—शाहनवाज 

हरियाणा के सोनीपत से 10 नवंबर, 2021 की दोपहर करीब साढ़े 3 बजे एक खबर वायरल हुई, जिस ने लोगों को सकते में डाल दिया. खबर ऐसी थी जिस पर भरोसा करना आसान नहीं था.

दरअसल, सोनीपत से रेसलर निशा दहिया की हत्या की खबर सुन कर लोग हैरान हो गए थे. खबर सिर्फ निशा दहिया की हत्या के बारे में नहीं थी, बल्कि निशा के साथसाथ उस के भाई और उस की मां को गोली लगने की भी बात वायरल हुई थी. यही नहीं, इस खबर के जिस हिस्से ने लोगों के बीच दहशत मचा दी थी वह यह थी कि हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि निशा की अकेडमी का कोच था.

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निशा दहिया की हत्या की खबर इतनी तेजी से वायरल हुई कि देखते ही देखते ये खबर टीवी चैनलों पर दिखाई जाने लगी. लोगों के लिए यह खबर इसलिए भी हैरान करने वाली थी क्योंकि हत्या के महज 2 दिन पहले ही निशा ने सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड शहर में हुई अंडर23 रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर देश का नाम ऊंचा किया था.

निशा ने इस प्रतियोगिता में 65 किलोग्राम वर्ग में भाग लिया था और तीसरा स्थान प्राप्त किया था. जिस के बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें और बाकी विजेता खिलाडि़यों को ट्वीट कर मुबारकबाद दी थी.

लोग यह सोच कर हैरानपरेशान थे कि जिस खिलाड़ी ने अनेक बार विदेश में देश के तिरंगे का सम्मान ऊंचा किया, उसी के कोच ने ही उस की हत्या क्यों कर दी.

लेकिन उसी दिन शाम के करीब 7 बजे इंस्टाग्राम पर निशा की आईडी से एक विडियो अपलोड हुआ, जिसे देख कर लोग फिर से हैरत में पड़ गए थे. दरअसल, उस विडियो में इंटरनैशनल रेसलर निशा दहिया ही दिखाई दी. निशा के साथ नामचीन रेसलर साक्षी मलिक भी थी.

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निशा ने अपने इस विडियो में कहा, ‘मेरा नाम निशा है और मैं सीनियर नैशनल खेलने गोंडा आई हूं. मेरी हत्या की न्यूज झूठी है. मैं बिलकुल ठीक हूं.’

निशा के द्वारा पोस्ट किए गए इस विडियो से यह तो साफ हो गया था कि लोग हत्या की खबर सुन कर जिस निशा के बारे में सोच रहे थे, वह वो नहीं थी. लेकिन रेसलर निशा दहिया की हत्या की खबर झूठी भी नहीं थी.

निशा के विडियो पोस्ट करने के बाद सोनीपत के एसपी राहुल शर्मा ने भी आधिकारिक रूप से बयान दिया, ‘‘यह निशा दहिया (जिन की गोली मार कर हत्या की गई) और पदक विजेता पहलवान निशा दहिया 2 अलगअलग लड़कियां हैं. पदक विजेता पहलवान पानीपत की हैं और अभी एक कार्यक्रम में गोंडा गई हुई हैं.’’

अब लोगों के बीच सवाल यह था कि अगर इंटरनैशनल रेसलर निशा दहिया ने विडियो पोस्ट कर अपनी सलामती की जानकारी दी थी तो वो कौन निशा थी जिस की हत्या हुई?

बाद में पता चला कि निशा दहिया नाम की जिस पहलवान की हत्या हुई है, वह सोनीपत की रहने वाली है और वह विश्वविद्यालय स्तर की पहलवान है.

10 नवंबर, 2021 के दिन हरियाणा के सोनीपत में एक छोटे से गांव खरखौदा में 21 वर्षीय निशा दहिया सुबह 10 बजे अपने गांव से 14 किलोमीटर दूर हलालपुर में पहलवानी की ट्रेनिंग के लिए घर से निकली थी.

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घर से निकलने से पहले उस ने नाश्ता किया. क्योंकि उस की दिलचस्पी रेसलिंग में बहुत पहले से थी तो वह घर से ट्रेनिंग के लिए निकलने से पहले भारीभरकम नाश्ता कर के निकलती थी.

हालांकि वह अकसर अपने घर से ट्रेनिंग के लिए सुबहसुबह ही निकल जाया करती थी, लेकिन 10 नवंबर, 2021 के दिन अकेडमी के कोच पवन कुमार ने उसे थोड़ा लेट बुलाया था.

पवन अकसर निशा को एक्स्ट्रा ट्रेनिंग के लिए अलग से बुला लिया करता था.  उस दिन जब निशा घर से देर से निकली तो निशा की मां धनपति की चिंता उस के लिए बढ़ने लगी थी. लेकिन वह बेटी के प्रति ज्यादा चिंता न करते हुए अपने दैनिक कामों में व्यस्त हो गईं.

निशा का जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव में बेहद आम परिवार में हुआ. निशा के पिता दयानंद दहिया सीआरपीएफ के जवान हैं और इस समय जम्मू में तैनात हैं. पत्नी धनपति देवी के अलावा इन के 2 ही बच्चे थे. बेटा सूरज दहिया और बेटी निशा. निशा की दिलचस्पी पहलवानी में बचपन से ही थी.

बचपन में स्कूल में दोस्तों के साथ उस के खेल भी उसी तरह के पहलवानी वाले ही हुआ करते थे. लेकिन उस की दिलचस्पी को उड़ान 2 साल पहले उस समय मिली, जब खरखौदा गांव के नजदीक हलालपुर गांव में पहलवानी के लिए कोच पवन ने अकेडमी खोली. उस ने इस का नाम ‘सुशील कुमार अकेडमी’ रखा.

इस अकेडमी के उद्घाटन के लिए खुद रेसलर सुशील कुमार पहुंचे थे और यह बात आसपास के इलाकों में आग की तरह फैल गई थी.

यह अकेडमी उस के घर से करीब 10 किलोमीटर दूर थी. निशा ने इस अकेडमी में प्रवेश ले लिया था. वह गांव से बस द्वारा करीब 25 मिनट में अकेडमी पहुंच जाती थी. हलालपुर में ‘सुशील कुमार अकेडमी’ के नाम से पवन कुमार की इस अकेडमी की जगह काफी बड़ी थी.

अकेडमी में प्रवेश करने के बाद देसी अखाड़े के लिए एक खुला ग्राउंड था, जिस के बाद प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए अंदर छत के नीचे एक बड़ा सा रिंग भी बनाया गया था.

रोजाना की तरह निशा 10 नवंबर, 2021 को भी अकेडमी पहुंची. अकेडमी पहुंच कर निशा ने देखा कि वहां बेहद कम ही लोग मौजूद थे, जिस में कोच पवन, उस के कुछ दोस्त, जिस में सचिन दहिया और विक्रम थे.

उन के साथ पवन की पत्नी सुजाता, पवन का साला अमित मौजूद था. वे सभी अकेडमी में खुले आसमान के नीचे आपस में बातचीत कर रहे थे.

निशा को यह देख कर अजीब लगा कि उस दिन सुजाता भी अकेडमी में मौजूद थी. क्योंकि जब से अकेडमी खुली थी, लगभग तभी से पवन की पत्नी सुजाता ने कभी भी अकेडमी में कदम नहीं रखा था. यही नहीं पवन के वे दोस्त जो मुश्किल से कभीकभार ही अकेडमी में दिखाई देते थे, वो भी उस दिन वहां थे.

यह सब देख कर निशा को दाल में कुछ काला होने की आशंका हुई. लेकिन फिर भी उन्हें अनदेखा करते हुए वह कोच के पास गई और बोली, ‘‘जी सरजी, आज कौन सी प्रैक्टिस करनी है?’’

पवन जो अपने दोस्तों के साथ बात कर रहा था, उस ने निशा के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘पहले वार्मअप करना है. अपनी डेली एक्सरसाइज कर के मुझे अंदर रिंग में मिलो.’’

निशा ने बिना रेसलिंग सूट पहने अपने ट्रैक सूट में ही वार्मअप करना शुरू कर दिया. करीब आधे घंटे तक वार्मअप करने के बाद जब निशा अंदर रेसलिंग रिंग में पहुंची तो उस ने देखा कि वहां पर उस के कोच के साथ उस के दोस्त सचिन और अमित भी मौजूद थे. और उसी रूम के किनारे पत्नी सुजाता और उस का साला भी था.

उन्हें देख कर निशा कुछ पलों के लिए घबरा गई, क्योंकि जब से उस ने अकेडमी जौइन की थी तब से उसे इस तरह से किसी ने नहीं घूरा था, जिस तरह से उस दिन उसे बाकी लोग घूर कर देख रहे थे.

निशा कमरे में अंदर आई तो पवन ने तेज आवाज में उस पर चीखना शुरू कर दिया. वह बोला, ‘‘मैं ने तुझे मना किया था न किसी को भी बताने के लिए. फिर भी तेरा मुंह कैसे खुल गया, बता.’’

कोच की इस तीखी जोरदार आवाज सुन कर निशा कुछ पलों के लिए डर सी गई. वह एक ही जगह पर मानो पुतले सी हो गई थी. लेकिन कुछ पलों के बाद ही उस के दिमाग ने कोच से डरना छोड़ दिया था.

निशा ने साहस दिखाते हुए इतने लोगों के बीच में अपने कोच का विरोध करते हुए कहा, ‘‘के कर लेगा? एक तो ट्रेनिंग के बहाने मुझ से छेड़छाड़ करे है, ऊपर से सोचे है कि तेरी शिकायत भी ना करूं.’’

ये सुन कर पवन ने अपने कान झटके, जैसे मानो उसे अपने कानों पर यकीन न हो रहा हो. उस ने बिना निशा को जवाब दिए अपनी जेब से फोन निकाला, नंबर ढूंढा और अपने कान पर लगाया.

दूसरी तरफ से फोन उठा तो पवन बोला, ‘‘तुम्हारी बेटी की तबियत खराब हो गई है. उसे अकेडमी से आ कर ले जाओ.’’

यह सुन कर निशा के दिलदिमाग में एक तरफ गुस्सा उफान मार रहा था तो दूसरी तरफ वह डर भी रही थी कि अब आगे उस के साथ क्या होगा?

दरअसल, पवन ने निशा के घर पर फोन किया था जोकि उस की मां धनपति ने उठाया था. धनपति पवन की बात सुन कर अपनी बेटी की फिक्र में रोने लगीं. धनपति को रोता देख बेटे सूरज ने मां को सहारा दिया और उन से पूछा कि क्या बात हो गई?

जब धनपति ने अपने बेटे को निशा और पवन की बात बताई तो सूरज को भी अपनी बहन की फिक्र होने लगी. सूरज ने बिना देर किए अपनी मां को बाइक पर बिठाया और तुरंत हलालपुर में अकेडमी के लिए निकल गया. सूरज ने इतनी तेज गति से बाइक चलाई कि 25 मिनट के सफर को महज 10 मिनट में पूरा कर लिया.

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इधर अकेडमी में निशा का झगड़ा पवन और उस के साथ बाकी लोगों से लगातार हो ही रहा था. जब सूरज और धनपति अकेडमी पहुंचे और वे मेनगेट से अंदर घुसे तो उन्होंने कुछ ऐसा देखा, जो कभी सपने में भी नहीं सोचा था. उन्होंने देखा कि निशा पवन और उस के बाकी साथियों से अपनी जान बचाने के लिए ग्राउंड में इधर से उधर भाग रही है.

लेकिन तभी पवन ने जब धनपति और सूरज को अकेडमी में अंदर आते हुए देखा तो उस ने निशा के पीछे भागना बंद कर दिया. उस ने अपनी कमर से पिस्तौल निकाली और निशा पर लगातार गोलियां दागनी शुरू कर दीं.

पवन का निशाना अचूक था. उस की पिस्तौल से निकली एक भी गोली बेकार नहीं गई. निशा पर 4 राउंड की फायरिंग करने के बाद पवन ने अपना रुख धनपति और सूरज की ओर किया. धनपति ने अपनी आंखों से अपनी बेटी को गोली लगते हुए देखा, लेकिन अफसोस वह अपनी बेटी को बचा नहीं पाईं.

खतरे की परवाह किए बगैर धनपति अपनी जख्मी बेटी की ओर भाग कर पहुंचना चाहती थीं कि इस से पहले ही पवन उन दोनों के बीच आ खड़ा हुआ और उस ने धनपति पर पिस्तौल का निशाना लगा दिया.

यह देख कर धनपति अपनी जान बचाने के लिए उल्टा भागने लगी लेकिन पवन की पिस्तौल से गोली निकल चुकी थी, जो जा कर सीधे धनपति को लग गई.

गोली लगने से धनपति जमीन पर गिर पड़ीं. पवन को लगा कि वह भी मर जाएगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पवन की गोली से धनपति सिर्फ घायल हुई थीं.

इसी दौरान जब सूरज ने अपनी मां पर पवन के द्वारा फायर किए जाने की घटना देखी तो वह सकते में आ गया था. जवान हट्टाकट्टा होने की वजह से वह तेजी से भाग कर अकेडमी से बाहर निकल गया.

उसे भागता हुआ देख पवन और सचिन उस के पीछे भागे और उसे जान से मारने के लिए उस का पीछा करने लगे. अफसोस सूरज ज्यादा तेज भागने के बावजूद पवन की गोली से तेज नहीं भाग पाया. अकेडमी के किनारे नहर की ओर करीब 500 मीटर भागने के बाद पवन ने सूरज पर गोली चला दी. सूरज पर 3 राउंड फायरिंग करने के बाद बाइक पर सवार पवन और सचिन वहीं से फरार हो गए. गोली लगने से सूरज की मौत हो गई.

एक ही परिवार में 2 लोगों को जान से मारने और एक को जख्मी करने के बाद अकेडमी में सुजाता समेत बाकी लोग भी वहां से फरार हो गए.

यह पूरी घटना मात्र 5 मिनट के अंदर घटी. गोलियों की आवाजें सुन कर जब तक आसपास के गांव वाले अकेडमी तक पहुंचे, तब तक सभी आरोपी वहां से फरार हो गए थे.

गांव वालों ने इस की सूचना पुलिस को दी और स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने घायल पड़ी धनपति को अस्पताल पहुंचाया. फिर सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी. पुलिस ने काररवाई करते हुए पवन और उस के बाकी साथियों के खिलाफ हत्या की धाराओं में केस दर्ज कर लिया.

इस घटना के बाद 10 नवंबर, 2021 की रात को गुस्साए गांव वालों ने पवन की अकेडमी पर हमला कर दिया. हलालपुर गांव के निवासियों ने पीडि़ता को न्याय दिलवाने की मांग करते हुए पवन की अकेडमी जला कर राख कर दी.

गांव वालों का इस कदर पवन की अकेडमी पर गुस्सा फूटना लाजिमी था, क्योंकि पवन हलालपुर गांव में एक गुंडे के अलावा और कुछ नहीं था.

यहां तक कि जिस जमीन पर उस ने अपनी अकेडमी खोली थी, वह उस की खुद की नहीं थी. बल्कि उस के रिश्तेदार धर्मवीर की थी. लेकिन पवन ने जबरदस्ती हथियार के दम पर उन की इस जमीन पर कब्जा कर लिया था. जिस का वह अपने रिश्तेदार को किराया भी नहीं देता था. गांव वाले पवन और उस की हरकतों से बेहद परेशान हो गए थे.

वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए थे. इस की सूचना हरियाणा पुलिस ने दिल्ली पुलिस को भी दे दी थी. इसलिए दिल्ली पुलिस भी अलर्ट गई थी. इस के लिए दिल्ली पुलिस ने अपने मुखबिरों को भी सतर्क कर दिया था.

मुखबिरों की सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पैशल सेल ने पहलवान निशा दहिया और उस के भाई की हत्या के मामले में 12 नवंबर, 2021 को 2 आरोपियों को दिल्ली के द्वारका इलाके से गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान हरियाणा के रोहतक निवासी पवन कुमार उर्फ कोच और उस के दोस्त सोनीपत निवासी सचिन दहिया के रूप में की.

पवन के पास से पुलिस ने एक लाइसैंसी पिस्तौल बरामद की, जिस से उस ने निशा और उस के भाई सूरज की हत्या की थी. दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपियों को हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया.

वहीं हरियाणा पुलिस घटना के एक दिन बाद 11 नवंबर को ही पवन की पत्नी सुजाता और उस के भाई अमित को हिरासत में ले चुकी थी. पुलिस ने अगले दिन इन दोनों को कोर्ट में भी पेश किया, जिस के बाद सुजाता को पुलिस ने एक दिन की रिमांड पर लिया तो उस के साले अमित को 3 दिनों की रिमांड पर लिया गया.

पुलिस ने कोर्ट से सुजाता की 3 दिन की रिमांड मांगी थी और अमित की 5 दिन की, लेकिन कोर्ट ने सुजाता की एक दिन की और अमित की 3 दिनों की रिमांड मंजूर की थी.

सोनीपत में सुशील कुमार अकेडमी में हमलावरों ने गोलीबारी कर विश्वविद्यालय स्तर की पहलवान निशा दहिया और उस के भाई की हत्या की जबकि उस की मां घायल हो गई थीं.

मामले में अब तक पुलिस ने निशा दहिया के कोच पवन और उस की पत्नी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में पांचवीं गिरफ्तारी विक्रम के रूप में हुई.

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मूलरूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले विक्रम ने पूछताछ में बताया कि हत्याओं के बाद सबूत मिटाने के मकसद से अकेडमी में लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर यानी डिजिटल वीडियो रिकौर्डर को वह पास के एक नाले में फेंक आया था. पुलिस ने उस रिकौर्डर को तलाश करने की कोशिश की थी, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई.

अब तक की पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी कोच पवन मृतक निशा के घर वालों से कोचिंग के नाम पर 8 लाख रुपए वसूल चुका था. मृतका के पिता का आरोप है कि पवन ने निशा का ब्रेनवाश कर के पैसे हड़प लिए थे. वहीं निशा की मां ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि आरोपी उस की बेटी के साथ छेड़छाड़ करता था.

11 नवंबर को सोनीपत के सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद निशा और सूरज के शवों को उन के घर लाया गया. शवों के पहुंचते ही पूरे गांव में गमगीन माहौल हो गया था. पूरे गांव के लोग निशा के घर इकट्ठे हो चुके थे. चूंकि निशा दहिया एक उभरती हुई खिलाड़ी थी, इसलिए गांव वालों की आंखों से भी आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे.

आक्रोश में आ कर गांव वाले कोई ऐसा कदम न उठा लें, जिस से क्षेत्र में अशांति पैदा हो जाए, इसलिए एसपी ने स्थानीय पुलिस के साथ गांव में सीआरपीएफ भी तैनात कर दी थी.

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