व्हाट्सऐप ने अपने सौफ्टवेयर में बदलाव कर एक बार में 5 से ज्यादा सदस्यों को मैसेज फौरवर्ड करने पर रोक लगा दी है. अभी तक स्मार्टफोन में सेव्ड कौंटैक्टों में से जितनों को चाहो उतनों को एक बार में ही कोई भी मैसेज, फोटो या वीडियो फौरवर्ड किया जा सकता था. इस का जम कर दुरुपयोग हो रहा है. एक तो, निरर्थक जोक, जमा किए फोटो व वीडियो बिना सोचेसमझे फौरवर्ड किए जा रहे हैं और दूसरे, घृणा फैलाने वाले मैसेज आसानी से वायरल किए जा रहे हैं.

हिंदू श्रेष्ठ हैं, यह सिद्ध करने के बहुत से मैसेज लगातार, बारबार फौरवर्ड किए जा रहे हैं. व्हाट्सऐप के गु्रपों में आप उन लोगों को भी मैसेज पढ़वा सकते हैं जिन्हें जानते तक नहीं, क्योंकि कब कौन से गु्रप में आप को क्यों एड किया गया, यह पक्का नहीं होता. बहुतों से आप कभी न मिलेंगे या उन्हें देखेंगे.

व्हाट्सऐप एक शानदार तरीका है अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से लगातार संपर्क बनाए रखने का. मोबाइल तकनीक आधीअधूरी रह जाए अगर व्हाट्सऐप न हो या केवल पैसे देने पर मिले. अपने कौंटैक्टों का डेटा बेच कर व्हाट्सऐप बिना विज्ञापन लिए अपने सदस्यों को मुफ्त में सेवा दे रहा है. तभी थोक में इस में वीडियो और सहीगलत मैसेज डाले जा रहे हैं और फिर फौरवर्ड किए जा रहे हैं. व्हाट्सऐप कंपनी चाहती है कि आप ऐसा करें.

व्हाट्सऐप असल में दिल्ली के चांदनी चौक में बांटे जा रहे हैंडबिलों की तरह हो गया है जो जानेअनजाने लोगों को चाहीअनचाही जानकारी पहुंचा रहा है. यह सस्ता है, इसलिए दंगा फैलाने वालों के लिए वरदान है. कितने ही मैसेजों में साफ लिखा होता है कि हिंदू खतरे में है और इस मैसेज को फैलाओ ताकि हिंदू एक हो सकें. बहुमत वाले देश में हिंदुओं को एक करने की बात का उत्पात मचाने के अलावा क्या कोई और उद्देश्य होता है. व्हाट्सऐप इस देश में बढ़ते दंगों व मौब लिंचिंग का बड़ा हथियार बन गया है.

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