सवाल
मेरी अभी सगाई हुई है. एक दिन मैं ससुराल गया था, तो मेरी मंगेतर का बौयफ्रैंड वहां आ गया. वह मुझे छोड़ कर दूसरे कमरे में बौयफ्रैंड से डेढ़ घंटे तक बातें करती रही. उस की हरकत मुझे अजीब लगी. मैं ने उस से पूछा, तो वह मेरी बात को टाल गई. मुझे क्या करना चाहिए?
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जवाब
आप की मंगेतर का रवैया वाकई अटपटा लगने वाला है. गनीमत है कि अभी आप की शादी नहीं हुईहै, इसलिए आप खुल कर पूछ सकते हैं कि आखिर माजरा क्या है? उस से साफसाफ कह दें कि आप को ऐसी हरकत पसंद नहीं. अगर उसे अपना बौयफ्रैंड ही ज्यादा पसंद है, तो बेहतर होगा कि वह आप के बजाय उसी से शादी कर ले.
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क्या आप जानते हैं कि सेक्स का संबंध जितना दैहिक आकर्षण, दिली तमन्ना, परिवेश और भावनात्मक प्रवाह से है, उतना ही यह विज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. हर किसी के मन में उठने वाले कुछ सामान्य सवाल हैं कि किसी पुरुष को पहली नजर में अपने जीवनसाथी के सुंदर चेहरे के अलावा और क्या अच्छा लगता है? रिश्ते को तरोताजा और एकदूसरे के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए क्या तौरतरीके अपनाने चाहिए?
सेक्स जीवन को बेहतर बनाने और रिश्ते में प्यार कायम रखने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है? रिश्ते में प्रगाढ़ता कैसे आएगी? हमें कोई बहुत अच्छा क्यों लगने लगता है? किसी की धूर्तता या दीवानगी के पीछे सेक्स की कामुकता के बदलाव का राज क्या है? खुश रहने के लिए कितना सेक्स जरूरी है? सेक्स में फ्लर्ट किस हद तक किया जाना चाहिए?
न सवालों के अलावा सब से चिंताजनक सवाल अंग के साइज और शीघ्र स्खलन की समस्या को ले कर भी होता है. इन सारे सवालों के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छिपा है, जबकि सामान्य पुरुष उन से अनजान बने रह कर भावनात्मक स्तर पर कमजोर बन जाता है या फिर आत्मविश्वास खो बैठता है.
वैज्ञानिक शोध : संसर्ग का संघर्ष
हाल में किए गए वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यौन सुख का चरमोत्कर्ष पुरुषों के दिमाग में तय होता है, जबकि महिलाओं के लिए सेक्स के दौरान विविध तरीके माने रखते हैं. चिकित्सा जगत के वैज्ञानिक बताते हैं कि पुरुष गलत तरीके के यौन संबंध को खुद नियंत्रित कर सकता है, जो उस की शारीरिक संरचना पर निर्भर है.
पुरुषों के लिए बेहतर यौनानंद और सहज यौन संबंध उस के यौनांग, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर निर्भर करता है. पुरुषों में यदि रीढ़ की हड्डी की चोट या न्यूरोट्रांसमीटर सुखद यौन प्रक्रिया में बाधक बन सकता है, तो महिलाओं के लिए जननांग की दीवारें इस के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं और कामोत्तेजना में बाधक बन सकती हैं.
शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक पुरुष में संसर्ग सुख तक पहुंचने की क्षमता काफी हद तक उस के अपने शरीर की संरचना पर निर्भर है, जिस का नियंत्रण आसानी से नहीं हो पाता है. इस के लिए पुरुषों में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और शिश्न जिम्मेदार होते हैं.