गोद लेना अच्छी बात है, पर अकसर देखा गया है कि जहां लड़कियों को गोद लिया जाता है, वहां पुरुष अभिभावक उन लड़कियों से बदतमीजी भी कर डालते हैं. अभी हाल में सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश का एक मामला आया, जिस में एक पतिपत्नी ने 7 साल की बच्ची को रिश्तेदार से गोद लिया, पर कुछ ही दिन में पड़ोसियों को लगने लगा कि लड़की के साथ कुछ गलत हो रहा है, क्योंकि वह रोती थी तो पड़ोसियों को आवाजें आ जाती थीं.

पड़ोसियों ने पूछताछ भी की, पर उन्हें टाल दिया गया. पर एक दिन जब गोद लेने वाला उस की लाश ले जाता दिखा, तो पुलिस में शिकायत की गई. पोस्टमार्टम में छोटी लड़की पर कई घाव दिखे और पता चला कि गला घोंट कर उस की हत्या की गई थी. उस पर जलने के निशान भी थे. उस लड़की के साथ गुदा मैथुन भी होता था.

गोद लेने वाले को मौत की सजा तो नहीं मिली, पर 7 साल की मिली और यह पक्का हो गया कि जब तक वह बाहर आएगा तब तक न उस की बीवी बचेगी, न घर. अफसोस इस बात का है कि जिन लोगों को छोटे बच्चे अपनी छाया समझते हैं, वे ही उन के साथ गलत काम करते हैं और यह सारे देश में गरीबोंअमीरों सब जगह बुरी तरह हो रहा है. आमतौर पर डर के मारे छोटी बच्चियां चुप रह जाती हैं, क्योंकि उन्हें मालूम ही नहीं होता है कि उन के साथ जो किया जा रहा है, वह कितना गलत है.

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