खिलाड़ियों की दुर्घटनाओं में फंसने की आशंकाएं कुछ ज्यादा ही होती हैं. अभी कुछ दिनों पहले वर्ल्ड चैंपियन पावरलिफ्टर सक्षम यादव व उस के साथी 5 खिलाड़ियों की दिल्ली के पास गाड़ी के बहुत तेज चलने के कारण मौत हो गई. कोहरे में भी गाड़ी को बहुत तेज स्पीड पर चलाया जा रहा था और जैसी खिलाड़ियों की आदत होती है, वे गाड़ी और मौसम पर भी अपना जोर आजमा रहे थे.
खिलाड़ियों का दुर्घटनाओं में फंसना, अपराधों में उलझना, औफिस वालों से मारपीट कर लेना आम बात होने लगी है. खिलाड़ियों का बदन तो मजबूत होता ही है, उन पर सामने वाले को हरा देने का भी भूत हर पल सवार रहता है और यह खेलों के बाद भी चलता रहता है. दुनियाभर के खिलाड़ियों के गलत कांडों में फंसने की खबरें आम हैं और कितनी ही बार इस की शिकार उन की अपनी गर्लफ्रैंड या पत्नी होती हैं.
खेल जहां शरीर को मजबूत बनाते हैं वहां वे खिलाड़ी में हर हाल में जीतने की कोशिश करने की आदत भी डाल देते हैं. कुछ खेलों में तो सामने वाले को घायल तक कर दिया जाता है. फैंसिंग, मुक्केबाजी, कुश्ती, फुटबौल, हौकी में यह बहुत आसान होता है और अकसर मैदान पर ही दुर्घटनाएं हो जाती हैं. बाद के जीवन में भी प्रतिस्पर्धा की यह आदत छूटे नहीं छूटती.
खिलाड़ियों से वास्ता रखने वाले अकसर उन्हें खुद से चार हाथ दूर रखते हैं और न उलझने की कोशिश करते हैं. घर वाले तक कई बार उन से परेशान रहते हैं. खेलों के मैडल घर वालों, दोस्तों और सहयोगियों को यही याद दिलाते हैं कि सामने वाला अगर तुल जाए तो अपनी मनवा कर छोड़ेगा क्योंकि उसे यह मौका इसी कारण मिला था कि वह दिमागी तौर पर मशीन बन चुका था.