Sex Mistakes : रात को एकदूसरे के करीब आकर न करें ये 8 गलतियां

क्या औफिस से घर पहुंचने पर आप थक कर चूर हो जाते हैं और आप के पार्टनर का प्यार भरा स्पर्श भी आप में उत्तेजना पैदा नहीं करता? क्या उस के साथ प्यार करना आप को पहाड़ खोदने जैसा लगता है?

जी हां, शाम को थक कर चूर हुए कई कपल्स अकसर घर आ कर अपने पार्टनर से मुंह बिचकाते नजर आते हैं. अगर आप के साथ भी ऐसा होता है तो मुंह बिचकाने से पहले सोचें कि शादी का मतलब यह कतई नहीं है कि रोमांटिक फीलिंग्स ही हवा हो जाएं. प्यार का एहसास उस समय कंप्लीट होता है, जब 2 जिस्म 1 जान बन जाते हैं. तब उन के बीच लव की फीलिंग इतनी होती है कि उन की बौडी भी एकदूसरे को ऐक्सैप्ट कर लेती है और तब वे लव मेकिंग करने लगते हैं.

इस दौरान कपल्स ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं, जिस से वे सैक्स को पूरी तरह ऐंजौय नहीं कर पाते. जानिए कैसे इन गलतियों से बचा जाए और लव मेकिंग से पहले किन बातों का ध्यान रखा जाए, ताकि जोड़ा दुनिया की सब से प्यारी फीलिंग को सम झ पाए और उसे दिल से अपना सके.

डिस्कस करने में हिचकिचाहट

कभीकभी एक पार्टनर अपनी लव मेकिंग को स्पाइसी तो बनाना चाहता है, लेकिन वह अपने पार्टनर से कुछ कहने में हिचकिचाता है. हो सकता है आप के साथ भी ऐसा होता हो. आप मानें या न मानें 90प्रतिशत केसेज में आप का पार्टनर भी नई चीजें करना पसंद करता है, लेकिन आप की ही तरह उसे भी बात करने में हिचकिचाहट या घबराहट होती है.

डिस्कस करने से घबराएं नहीं और यह कोई रूल नहीं है कि मेल पार्टनर ही पहल करे. दोनों में से कोई भी पहल कर सकता है और दर्जनों तरीकों में से किसी एक तरीके को चुन कर पूरे जोश से उसे ट्राई कर सकता है. सैक्स के बारे में डिस्कशन से जोड़े लव मेकिंग तो ऐंजौय करेंगे ही, अपने रिश्तों में मिठास भी लाएंगे.

कनविंस करना न आना

अगर एक पार्टनर थका हुआ है और सैक्स के मूड में नहीं है तो दूसरा कई बार उसे रेडी करने में असफल हो जाता है. एक सच यह भी है कि सैक्स के लिए जब कोई रेडी होता है, तो उस समय उस की बौडी से ऐड्रीनलीन कैमिकल रिलीज होता है, जो प्यार या सैक्स करने की भरपूर ऐनर्जी देता है.

पार्टनर को शाम को मूड में लाने के लिए सुबह 9 से 10 बजे के बीच उसे मैनुअली कई बार बेमतलब छुएं. दिन भर में इस समय टैस्टोस्टेरौन अपने हाई लैवल पर होता है. शाम को बैटर रिजल्ट के लिए आप सैक्सी गारमैंट्स पहनना भी न भूलें. यह उन्हें जरूर पसंद आएगा. ऐसा कर के आप अपनी लव मेकिंग को हमेशा के लिए स्ट्रौंग बना सकेंगे और पार्टनर में दिन भर के काम में थकान के बावजूद सैक्स की इच्छा बनी रहेगी.

जल्दबाजी का चक्कर

तुरंत मजे के चक्कर में कई पुरुष फोरप्ले अवौइड कर देते हैं. उन की कोशिश होती है कि वे जल्द से एक ही बाइट में पूरा सेब खा लें. लेकिन क्या आप को पता है कि फोरप्ले और्गेज्म की ओर बढ़ने में बहुत मदद करता है? अपने पार्टनर के साथ किसिंग, लव बाइट और टच करना आप की लव मेकिंग को ज्यादा मजेदार बनाता है, इसलिए स्पीड कम करिए, पूरा टाइम दीजिए और अपने पार्टनर को छेडि़ए. यह फौर्मूला शर्तिया ही काम करेगा और दोनों का मजा दोगुना हो जाएगा.

अगर आप को लगे कि किसी खास भूमिका में आप के पार्टनर को ज्यादा मजा आ रहा है, तो रुकें और उसे दोबारा करें. जितना ज्यादा आप उसे करेंगे, उतना ज्यादा मजा उसे आएगा और यह आप को भी अच्छा लगेगा. इस ढंग से आप यह गेम खेल कर पार्टनर को पूरे तौर पर सैटिस्फाई कर सकते हैं. इस से प्यार का मजा दोगुना भी हो जाएगा.

पोर्न मूवीज या टौय इस्तेमाल करना

सैक्स के दौरान कई लोगों को लगता है कि पोर्न मूवीज, वीडियो या फिर प्लास्टिक या रबर के टौय से मजा चरम पर पहुंचेगा. ऐसा सोचना या ऐसा करना गलत है. हालांकि टौयज का लव मेकिंग में खास महत्त्व है, लेकिन उन पर निर्भर होना खतरनाक हो सकता है. प्लेजर के लिए बाहरी सोर्स आप को कम मजा देंगे क्योंकि यह तो आप भी नहीं चाहेंगे कि आप के पार्टनर को आप के बजाय किसी सैक्स टौय से प्लेजर मिले.

कपल्स को अपने पार्टनर को सैटिस्फाई करने के लिए बाहरी चीजों के बजाय अपनी बौडी की मदद लेनी चाहिए. सैक्स टौयज को महज स्पाइस के तौर पर इस्तेमाल करें.

और्गेज्म के बारे में गलतफहमी

फीमेल पार्टनर को सैक्स से सैटिस्फाई न कर पाना, कई मेल पार्टनर्स को अपनी तौहीन लगती है, लेकिन उन को सम झने की जरूरत है कि ज्यादातर औरतें सिंपल या नौर्मल सैक्स से और्गेज्म हासिल नहीं कर पाती हैं. अगर पुरुष यह बात सम झ लें तो उन का यह प्रैशर जरूर कम हो जाएगा. अगर स्त्री और्गेज्म तक नहीं पहुंचती है, तो इस से परेशान होने की जरूरत नहीं है. इस के बजाय पुरुष को बड़ी चतुराई के साथ स्त्री को डाउन पोस्चर में ला कर सैटिस्फाई करना चाहिए.

एकसाथ फिनिश करने की कोशिश

पार्टनर्स की एकसाथ फिनिश करने की कोशिश जैसी बातें हवाहवाई हैं. ऐसा होता नहीं है. इस के बजाय एक पार्टनर को पहले सैटिस्फाई करने की कोशिश होनी चहिए. इस में फीमेल पार्टनर पहले सैटिस्फाई हो तो बेहतर. ऐसे में दोनों को खूब मजा आएगा.

हर बार सैट रूटीन से चलना

अगर आप की सारी कसरत कपड़े उतारने और ‘प्लग’ को ‘सौकेट’ में फिट करने की कुछ मिनट की मेहनत तक है, तो यह काफी बासी और सैट रूटीन है. ऐसे में आप की लव मेकिंग चाहे कितनी भी फैंटास्टिक हो कुछ सालों के बाद बोरिंग हो ही जाती है, जिस का आप के रिश्ते पर भी असर पड़ सकता है. आप की लव लाइफ को बचाने का तरीका नए आइडियाज में छिपा है. अगर आप नए टिप्स और नई तकनीकें अपनाते हैं, तो इसे दोनों ऐंजौय करेंगे और आप हर बार प्यार में खो जाना चाहेंगे.

बेमतलब की बातें करना

अगर आप बिस्तर पर रोजाना लड़ाई झगड़े की या नैगेटिव बातें करेंगे, तो उस समय हो सकता है कि आप का मूड सैक्स से हट कर फ्यूचर प्लानिंग या लड़ाई झगड़े की बातें सुनने में रह जाए. अगर ऐसा कुछ करना हो तो बिस्तर

पर जाने के करीब 1 घंटा पहले कर लें. इस के लिए दोनों को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए. दोनों पार्टनर्स की यही कोशिश हो कि वे एकदूसरे के मूड को स्पाइसअप करें और दोनों को चिल रखें, ताकि आप के बीच का प्यार बढ़ता ही जाए.

मैंने अपने बौयफ्रैंड के साथ सैक्स किया है. क्या इससे में प्रेग्नेंट हो जाऊंगी?

सवाल

मैं 21 साल लड़की हूं, मेरा एक बौयफ्रैंड है जिस के साथ मेरे फिजीकल रिलेशन भी हैं. हाल ही पीरिड्स में मैंने बौयफ्रैंड के साथ सैक्स किया. लेकिन हमने कोई प्रोटेक्शन नहीं अपनाया. अब मैं इस बात को ले कर परेशान हूं कि कहीं मैं प्रेग्नेंट न हो जाऊं. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या पीरियड्स के दौरान रिलेशन बनाने से प्रग्नेंसी ठहर सकती है.

जवाब

आमतौर पर पीरिड्स के दौरान फिजीकल रिलेशन बनाने पर प्रग्नेंसी नहीं ठहरती है. लेकिन, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप की पीरियड्स रैग्युलर है या नहीं. अगर पीरियड्स रैग्युलर हो तो गर्भ ठहरने की चांस कम होते है. लेकिन, गर्भ ठहरने की संभावना को पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता. अगर आप की माहवारी अनियमित हो और अंडाणु का विसर्जन अनियमित समय से हो जाए और उसी समय मासिकधर्म भी हो रहा है तो गर्भधारण की संभावना भी हो सकती है.

अगली बार ऐसा कुछ करने से पहले गर्भनिरोधक उपाय अवश्य अपना लें ताकि प्रैगनैंसी, एसटीडी और एड्स जैसी बीमारियों से बचाव हो सके. वैसे, वर्तमान स्थिति में आप का पीरियड्य सैक्स करने के बाद सामान्य हो चुका है तो घबराने की कोई बात नहीं है.

कामुकता का राज क्या जानते हैं आप

मेरठ का 30 वर्षीय मनोहर अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं था, कारण शारीरिक अस्वस्थता उस के यौन संबंध में आड़े आ रही थी. एक वर्ष पहले ही उस की शादी हुई थी. वह पीठ और पैर के जोड़ों के दर्द की वजह से संसर्ग के समय पत्नी के साथ सुखद संबंध बनाने में असहज हो जाता था. सैक्स को ले कर उस के मन में कई तरह की भ्रांतियां थीं.

दूसरी तरफ उस की 24 वर्षीय पत्नी उसे सैक्स के मामले में कमजोर समझ रही थी, क्योंकि वह उस सुखद एहसास को महसूस नहीं कर पाती थी जिस की उस ने कल्पना की थी. उन दोनों ने अलगअलग तरीके से अपनी समस्याएं सुलझाने की कोशिश की. वे दोस्तों की सलाह पर सैक्सोलौजिस्ट के पास गए. उस ने उन से तमाम तरह की पूछताछ के बाद समुचित सलाह दी.

क्या आप जानते हैं कि सैक्स का संबंध जितना दैहिक आकर्षण, दिली तमन्ना, परिवेश और भावनात्मक प्रवाह से है, उतना ही यह विज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. हर किसी के मन में उठने वाले कुछ सामान्य सवाल हैं कि किसी पुरुष को पहली नजर में अपने जीवनसाथी के सुंदर चेहरे के अलावा और क्या अच्छा लगता है? रिश्ते को तरोताजा और एकदूसरे के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए क्या तौरतरीके अपनाने चाहिए?

सैक्स जीवन को बेहतर बनाने और रिश्ते में प्यार कायम रखने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है? रिश्ते में प्रगाढ़ता कैसे आएगी? हमें कोई बहुत अच्छा क्यों लगने लगता है? किसी की धूर्तता या दीवानगी के पीछे सैक्स की कामुकता के बदलाव का राज क्या है? खुश रहने के लिए कितना सैक्स जरूरी है? सैक्स में फ्लर्ट किस हद तक किया जाना चाहिए?

इन सवालों के अलावा सब से चिंताजनक सवाल अंग के साइज और शीघ्र स्खलन की समस्या को ले कर भी होता है. इन सारे सवालों के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छिपा है, जबकि सामान्य पुरुष उन से अनजान बने रह कर भावनात्मक स्तर पर कमजोर बन जाता है या फिर आत्मविश्वास खो बैठता है.

वैज्ञानिक शोध : संसर्ग का संघर्ष

हाल में किए गए वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यौन सुख का चरमोत्कर्ष पुरुषों के दिमाग में तय होता है, जबकि महिलाओं के लिए सैक्स के दौरान विविध तरीके माने रखते हैं. चिकित्सा जगत के वैज्ञानिक बताते हैं कि पुरुष गलत तरीके के यौन संबंध को खुद नियंत्रित कर सकता है, जो उस की शारीरिक संरचना पर निर्भर है.

पुरुषों के लिए बेहतर यौनानंद और सहज यौन संबंध उस के यौनांग, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर निर्भर करता है. पुरुषों में यदि रीढ़ की हड्डी की चोट या न्यूरोट्रांसमीटर सुखद यौन प्रक्रिया में बाधक बन सकता है, तो महिलाओं के लिए जननांग की दीवारें इस के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं और कामोत्तेजना में बाधक बन सकती हैं.

शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक पुरुष में संसर्ग सुख तक पहुंचने की क्षमता काफी हद तक उस के अपने शरीर की संरचना पर निर्भर है, जिस का नियंत्रण आसानी से नहीं हो पाता है. इस के लिए पुरुषों में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और शिश्न जिम्मेदार होते हैं.

मैडिसन के इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल और मायो क्सीविक स्थित वैज्ञानिकों ने सैक्सुअल और न्यूरो एनाटोमी से संबंधित संसर्ग के प्रचलित तथ्यों का अध्ययन कर विश्लेषण किया. विश्लेषण के अनुसार,

डा. सीगल बताते हैं, ‘‘पुरुष के अंग के आकार के विपरीत किसी भी स्वस्थ पुरुष में संसर्ग करने की क्षमता काफी हद तक उस के तंत्रिकातंत्र पर निर्भर है. शरीर को नियंत्रित करने वाले तंत्रिकातंत्र और सहानुभूतिक तंत्रिकातंत्र के बीच संतुलन बनाया जाना चाहिए, जो शरीर के भीतर जूझने या स्वच्छंद होने की स्थिति को नियंत्रित करता है.’’

डा. सीगल अपने शोध के आधार पर बताते हैं कि शारीरिक संबंध के दौरान संवेदना मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी द्वारा पहुंचती है और फिर इस के दूसरे छोर को संकेत मिलता है कि आगे क्या करना है. इस आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि उत्तेजना 2 तथ्यों पर निर्भर है.

एक मनोवैज्ञानिक और दूसरी शारीरिक, जिस में शिश्न की उत्तेजना प्रत्यक्ष तौर पर बनती है.

इन 2 कारणों में से सामान्य मनोवैज्ञानिक तर्क की मान्यता में पूरी सचाई नहीं है. डा. सीगल का कहना है कि रीढ़ की हड्डी की चोट से शिश्न की उत्तेजना में कमी आने से संसर्ग सुख की प्राप्ति प्रभावित हो जाती है. इसी तरह से मस्तिष्क में मनोवैज्ञानिक समस्याओं में अवसाद आदि से तंत्रिका रसायन में बदलाव आने से संसर्ग और अधिक असहज या कष्टप्रद बन जाता है.

स्त्री की यौन तृप्ति

कोई युवती कितनी कामुक या सैक्स के प्रति उन्मादी हो सकती है? इस के लिए बड़ा सवाल यह है कि उसे यौन तृप्ति किस हद तक कितने समय में मिल पाती है? विश्लेषणों के अनुसार, शोधकर्ता वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ऐसे लोगों को चिकित्सकीय सहायता मिल सकती है और वे सुखद यौन संबंध में बाधक बनने वाली बहुचर्चित भ्रांतियों से बच सकते हैं.

इस शोध में यह भी पाया गया है कि युवतियों के लिए यौन तृप्ति का अनुभव कहीं अधिक जटिल समस्या है. इस बारे में पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने माइक्रोस्कोप के जरिए युवतियों के अंग की दीवारों में होने वाले बदलावों और असंगत प्रभाव बनने वाली स्थिति का पता लगाया है.

वैज्ञानिकों ने एमआरआई स्कैन के जरिए महिला के दिमाग में संसर्ग के दौरान की  सक्रियता मालूम कर उत्तेजना की समस्या से जूझने वाले पुरुषों को सुझाव दिया है कि वे अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. उन्हें सैक्सुअल समस्याओं के निबटारे के लिए डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए, न कि नीम हकीम की सलाह या सुनीसुनाई बातों को महत्त्व देना चाहिए. इस अध्ययन को जर्नल औफ क्लीनिकल एनाटौमी में प्रकाशित किया गया है.

महत्त्वपूर्ण है संसर्ग की शैली

डा. सीगल के अनुसार, महिलाओं के लिए संसर्ग के सिलसिले में अपनाई गई पोजिशन महत्त्वपूर्ण है. विभिन्न सैक्सुअल पोजिशंस के संदर्भ में शोधकर्ताओं द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में भी पाया गया है कि स्त्री के यौनांग की दीवारों को विभिन्न तरीके से उत्तेजित किया जा सकता है.

आज की भागदौड़भरी जीवनशैली में मानसिक तनाव के साथसाथ शारीरिक अस्वस्थता भी सैक्स जीवन को प्रभावित कर देती है. ऐसे में कोई पुरुष चाहे तो अपनी सैक्स संबंधी समस्याओं को डाक्टरी सलाह के जरिए दूर कर सकता है.

कठिनाई यह है कि ऐसे डाक्टर कम होते हैं और जो प्रचार करते हैं वे दवाएं बेचने के इच्छुक होते हैं, सलाह देने में कम. वैसे, बड़े अस्पतालों में स्किन व वीडी रोग (वैस्कुलर डिजीज) विभाग होता है. अगर कोई युगल किसी सैक्स समस्या से जूझ रहा है तो वह इस विभाग में डाक्टर को दिखा कर सलाह ले सकता है.

सुहागरात को जब मैंने पति के साथ सेक्स किया तो मुझे ब्लीडिंग नहीं हुई, बताएं ऐसा क्यों हुआ?

सवाल

मैं 22 वर्षीय युवती हूं. 6 महीने पहले ही मेरा विवाह हुआ है. मैं एक बात को ले कर बहुत परेशान हूं. सुहागरात को जब मैं ने पति के साथ सहवास किया तो रक्तस्राव नहीं हुआ. मैं ने आज तक किसी से संबंध बनाना तो दूर दोस्ती तक नहीं की. फिर प्रथम समागम के दौरान रक्तस्राव क्यों नहीं हुआ. भले ही मेरे पति ने इस बात पर गौर नहीं किया पर यह बात मुझे अंदर ही अंदर खाए जा रही है. कृपया बताएं ऐसा क्यों हुआ?

जवाब

सुहागरात को संबंध बनाने के दौरान आप को रक्तस्राव नहीं हुआ इस बात को ले कर आप को परेशान नहीं होना चाहिए. बहुत बार दौड़तेभागते या गिरने आदि से कौमार्य झिल्ली फट जाती है. आप के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा, इसलिए आप बेवजह परेशान न हों और वैवाहिक जीवन का आनंद उठाएं. अभी आप की नईनई शादी हुई है. रोमांस करने के समय में बेकार की बातों को ले कर परेशान न होएं.

कई महिलाओं को संभोग के बाद रक्त स्त्राव होता है. वैसे तो यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह अन्य समस्याओं की ओर भी इशारा करती है. पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से योनि से खून आता है. लेकिन, यह महिलाओं की योनि में सेक्स के समय लगी किसी चोट, संक्रमण व सर्वाइकल कैंसर का भी संकेत करता है. अगर सेक्स के बाद योनि से लगातार खून निकल रहा हो तो इस स्थिति में आपको तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

सेक्स करते समय खून क्यों आता है?

सेक्स के बाद योनि से खून आने की समस्या को चिकित्सा जगत में पोस्टकोइटल ब्लीडिंग (Postcoital bleeding) के नाम से जाना जाता है. यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है. जो महिलाएं रजोनिवृत्ति की स्थिति में नहीं है, उनमें इस तरह की समस्या गर्भाशय ग्रीवा के कारण उत्पन्न होती है, जबकि रजोनिवृत्ति से गुजर रही महिलाओं में यह समस्या कई अन्य कारणों से भी होती हैं.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एक चिंता का विषय है. खासकर रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है. सेक्स के बाद महिलाओं की योनि से इस कारण भी खून आता है.

इसके अलावा कुछ ऐसे कारण भी हैं, जिनकी वजह से सेक्स के बाद रक्त स्त्राव होता है.

संक्रमण होना कुछ संक्रमण में सूजन व ऊतक भी योनि से खून आने की वजह होते हैं. इसमें निम्न संक्रमण शामिल होते हैं –

  • श्रोणि में सूजन की बीमारी (Pelvic inflammatory disease)
  • एसटीडी- यौन संचारित रोग
  • गर्भावशय की ग्रीवा में सूजन (Cervicitis)
  • योनि में सूजन (Vaginitis; वैजिनाइटिस)

रजोनिवृत्ति में जेनिटोयुरनेरी सिंड्रोम

यह सिंड्रोम महिलाओं की योनि की सक्रियता को कम करने का इशारा करता है. यह रोग रजोनिवृत्ति के समय व अंडाशय निकालने के कारण होता है. महिलाओं की अधिक उम्र होने पर महवारी बंद हो जाती है और ऐसे उनके शरीर में एस्ट्रोजन के बनने का स्तर कम हो जाता है. एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर में प्रजनन के लिए जिम्मेदार होता है.

महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से कई तरह के रोग उत्पन्न होने लगते हैं. इससे महिलाओं की योनि में कम ल्युब्रिकेशन बनता है. जिससे महिलाओं की योनि में सूखापन व जलन होने लगती है. एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से योनि के लचिलेपन पर भी असर पड़ता है. योनि के ऊतक सिकुड़ जाते हैं. जिसकी वजह से सेक्स के समय दर्द, असहजता व खून आता है.

पोलिप्स (Polyps)

यह एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है. इसके होने से कैंसर का खतरा नहीं रहता है. यह महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा व गर्भाशय की अंदरूनी परत में भी हो जाते हैं. यह गोल आकार के होते हैं. इनके सक्रिय होने पर यह ऊतकों में जलन व रक्त वाहिकाओं में ब्लीडिंग की वजह बनते हैं.

जोश में सेक्स करना

जोश के साथ सेक्स करना भी योनि से खून आने का कारण होता है, क्योंकि इस तरह के सेक्स में शारीरिक बल लगाया जाता है जिससे योनि में खरोंच आ जाती है. रजोनिवृत्ति, स्तनपान व योनि में रूखापन होने के कारण भी योनि से खून आता है.

कैंसर

योनि से लगातार खून आना या सेक्स के बाद खून आना सर्वाइकल व योनि के कैंसर का लक्षण होता है. इस तरह के लक्षण पाए जाने वाली कई महिलाओं की जांच में सर्वाइकल कैंसर पाया गया है. इसके अलावा कई मामलों में गर्भाशय के कैंसर को भी पाया गया.

योनि में सूखापन होना

योनि का सूखापन रक्त स्त्राव होने का आम कारण होता है. इसके अलावा भी योनि से खून बहने के निम्न अन्य कारण होते हैं –

  • स्तनपान कराना.
  • बच्चे के जन्म के बाद.
  • अंडाशय को निकालना
  • कई दवाएं, जैसे- सर्दी में ली जाने वाली दवाएं, अस्थमा की दवा, अवसाद को कम करने वाली दवाएं व एस्ट्रोजन को कम करने वाली दवाएं आदि.
  • किमोथेरेपी व रेडीएशन थेरेपी.
  • शारीरिक बल व जोश के साथ सेक्स करना.
  • किसी कैमिकल से योनि को साफ करना.

क्या सेक्स के बाद योनि से खून आना किसी समस्या की ओर संकेत करता है?

अगर आपको सेक्स के बाद खून आ रहा हो तो यह सामान्य स्तिथि होती है. लेकिन इस स्थिति के बारे में सही जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से मिलना होगा. अगर आपको पीरियड्स के कुछ समय पहले या बाद के दौरान सेक्स करने के बाद खून आए तो आपको डॉक्टर से इस विषय पर अवश्य परार्मश कर लेना चाहिए. जब तक डॉक्टर की जांच की रिपोर्ट आपको न पता चले तब तक दोबारा सेक्स न करें. कई बार संक्रमण व किसी अन्य गंभीर समस्या के कारण भी संभोग के बाद योनि से खून आने लगता है.

सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से कब मिलना है जरूरी

सेक्स के बाद खून आने के लक्षण इसके कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. अगर आपको सेक्स के बाद बेहद ही कम रक्त स्त्राव हो रहा हो, तो आपको इस स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है.

इन लक्षणों के दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत मिलें.

  • योनि में खुजली और जलन,
  • मूत्रत्याग में जलन महसूस होना,
  • संभोग करते समय अधिक दर्द होना,
  • अधिक खून बहना,
  • पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द,
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द,
  • जी मिचलाना और उल्टी आना,
  • योनि से सफेद पानी आना इत्यादि.

संभोग के बाद खून बहने पर कौन से परीक्षण कराएं?

यौन संबंध के बाद खून बहना आमतौर पर योनि के रूखेपन के कारण होता है, लेकिन कई बार यह समस्या गंभीर भी हो सकती है. इसमें डॉक्टर सबसे पहले कैंसर की जांच करते हैं. जिसमें वह आपकी योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच के लिए पैप स्मीयर (Pap Smear) टेस्ट करते हैं. कैंसर की पहचान होने पर कैंसर विशेषज्ञ के पास आपको भेज दिया जाता है.

यौन संबंध के बाद खून बहने के अतिरिक्त कारणों की जांच निम्न परीक्षण से की जाती है.

  • कोलपोस्कोपी (Coloscope) – इसमें महिलाओं की योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच की जाती है.
  • ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड.
  • यूरीन टेस्ट (मूत्र का परीक्षण).
  • खून की जांच.
  • योनि से निकलने वाले सफेद पानी की जांच.

यौन संबंध बनाने के बाद खून आने का इलाज

यौन संबंध बनाने के बाद योनि से खून आने के कारणों के आधार पर इस समस्या का इलाज किया जाता है. जिनमें निम्न प्रमुख हैं –

ल्यूब्रिकेंट्स –

अगर आपकी योनि से खून आने की वजह रूखापन है तो आपको योनि में मॉइश्चराइजर लगना चाहिए. नियमित रूप से मॉइश्चराइजर को योनि की त्वचा पर लगाने से यह योनि की अंदरूनी त्वचा को मॉइश्चराइज करता है. इससे रूखापन खत्म होकर त्वचा में नमीं आने लगती है.

योनि के लिए आने वाले ल्यूब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से संभोग के समय त्वचा के घर्षण से छिलने की समस्या कम हो जाती है. पानी युक्त ल्यूब्रिकेंट सेक्स के समय योनि से आने वाले खून को कम कर देता है. तेल युक्त ल्यूब्रिकेंट व कंडोम को साथ में इस्तेमाल करने से कंडोम के कटने या फटने का डर बना रहता है. इसलिए आप पानीयुक्त ल्यूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ यौन संबंध बनाते समय तेजी या जोश दिखाने की जरूरत नहीं हैं. अगर जोश में महिला को समस्या हो रही है तो आपको तुरंत रूक जाना होगा या इसको आराम से धीरे-धीरे करना होगा.

एस्ट्रोजन थेरेपी –

रजोनिवृत्ति या अंडाशय को बाहर निकलवाने से योनि में रूखापन आने की वजह में आप एस्ट्रोजन थेरेपी को अपना सकती हैं. योनि के लिए आने वाली एस्टोजन क्रीम व अन्य उपादों का इस्तेमाल कर सकती हैं. योनि से खून आने की स्थिति में आप एस्ट्रोजन अंगूठी (रिंग) का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इस लचीली अंगूठी को योनि में अंदर लगाई जाती है. यह सीमित मात्रा में एस्ट्रोजन को करीब 90 दिनों तक स्त्रावित करता है. ओरल हार्मोन थेरेपी में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टीन को बदल दिया जाता है.  इसके लावा भी महिलाओं के लिए कई अन्य विकल्प मौजूद है.

अन्य इलाज –

योनि में सूजन आना रूखेपन व संक्रमण की ओर संकेत करता है. इसके कारण अज्ञात हो सकते हैं. आपके डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटीबॉटिक के कारण भी ऐसा हो सकता है. श्रोणी में दर्द व यौन संचारित रोगों की दवा के साथ भी आपको एंटीबॉयोटिक की दवा दी जा सकती है. इसके अलावा गर्भाशय ग्रीवा में संक्रमण होने पर भी डॉक्टर आपको कुछ ऐसी दवाएं दे सकते हैं, जिससे आपको योनि में रूखापन हो जाता है.

सेक्स करते समय मेरा बौयफ्रेंड मेरी फोटो खींचना चाहता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 18 साल है. मैं 23 साल के एक लड़के से प्यार करती हूं. हमारे बीच कई बार सेक्स भी हो चुका हैं. जब भी हम प्यार कर रहे होते हैं तो मेरा प्रेमी अपने मोबाइल फोन पर मेरे फोटो खींचना चाहता है या वीडियो बनाना चाहता है. मैं हर बार सख्ती से मना कर देती हूं. लेकिन वह हर बार जिद करता है. मैं उसे कैसे समझाऊं?

जवाब

आप के प्रेमी की नीयत में खोट आ गया है. आप का जिस्म तो वह हासिल कर ही चुका है, फिर क्यों आप का प्रेम संबंध वाला फोटो आप के मना करने के बाद कैमरे में कैद करना चाहता है, जो बाद में ब्लैकमेलिंग या बदनामी का सबब भी बन सकता है.

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भारत के विक्रांत सिंह चंदेल ने रूस की ओल्गा एफिमेनाकोवा से शादी की. शादी के बाद वे गोवा में रहने लगे. कारोबार में नुकसान होने के बाद ओल्गा पति के साथ उस के घर आगरा रहने आ गई. लेकिन विक्रांत की मां ने ओल्गा को घर में आने देने से साफ मना कर दिया. कारण एक तो यह शादी उस की मरजी के खिलाफ हुई थी, दूसरा सास को विदेशी बहू का रहनसहन पसंद नहीं था.

सुलह का कोई रास्ता न निकलता देख ओल्गा को अपने पति के साथ घर के बाहर भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा. ओल्गा का कहना था कि उस की सास दहेज न लाने और उस के विदेशी होने के कारण उसे सदा ताने देती रही है.

जब मामला तूल पकड़ने लगा तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को हस्तक्षेप करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री से विदेशी बहू की मदद करने के लिए कहना पड़ा. उस के बाद सास और ननद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए. तब जा कर सास ने बहू को घर में रहने की इजाजत दी और कहा कि अब वह उसे कभी तंग नहीं करेगी.

नहीं देती प्राइवेसी

सास-बहू के रिश्ते को ले कर न जाने कितने ही किस्से हमें देखने और सुनने को मिलते हैं. सास को बहू एक खतरे या प्रतिद्वंद्वी के रूप में ही ज्यादा देखती है. इस की सब से बड़ी वजह है सास का अपने बेटे को ले कर पजैसिव होना और बहू को अपनी मनमरजी से जीने न देना. सास का हस्तक्षेप ऐसा मुद्दा है जिस का सामना बेटाबहू दोनों ही नहीं कर पाते हैं. वे नहीं समझ पाते कि पजैसिव मां को अपनी प्राइवेसी में दखल देने से कैसे रोकें कि संबंधों में कटुता किसी ओर से भी न आए.

अधिकांश बहुओं की यही शिकायत होती है कि सास प्राइवेसी और बहू को आजादी देने की बात को समझती ही नहीं हैं. उन्हें अगर इस बात को समझाना चाहो तो वे फौरन कह देती हैं कि तुम जबान चला रही हो या हमारी सास ने भी हमारे साथ ऐसा ही व्यवहार किया था, पर हम ने उन्हें कभी पलट कर जवाब नहीं दिया.

आन्या की जब शादी हुई तो उसे इस बात की खुशी थी कि उस के पति की नौकरी दूसरे शहर में है और इसलिए उसे अपनी सास के साथ नहीं रहना पड़ेगा. वह नहीं चाहती थी कि नईनई शादी में किसी तरह का व्यवधान पड़े. वह बहुत सारे ऐसे किस्से सुन चुकी थी और देख भी चुकी थी जहां सास की वजह से बेटेबहू के रिश्तों में दरार आ गई थी.

शुरुआती दिनों में पतिपत्नी को एकदूसरे को समझने के लिए वक्त चाहिए होता है और उस समय अगर सास की दखलंदाजी बनी रहे तो मतभेदों का सिलसिला न सिर्फ नवयुगल के बीच शुरू हो जाता है बल्कि सासबहू में भी तनातनी होने लगती है.

आन्या अपने तरीके से रोहन के साथ गृहस्थी बसाना, उसे सजानासंवारना चाहती थी. उस की सास बेशक दूसरे शहर में रहती थी पर वह हर 2 महीने बाद एक महीने के लिए उन के पास रहने चली आती थी क्योंकि उसे हमेशा यह डर लगा रहता था कि उस की नौकरीपेशा बहू उस के बेटे का खयाल रख भी पा रही होगी या नहीं.

आन्या व्यंग्य कसते हुए कहती है कि आखिर अपने नाजों से पाले बेटे की चिंता मां न करे तो कौन करेगा. लेकिन समस्या तो यह है मेरी सास को हददरजे तक हस्तक्षेप करने की आदत है, वे सुबह जल्दी जाग जातीं और किचन में घुसी रहतीं. कभी कोई काम तो कभी कोई काम करती ही रहतीं.

मुझे अपने और रोहन के लिए नाश्ता व लंच पैक करना होता था पर मैं कर ही नहीं पाती थी क्योंकि पूरे किचन में वे एक तरह से अपना नियंत्रण  रखती थीं. यही नहीं, वे लगातार मुझे निर्देश देती रहतीं कि मुझे क्या बनाना चाहिए, कैसे बनाना चाहिए और उन के बेटे को क्या पसंद है व क्या नापसंद है.

सुबहसुबह उन का लगातार टोकना मुझे इतना परेशान कर देता कि मेरा सारा दिन बरबाद हो जाता. यहां तक कि गुस्से में मैं रोहन से भी नाराज हो जाती और बात करना बंद कर देती. मुझे लगता कि रोहन अपनी मां को ऐसा करने से रोकते क्यों नहीं हैं?

सब से ज्यादा उलझन मुझे इस बात से होती थी कि जब भी मौका मिलता वे यह सवाल करने लगतीं कि हम उन्हें उन के पोते का मुंह कब दिखाएंगे? हमें जल्दी ही अपना परिवार शुरू कर लेना चाहिए. जो भी उन से मिलता, यही कहतीं, ‘मेरी बहू को समझाओ कि मुझे जल्दी से पोते का मुंह दिखा दे.’ रोहन को भी वे अकसर सलाह देती रहतीं. प्राइवेसी नाम की कोई चीज ही नहीं बची थी.

रोहन का कहना था कि  हर रोज आन्या को मेरी मां से कोई न कोई शिकायत रहती थी. तब मुझे लगता कि मां हमारे पास न आएं तो ज्यादा बेहतर होगा. मैं उस की परेशानी समझ रहा था पर मां को क्या कहता. वे तो तूफान ही खड़ा कर देतीं कि बेटा, शादी के बाद बदल गया और अब बहू की ही बात सुनता है.

मैं खुद उन दोनों के बीच पिस रहा था और हार कर मैं ने अपना ट्रांसफर बहुत दूर नए शहर में करा लिया ताकि मां जल्दीजल्दी न आ सकें. मुझे बुरा लगा था अपनी सोच पर, पर आन्या के साथ वक्त गुजारने और उसे एक आरामदायक जिंदगी देने के लिए ऐसा करना आवश्यक था.

परिपक्व हैं आज की बहुएं

मनोवैज्ञानिक विजयालक्ष्मी राय मानती हैं कि ज्यादातर विवाह इसलिए बिखर जाते हैं क्योंकि पति अपनी मां को समझा नहीं पाता कि उस की बहू को नए घर में ऐडजस्ट होने के लिए समय चाहिए और वह उन के अनुसार नहीं बल्कि अपने तरीके से जीना चाहती है ताकि उसे लगे कि वह भी खुल कर नए परिवेश में सांस ले रही है, उस के निर्णय भी मान्य हैं तभी तो उस की बात को सुना व सराहा जाता है.

बहू के आते ही अगर सास उस पर अपने विचार थोपने लगे या रोकटोक करने लगे तो कभी भी वह अपनेपन की महक से सराबोर नहीं हो सकती.

बेटेबहू की जिंदगी की डोर अगर सास के हाथ में रहती है तो वे कभी भी खुश नहीं रह पाते हैं. सास को समझना चाहिए कि बहू एक परिपक्व इंसान है, शिक्षित है, नौकरी भी करती है और वह जानती है कि अपनी गृहस्थी कैसे संभालनी है. वह अगर उसे गाइड करे तो अलग बात है पर यह उम्मीद रखे कि बहू उस के हिसाब से जागेसोए या खाना बनाए या फिर हर उस नियम का पालन करे जो उस ने तय कर रखे हैं तो तकरार स्वाभाविक ही है.

आज की बहू कोई 14 साल की बच्ची नहीं होती, वह हर तरह से परिपक्व और बड़ी उम्र की होती है. कैरियर को ले कर सजग आज की लड़की जानती है कि उसे शादी के बाद अपने जीवन को कैसे चलाना है.

फैमिली ब्रेकर बहू

आर्थिक तौर पर संपन्न होने और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए एक टारगेट सैट करने वाली बहू पर अगर सास हावी होना चाहेगी तो या तो उन के बीच दरार आ जाएगी या फिर पतिपत्नी के बीच भी स्वस्थ वैवाहिक संबंध नहीं बन पाएंगे.

एक टीवी धारावाहिक में यही दिखाया जा रहा है कि मां अपने बेटे को ले कर इतनी पजैसिव है कि वह उसे उस की पत्नी के साथ बांटना ही नहीं चाहती थी. बेटे का खयाल वह आज तक रखती आई है और बहू के आने के बाद भी रखना चाहती है, जिस की वजह से पतिपत्नी के बीच अकसर गलतफहमी पैदा हो जाती है.

फिर ऐसी स्थिति में जब बहू परिवार से अलग होने का फैसला लेती है तो उसे फैमिली यानी घर तोड़ने वाली ब्रेकर कहा जाता है. सास अकसर यह भूल जाती है कि बहू को भी खुश रहने का अधिकार है.

विडंबना तो यह है कि बेटा इन दोनों के बीच पिसता है. वह जिस का भी पक्ष लेता है, दोषी ही पाया जाता है. मां की न सुने तो वह कहती है कि जिस बेटे को इतने अरमानों से पाला, वह आज की नई लड़की की वजह से बदल गया है और पत्नी कहती है कि जब मुझ से शादी की है तो मुझे भी अधिकार मिलने चाहिए. मेरा भी तो तुम पर हक है. बेटे और पति पर हक की इस लड़ाई में बेटा ही परेशान रहता है और वह अपने मातापिता से अलग ही अपनी दुनिया बसा लेता है.

शादी किसी लड़की के जीवन का एक महत्त्वपूर्ण व नया अध्याय होता है. पति के साथ वह आसानी से सामंजस्य स्थापित कर लेती है, पर सास को बहू में पहले ही दिन से कमियां नजर आने लगती हैं. उसे लगता है कि बेटे को किसी तरह की दिक्कत न हो, इस के लिए बहू को सुघड़ बनाना जरूरी है. और वह इस काम में लग जाती है बिना इस बात को समझे कि वह बेटे की गृहस्थी और उस की खुशियों में ही सेंध लगा रही हैं.

इस का एक और पहलू यह है कि बेटे के मन में मां इतना जहर भर देती है कि  उसे यकीन हो जाता है कि उस की पत्नी ही सारी परेशानियों की वजह है और वह नहीं चाहती कि वह अपने परिवार वालों का खयाल रखे या उन के साथ रहे.

जरूरी है कि सास बेटे की पत्नी को खुल कर जीने का मौका दें और उसे खुद ही निर्णय लेने दें कि वह कैसे अपनी जिंदगी संवारना व अपने पति के साथ जीना चाहती है. सास अगर हिदायतें व रोकटोक करने के बजाय बहू का मार्गदर्शन करती है तो यह रिश्ता तो मधुर होगा ही साथ ही, पतिपत्नी के संबंधों में भी मधुरता बनी रहेगी.

मेरा बौयफ्रेंड मुझ पर बहुत शक करता है, जिस कारण मैंने एक गलत कदम उठा लिया था…

सवाल
मैं 19 वर्षीय युवती हूं. एक युवक से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है पर समस्या यह है कि वह मुझ पर बहुत शक करता है, जिस कारण मैं ने एक गलत कदम उठा लिया था. मैं ने एक अन्य युवक से बात की और उस से शारीरिक संबंध भी बना लिए. अब वह युवक भी मुझ से बात नहीं करता. मैं क्या करूं?

जवाब
प्रेम की धुरी है विश्वास. अगर आपस में एकदूसरे पर विश्वास ही नहीं है तो प्रेम कहां रहा? आप ने यह भी नहीं लिखा कि आप ने जिस अन्य युवक से संबंध बनाए उस से रिश्ता कैसे बना. जिस से पहले प्रेम करती थी वह आप पर शक करता था तो शक की वजह जान कर उस का निवारण करना चाहिए था न कि अन्य से संबंध बना कर उसे चिढ़ाने की कोशिश. अब दूसरा युवक भी आप का फायदा उठा कर आप को अंगूठा दिखा रहा है तो गलती किस की है? आप अब इस बात से परेशान हैं कि दूसरा युवक भी आप से संबंध बनाने के बावजूद बात नहीं करता या इस बात से जिस से प्रेम करती हैं उस का शक दूर नहीं हुआ.

बहरहाल, दो नावों पर पैर रखेंगी तो डूबना तय है. एक तरफ हो जाएं जिस से प्यार करती हैं उसे विश्वास दिलाएं कि वाकई आप उसी की हैं. जिस युवक ने आप से संबंध बनाए और बात नहीं करता उस से तो वैसे भी किनारा कर लेना चाहिए. सच्चे प्यार को पहचानिए और अपनाइए, आप की समस्या अपनेआप सुलझ जाएगी.

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