राजस्थान के भरतपुर जिले के चिकसाना थाना क्षेत्र के गांव नौह निवासी हरिप्रसाद शर्मा के शादीशुदा बेटे पवन शर्मा के रहस्यमय परिस्थितियों में घर से देर रात गायब हो जाने पर परिवार ही नहीं, मोहल्ले के लोग भी अचंभित हो गए.

गुमशुदा पवन शर्मा के घर वालों को उस की पत्नी टीना ने बताया कि देर रात किसी का फोन आया था, जिस के बाद कामधंधे के लिए जाने की बात कह कर वह कहीं चले गए. जाते समय उन्होंने बताया था कि थोड़ी देर में आ जाएंगे.

टीना की बात पर यकीन कर के घर वाले कुछ नहीं बोले. हालांकि आधी रात को कामधंधे के लिए कहीं चले जाने की बात उन के गले से नहीं उतरी, पर और कोई चारा भी नहीं था. लेकिन 4-5 दिन गुजर जाने के बाद पवन वापस नहीं आया तो पिता हरिप्रसाद शर्मा थाने में बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए जाने लगे.

इस पर पहले तो टीना ने उन्हें यह कह कर रोकने की कोशिश की कि वो कामधंधे के लिए गए हैं, गुमशुदगी दर्ज कराई तो पुलिस उलटे हमें ही परेशान कर सकती है. फिर बाद में कुछ सोच कर उस ने ससुर के साथ चिकसाना थाने जा कर पति की गुमशुदगी दर्ज करवा दी.

पुलिस ने हरिप्रसाद से पवन का हुलिया, पहने गए कपड़ों सहित अन्य जरूरी जानकारी ले कर गुमशुदगी दर्ज कर ली और अपने स्तर से पवन को तलाशना शुरू कर दिया.

लेकिन हफ्ते-2 हफ्ते की बात छोडि़ए, 4-5 महीने बीत जाने के बाद भी पवन की खबर नहीं मिली, जिस से उस के घर वाले निराश हो चुके थे. जबकि बहू टीना अपने में मस्त रहती.

बच्चों को उस ने पहले ही पवन के दादादादी के पास बेहतर पढ़ाई कराने के बहाने भेज दिया था, इसलिए उस पर कोई जिम्मेदारी तो थी नहीं. वह आजादी से मनमानी कर रही थी. बस एक काम वह जरूर कर रही थी. वह यह कि सभी व्रत उपवास और धार्मिक कार्यों में घर वालों के साथ जरूर शामिल होती थी.

पवन की गुमशुदगी के बाद घर वालों की नजर में टीना एक तरह से दुखियारी बन चुकी थी, इसलिए हर कोई उस से सहानुभूति रखता था.

अक्तूबर 2022 महीने की 18 तारीख थी. हरिप्रसाद शर्मा को नींद नहीं आ रही थी. जवान बेटे के असमय वियोग ने उन्हें उम्र से कहीं ज्यादा बूढ़ा बना दिया था. जीवन बोझ लगने लगा था. बस बेटे के वापस आने की उम्मीद में ही जिंदा थे.

देर रात हरिप्रसाद शर्मा पानी पीने के लिए उठे तो बहू के कमरे से किसी मर्द की आवाज सुन उन्हें लगा कि शायद उन की मुराद पूरी हो गई है और बेटा वापस आ गया है. कौतूहलवश उन के कदम बहू के कमरे की तरफ बढ़ चले. लेकिन थोड़ी दूर जा कर ही उन्हें रुकना पड़ा.

कमरे के अंदर बेटा तो नहीं था, बल्कि पड़ोसी भोगेंद्र उर्फ भोला उन की बहू के साथ आपत्तिजनक हालत में था. बहू टीना का हाथ पकड़ कर वह कह रहा था, ‘‘जानू, किस्मत अच्छी थी जो अपना काम भी हो गया और किसी को पता भी नहीं चला. मस्त रहो तुम, अब अपन ऐश करेंगे.’’

यह सुन कर अपमान, शर्म और दुख से आहत हो हरिप्रसाद ने बहू के कमरे को बाहर से ताला लगा दिया और थाने में सूचना देने चल पड़े. लेकिन जब तक पुलिस पहुंचती भोगेंद्र उर्फ भोला ने फोन कर अपने पिता दिनेश चंद और भाई को बुला लिया.

उन दोनों ने हरिप्रसाद के घर वालों से लड़झगड़ कर कमरे का ताला तोड़ कर भोगेंद्र को वहां से निकाल लिया और अपने साथ ले गए. भोगेंद्र उसी रात को गांव से दिल्ली चला गया.

हरिप्रसाद शर्मा ने 20 नवंबर, 2022 को चिकसाना थाने पहुंच कर लिखित शिकायत कर दी. उन्होंने अपनी बहू टीना और उस के प्रेमी भोगेंद्र द्वारा अपने बेटे पवन की हत्या अथवा उसे गायब करने का आरोप लगाया.

एसएचओ विनोद कुमार मीणा ने मामले की गंभीरता देखते हुए हत्या के ऐंगल से मामले की जांच शुरू की और भरतपुर के एसपी श्याम सिंह के आदेश तथा एएसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय (आईपीएस) के निर्देशन में पुलिस टीम गठित की गई, जिस में एएसआई बलबीर सिंह, महेंद्र सिंह, हेडकांस्टेबल कैलाश चंद और सिपाही पुष्पेद्र सिंह, उदयवीर सिंह तथा योगेंद्र सिंह को शामिल किया गया.

पुलिस टीम ने सब से पहले दिल्ली से गांव लौटे आरोपी भोगेंद्र और टीना को हिरासत में ले कर उन से मनोवैज्ञानिक ढंग से पूछताछ की. इस के साथ ही साक्ष्य एकत्रित किए.

पुलिस पूछताछ से घबरा कर टीना और भोगेंद्र ने हत्या को अंजाम देना कुबूल कर लिया, जिस के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों के कुबूलनामे के बाद पवन की हत्या की जो कहानी उजागर हुई, वह इस प्रकार निकली—

राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरहद पर बसा एक बड़ा शहर है भरतपुर, जिसे उत्तर प्रदेश के लोग राजस्थान का प्रवेश द्वार भी कहते हैं. इसी भरतपुर जिले के चिकसाना थाना क्षेत्र गांव नौह में ब्राह्मणों के कई परिवार रहते हैं.

इन में से एक परिवार है हरिप्रसाद शर्मा का. इन के बेटे पवन शर्मा की शादी की उम्र निकलती जा रही थी. उस के योग्य कोई रिश्ता नहीं मिल पाने से मातापिता और रिश्तेदार चिंता में रहते थे.

तभी पवन के लिए उत्तर प्रदेश के महानगर कानपुर से टीना नाम की लड़की का रिश्ता आया. फिर दोनों ओर से बातचीत हो जाने पर यह रिश्ता तय हो गया और 2015 में पवन की शादी टीना के साथ हो गई.

महानगर की रहने वाली खुले स्वभाव की टीना को गांव में स्थित ससुराल आ कर थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन भरतपुर शहर गांव के नजदीक होने के कारण वह धीरेधीरे वहां के रंग में रचबस गई. हंसीखुशी के साथ पतिपत्नी का समय बीतने लगा और 5 साल में टीना 2 बच्चों की मां भी बन गई.

बच्चे बड़े हुए तो दंपति ने उन्हें उन की अच्छी पढ़ाई के लिए थोड़ी दूर स्थित दादादादी के पास छोड़ दिया. टीना और पवन पिता के साथ रहने लगे. पवन और टीना की उम्र में बड़ा अंतर था. जहां टीना 23 की थी वहीं पवन 37 साल का यानी उन की उम्र में 14 साल का अंतर था.

उम्र का ये बड़ा अंतर शुरू में तो पता नहीं चला, लेकिन वक्त गुजरने के साथ ही दांपत्य जीवन में यह अंतर अपना असर दिखाने लगा. जहां टीना हिरनी की तरह कुलांचे भर कर दौड़ना चाहती थी तो वहीं 2 बच्चों का बाप बनने के बाद पवन धीरगंभीर हो गया था और कामधंधे को ले कर ज्यादा समय गुजारने लगा था.

पति द्वारा अपनी उपेक्षा से आहत टीना ने इसी दौरान करीब 2 साल पहले ब्राह्मण परिवार के हमउम्र पड़ोसी युवक भोगेंद्र उर्फ भोला से जानपहचान बढ़ा ली, जो बाद में अवैध संबंधों में बदलती गई.

27 वर्षीय भोगेंद्र दिल्ली की किसी प्राइवेट फर्म में नौकरी करता था और गांव में घर होने के कारण समयसमय पर आताजाता रहता था. जब से टीना से उस की आंखें चार हुईं, भोगेंद्र टीना के आकर्षण में फंस कर उस के आसपास मंडराने लगा और दोनों का प्रेम परवान चढ़तेचढ़ते अनैतिकता की हदें पार कर गया.

पवन को भोला का बारबार उस के घर आना अच्छा नहीं लगता था, लेकिन 2 बच्चों की मां बन चुकी पत्नी पर वह शक नहीं करना चाहता था, इसलिए देवरभाभी का रिश्ता मान कर चुप रह जाता था, जिस का बेजा फायदा उठा कर टीना और भोगेंद्र उर्फ भोला मर्यादा की सीमाएं लांघ गए थे.

मई महीने की एक रात थी, जब थकान के कारण पवन जल्दी घर आ कर सो गया था. देर रात उस की नींद खुली तो अपनी पत्नी को भोगेंद्र के साथ हमबिस्तर देख सन्न रह गया.

फिर परिवार की बदनामी होने के चलते दोनों को कड़ी फटकार लगा कर उस ने मामला दबा दिया, लेकिन वासना की आग में जल रहे टीना और भोगेंद्र ने अपने रास्ते के कांटे पवन को ठिकाने लगाने का मन बना लिया था. वे मौके की तलाश में रहने लगे.

तयशुदा साजिश के अनुसार 29 मई, 2022 की रात को टीना ने फोन कर दिल्ली से भोगेंद्र को गांव बुलाया तो वह अपने दोस्त उत्तर प्रदेश के एटा जिले के रहने वाले दीप सिंह के साथ रात साढ़े 12 बजे गांव पहुंचा और दीप सिंह को घर के बाहर बाइक पर छोड़ कर खुद टीना से मिलने घर में घुस गया.

वह बेखौफ हो कर उस से रोमांस करने लगा, तभी पवन की नींद खुल गई और अपनी पत्नी को गैरमर्द की बाहों में देख अपना आपा खो बैठा. वह भोगेंद्र उर्फ भोला से भिड़ गया. लेकिन कदकाठी से मजबूत भोगेंद्र ने नींद से जागे पवन का मुंह दबोच कर उसे काबू में कर लिया और अपने साथी दीप सिंह को बुला कर उस की मदद से पवन की रस्सी से गला घोट कर हत्या कर के ठिकाने लगा दिया.

रात ढलने वाली थी, इसलिए रजाई के कवर में लाश लपेट कर बोरे में भर कर दोनों दोस्तों ने वह बैड के अंदर बने बौक्स में रख दी. उन्होंने सोचा कि मौका देख कर नहर में फेंक देंगे. फिर दोनों सुबह होने से पहले बाइक से दिल्ली चले गए. अगले दिन वट सावित्री व्रत आया, यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सलामती के लिए रखती हैं.

टीना ने भी व्रत पूजा की और बाद में उसी बैड पर बैठ कर खीरपूरी खाई, जिस के अंदर बौक्स में पति की लाश रखी गई थी. इत्मीनान से फोन पर किसी से देर तक बातचीत करने के बाद वह सो गई.

एकदो दिन से ज्यादा लाश को घर में नहीं रखा जा सकता था, क्योंकि गरमी के दिन थे. बदबू फैल कर हत्या का राज फाश कर सकती थी. लिहाजा वापस भोगेंद्र अपने दोस्त दीप सिंह के साथ गांव नौह पहुंचा. दोनों ने बाइक से गांव से 2 किलोमीटर दूर स्थित गिरिराज नहर में लाश बड़े पत्थर से बांध फेंक दी. इस के बाद वे दोनों वापस दिल्ली लौट गए.

इस बीच रोनेधोने के साथ ही टीना ने एकदो दिन खानापीना छोड़ कर घर वालों को जता दिया कि वह पति के लापता हो जाने से बेहद दुखी है. साथ ही गुमशुदगी दर्ज होने के बाद कुछ दिनों तक शातिरदिमाग टीना और भोगेंद्र ने मोबाइल से बात करनी बंद कर दी, ताकि किसी को उन शक न हो. इसी बीच टीना अपने पीहर वालों को बुला कर उन के साथ कानपुर चली गई.

वापस भरतपुर आने के बाद टीना घर वालों और पुलिस की गतिविधियों के समाचार दूसरे फोन से प्रेमी भोगेंद्र को दे कर सचेत करती रही. खास बात यह रही कि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस और घर वाले पवन को तलाशते रहे और भोगेंद्र तथा टीना वापस मिलने लगे और उन की नजदीकियां बढ़ती गईं.

2 बच्चों की मां टीना और भोगेंद्र का प्रेम धीरेधीरे पागलपन की हद तक पहुंच चुका था. दोनों को एकदूसरे से मिले बिना चैन नहीं था, इसलिए दोनों देर रात को उस वक्त चोरीछिपे मिल लेते थे. जब दुनिया वाले सो रहे होते.

दीपावली से पहले महिलाओं का सब से महत्त्वपूर्ण व्रत करवाचौथ आया. तब भी टीना ने पति की लंबी उम्र और सलामती के लिए वह सावित्री का व्रत रखा. उस ने नई साड़ी पहन, शृंगार कर के दूसरी औरतों की तरह करवाचौथ की कहानी सुन कर चंद्रमा की पूजा आरती भी की. किसी को शक तक नहीं होने दिया कि गुमशुदा पवन शर्मा के साथ अनहोनी हो चुकी है.

लेकिन 16 अक्तूबर, 2022 की रात को हरिप्रसाद को बहू की हकीकत पता लग गई. भोगेंद्र उर्फ भोला और टीना की निशानदेही पर पुलिस ने मृतक के कमरे में उस के बैड से खून से सना रजाई का कवर, नायलौन की रस्सी के अतिरिक्त हत्याकांड में प्रयुक्त बाइक बरामद कर ली.

अभियुक्त भोगेंद्र को रिमांड पर ले कर पुलिस उसे उस जगह ले गई, जहां उस ने पवन की लाश फेंकी थी. गोताखोरों की मदद से नहर के गंदे पानी से मृतक का करीब 6 महीने पुराना शव जो करीबकरीब नष्ट हो चुका था. उस की हड्डियां और वह बड़ा पत्थर बरामद कर जब्त कर लिया, जिस से बांध कर शव फेंका था.

साथ ही नहर से मिली मृतक पवन की पैंट शर्ट की जेबों से पवन तथा टीना के आधार कार्ड जन आधार कार्ड भी बरामद कर सबूत के लिए जब्त कर लिए और हत्याकांड के बाद फरार हो गए भोगेंद्र के साथी दीप सिंह निवासी एटा (उत्तर प्रदेश) को तलाशना शुरू किया.

पुलिस टीम ने उसे भी जल्दी गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. साथ ही 21 नवंबर से 4 दिन के पुलिस रिमांड पर चल रहे भोगेंद्र उर्फ भोला को भी रिमांड अवधि पूर्ण होने तथा सभी वांछित साक्ष्य बरामद कर लेने के बाद 24 नवंबर, 2022 को अदालत में पेश किया गया, जहां से कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया.

मृतक की पत्नी टीना को पहले ही गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा जा चुका था. कथा लिखे जाने तक पवन शर्मा हत्याकांड के सभी तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया था.

हालांकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन दुखद बात यह रही कि टीना की नासमझी या यूं कहिए कि टीवी के क्राइम पैट्रोल जैसे शो लगातार देखने के कारण उपजी शातिराना हरकतों की वजह से उस की खुशहाल गृहस्थी तो उजड़ी ही, साथ ही 2 निर्दोष मासूम बच्चे भी अनाथ हो गए

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...