना, गरमी लगना, नाक का बंद होना, जी मिचलाना वगैरह.

पर ये सामान्य लक्षण होते हैं. कई बार समस्या गंभीर भी हो जाती है, जिस में सीने में दर्द, दिखना बंद होना, सांस लेने में दिक्कत, घुटन महसूस होना, चेहरे पर सूजन की समस्या पैदा हो जाती है.

लिहाजा, जिन लोगों को सीने में दर्द की समस्या रहती है, तो उन्हें इस तरह की दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए. अगर किसी को हार्ट अटैक या फिर स्ट्रोक हो चुका है, तो वह ऐसी दवा का इस्तेमाल न करे.

अगर कोई ब्लड प्रैशर की दवा ले रहा है या किसी को डाइबिटीज है, तो भी इस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. किडनी की परेशानी है, तो बिना डाक्टरी सलाह के इस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

प्लास्टिक, कौस्मैटिक सर्जन और एंड्रोलौजिस्ट डाक्टर अनूप धीर ने बताया, “इस तरह की हर दवा का अपना फायदा और नुकसान होता है. लिहाजा, डाक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करना चाहिए, क्योंकि वह बेहतर जानता है कि कौन सी दवा कितने समय तक लेनी चाहिए.

“डाक्टर ने जितने समय के लिए ऐसी दवा लेने की सलाह दी है, उस के बाद सेवन नहीं करना चाहिए. एक और बात कि इन दवाओं की लत नहीं लगती है, पर कुछ लोग इन के आदी हो जाते हैं, जो सही नहीं है.”

भारत जैसे देश में तो यह समस्या और ज्यादा गंभीर हो जाती है, जहां सैक्स जैसे मुद्दे पर खुल कर बातें नहीं होती हैं, तभी तो लोग ऐसी दवाओं का इस्तेमाल बिना सोचेसमझे करते हैं.

बहुत से लोग तो कैमिस्ट के पास जा कर भी दवा नहीं मांग पाते हैं, तो वे ऐसी दवाएं औनलाइन खरीद लेते हैं, जहां पता ही नहीं चल पाता है कि औनलाइन कंपनी सही है या नहीं. फिर बिना डाक्टरी सलाह के बहुत से लोग अपनी डोज बढ़ा देते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित हो सकती है.

बहुत से लोग तो सड़कछाप नीमहकीम की शिलाजीत के नाम पर खरीदी गई चटनी, नीलीपीली गोलियों और मर्दाना तेल को ही सैक्स की ताकत बढ़ाने का फार्मूला मान लेते हैं और पैसे व सेहत से लुट जाते हैं.

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