पहले लोग कंपनी सामान बनाने या सेवा बेचने के लिए बनाते थे पर अब सामान बनाने और सेवा देने के अलावा कंपनी को बेचने के लिए भी बनाते हैं. सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने 11 वर्षों पहले बनाई फ्लिपकार्ट कंपनी को वालमार्ट कंपनी, जो अमेरिका में बड़ेबड़े स्टोर चलाती है, को 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा में बेच डाला है. मुनाफा कंपनी ने अर्जित किया, बंसल बंधुओं ने फायदा उठाया. जब तक फ्लिपकार्ट बिन्नी व सचिन बंसलके हाथों में थी, लगातार नुकसान हुआ पर इन्वैस्टरों के सहयोग से व्यवसाय खूब फैला.

फ्लिपकार्ट ने 17 करोड़ ग्राहकों को सामान बेचा था और यही कंपनी का असली उत्पादन है. इन 17 करोड़ ग्राहकों के नाम, पते, बैंक अकाउंट, खरीद की पसंद आज बहुत कीमती हो गए हैं. अगर यह डेटा भारतीय जनता पार्टी को इस्तेमाल करने को मिल जाए (क्या पता वह कर भी रही हो) तो नरेंद्र मोदी को भी जैकेटों, मोबाइलों के साथ बेचा जा सकता है.

ई कौमर्स आज के युग का नया बाजार बन गया है जिस में आप को घर बैठे चीजें या सेवाएं मिल सकती हैं. पर इस ई कौमर्स के कारण देश के छोटे व्यापारी कितना नुकसान सह रहे होंगे, इस का अंदाजा नहीं. आज युवाओं को इस तरह की कंपनियों के सामान को पीठ पर ढोने का काम तो मिल गया है पर वे अपनी छोटी दुकान नहीं चला सकते. सचिन व बिन्नी बंसल ने कमाल किया है पर अपने लिए कंपनी नहीं रखी, सिर्फ बैंक बैलेंस जमा किया है.

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