उत्तर प्रदेश और बिहार में ‘रामचरितमानस’ को ले कर विवाद चल रहा है. डाक्टर पल्लवी सिंह पटेल का नाम भी सुर्खियों में है. वे अपने पिता डाक्टर सोनेलाल पटेल के विचारों को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं, ‘‘हमें अपने समाज को जागरूक करने की जरूरत है, जिस से वह इन किताबों को पढ़े ही नहीं. किताब की कुछ लाइनों को हटाने से समाज का भला नहीं होने वाला है. जब तक हम समाज को जागरूक नहीं करेंगे, तब तक वह अंधविश्वास और कुरीतियों में फंस कर रूढि़वादी ताकतों के हाथों में खेलता रहेगा.’’

समाजवादी पार्टी की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की नेता और विधायक डाक्टर पल्लवी सिंह पटेल ने समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पर भी निशाना साधा है. वे चौपाई पर की जा रही आपत्ति को सही करार देती हैं, लेकिन देर से बोलने पर एतराज भी जताया है.

डाक्टर पल्लवी सिंह पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाना गलत है. लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य ने उस वक्त इस पर सवाल क्यों नहीं उठाया, जब वे भारतीय जनता पार्टी में थे? अगर उन्हें इतना ही बुरा लगा था, तो नैतिकता के आधार पर पार्टी का साथ छोड़ देना चाहिए था.

विधायक डाक्टर पल्लवी सिंह पटेल ने कहा, ‘‘‘रामचरितमानस’ की चौपाई में लिखा है ताड़ना के अधिकारी. मैं एक नारी हूं और हिम्मत है तो कोई मेरी ताड़ना कर के दिखा तो दे. यह सिर्फ मन में होता है. अगर आप में शक्ति है तो लिखी हुई बातें आप कभी भी गलत साबित कर सकते हैं.

‘‘मैं खुद स्त्री हूं, लेकिन मेरी ताड़ना करने का अधिकार और हिम्मत कोई नहीं रखता है, इसलिए मेरा मानना है कि समाज को जागरूक और मजबूत बनाया जाए.’’

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