Hookup Culture: कितना सही, कितना गलत

Hookup Culture: आज के मौडर्न वर्ल्ड में हुकअप, मेकआउट और वन नाइट स्टैंड जैसे शब्द अक्र सुनने को मिलते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन का असल मतलब क्या है? दरअसल, हुकअप कल्चर आज की जेनेरेशन में तेजी से बढ़ रहा है. इस का मतलब होता है कि जब 2 लोग बिना किसी रिश्ते या कमिटमैंट में आए सिर्फ सैक्सुअल रिलेशन बनाते हैं. यानी महज मुलाकात के बाद अगर उन का रिश्ता केवल फिजिकल लैवल तक ही सीमित रह जाए, तो उसे हुकअप कहा जाता है.

मान लीजिए आप किसी क्लब या पार्टी में गए और वहां आप की मुलाकात किसी ऐसे इनसान से हुई जो आप को पसंद आ गया. अगर वह इनसान भी आप को पसंद करे और दोनों की सहमति से बिना किसी रिलेशनशिप में आए सिर्फ सैक्सुअल रिलेशन बन जाए, तो आज की भाषा में इसे हुकअप कहा जाता है. इस तरह के रिश्तों में न तो किसी तरह की कमिटमैंट की जरूरत होती है और न ही जिम्मेदारियों का बोझ. असल में, यह एक तरह से कैजुअल अरेंजमैंट होता है जहां दोनों लोग केवल अपनी फिजिकल नीड्स पूरी करने के लिए साथ आते हैं.

हुकअप और मेकआउट जैसे रिश्तों के जहां कुछ फायदे हैं, वहीं इन के नुकसान भी कम नहीं हैं. अगर फायदों की बात करें तो सब से बड़ी बात यह है कि शुरुआत से ही दोनों पार्टनर क्लियर रहते हैं कि वे किसी सीरियस रिलेशनशिप में नहीं बंधना चाहते. इस वजह से दिल टूटने का खतरा कम हो जाता है. साथ ही, दोनों अपनीअपनी फिजिकल जरूरतें पूरी कर खुश रहते हैं और किसी तरह की जिम्मेदारी भी नहीं उठानी पड़ती. दरअसल, आज के यंगस्टर्स कमिटमैंट और जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं, ऐसे में उन्हें यह रिलेशनशिप का तरीका आसान लगता है.

अगर नुकसान की बात करें तो सब से बड़ी दिक्कत तब सामने आती है जब कैजुअल हुकअप के दौरान लड़की प्रेग्नेंट हो जाती है. शुरुआत में दोनों पार्टनर यह मान कर चलते हैं कि उन का रिश्ता सिर्फ फिजिकल तक ही सीमित रहेगा, लेकिन प्रेग्नेंसी की स्थिति में हालात अचानक बदल जाते हैं. तब सवाल उठता है कि आखिर इस की जिम्मेदारी कौन उठाएगा? चाहे दोनों ने सीरियस रिलेशन नहीं चाहा हो, लेकिन इस स्थिति में किसी एक को तो आगे आना ही पड़ता है. लड़की के लिए पीछे हटना लगभग नामुमकिन होता है और लड़के पर भी दबाव बढ़ जाता है. नतीजा यह होता कि बिना चाहत और बिना प्यार के दोनों एक ऐसी मुश्किल में फंस सकते हैं, जिस की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी.

आज की जेनरेशन अकसर मस्ती और फन के नाम पर हर चीज को ट्राई करने के लिए तैयार हो जाती है, लेकिन कई बार वह इस के नतीजों के बारे में सोचती ही नहीं है. सच तो यह है कि हर चीज के साथ फायदे और नुकसान दोनों जुड़े होते हैं, इसलिए कोई भी कदम उठाने से पहले उस के परिणामों पर अच्छी तरह विचार करना जरूरी है. Hookup Culture

Relationship Advice: आपसी कलह की नुमाइश न लगाएं

Relationship Advice: कुछ दिन पहले की बात है. दिल्ली मैट्रो में एक जोड़ा चढ़ा. लड़का और लड़की दोनों की उम्र 24-25 साल के आसपास रही होगी. दोनों ही कमाऊ लग रहे थे. लड़की खूबसूरत थी और लड़का हैंडसम. दोनों ने कपड़े भी अच्छे ब्रांडेड पहने हुए थे.

पर थोड़ी देर के बाद उन दोनों में ऐसा कुछ हुआ कि बाकी सवारियों के कान उन की बातों पर लग गए.

लड़की ने लड़के से पूछा, ‘‘क्या आप शुक्रवार की शाम को अपने दोस्तों के साथ बैठे थे?’’

लड़का बोला, ‘‘हां, बैठा था. तो क्या हुआ?’’

‘‘तुम सब ने ड्रिंक भी की थी न?’’ लड़की ने जैसे उस लड़के की पोल खोलते हुए कहा.

‘‘हां, की थी. तुम मुद्दे की बात करो न कि क्या पूछना चाहती हो?’’ लड़के की आवाज में थोड़ी कड़वाहट आ गई थी.

‘‘वहां तुम सब ने बकवास भी की थी…’’ लड़की ने तेज आवाज में कहा.

‘‘जब लड़के पीने बैठते हैं, तो बकवास ही करते हैं. पर तुम मेरी जासूसी क्यों कर रही हो?’’ लड़का अब और तेज आवाज में बोला.

लड़की कुछ बोलती उस से पहले ही लड़के ने उस का हाथ ?ाटक कर कहा, ‘‘तुम्हें यह सब किस ने बताया?’’

लड़की ने जबान नहीं खोली, जबकि लड़का उस पर हावी हो गया. वह गुस्से में तमतमाते हुए बोला, ‘‘कौन है, नाम बता? मुझे गुस्सा मत दिला. जब इतना कुछ जानती है, तो नाम भी बता दे. अब डर क्यों रही है?’’

लड़की ने पहले तो अपना हाथ छुड़ाया और बड़बड़ाते हुए एक खाली सीट पर जा कर ‘धम्म’ से बैठ गई.

उन दोनों की यह आपसी लड़ाई सब ने सुनी और अनसुना भी कर दिया. पर यहां एक सवाल जरूर मन में उठा कि लोग अपनी पर्सनल बातों में इतने ज्यादा क्यों खो जाते हैं, जो अनजान लोगों के सामने अपनी भड़ास निकाल देते हैं और ऐसा जताते हैं कि कोई सुने तो सुने उन की बला से?

मजे की बात तो यह है कि यह वही पीढ़ी है, जो अपने घर में मां, बूआ, मौसी, चाचा, चाची जैसी अपने से बड़ी पीढ़ी को इस बात पर कोसती है कि वे लोग पीठ पीछे एकदूसरे की बुराई क्यों करते हैं या पड़ोस में क्या चल रहा है, इस पर मजे ले कर बातें क्यों करते हैं?

मैट्रो या बस जैसी सार्वजनिक सवारियों में यह आम हो गया है कि लोग आमनेसामने या फिर फोन पर चुगलखोरी करते दिखाई देते हैं. सास अपनी बहू की पोल खोलती दिख जाती है, तो बहू अपनी ननद के किस्से अपनी मां को सुनाती नजर आती है.

मर्द और लड़के भी इस सब में पीछे नहीं हैं. कोई औफिस में बौस की बखिया उधेड़ रहा होता है, तो कोई अपनी प्रेमिका को ब्लौक करने के किस्से सुना रहा होता है.

ऐसा होता क्यों है? क्यों हम अनजान लोगों के सामने अपने घरकुनबे का पुराण बांचने लग जाते हैं? इस की वजह यह है कि हमें यह सीख देने वाला शायद कोई बचा ही नहीं है कि सार्वजनिक जगह पर हमें कैसे बरताव करना है. और जब से सोशल मीडिया में ‘रीलरील’ खेलने का दौर चला है, तब से ऐसा लगने लगा कि हर कोई ‘गौसिप गैंग’ का हिस्सा बन गया है.

यहां सीख देने वाला कौन है? दरअसल, कुदरत ने हमें सुनने और बोलने की सैंस (इंद्रियां) तो दे दी है, पर कब और कितना बोलना है और कितना सुनना है, यह जो ‘व्यावहारिक बुद्धि’, जिसे इंगलिश में ‘कौमन सैंस’ कहते हैं, को इस्तेमाल करना हम भूलते जा रहे हैं.

पहले टीचर, परिवार और आसपड़ोस के बड़ेबूढ़े नई पीढ़ी को बता दिया करते थे कि इस ‘कौमन सैंस’ का कैसे इस्तेमाल करना है, पर अब तो स्कूलों में ऐसी बातें सिखाना गुजरे जमाने की बात हो गई है और अपनों की सुनता ही कौन है.

कभीकभार इस के नतीजे बहुत बुरे भी होते हैं, जो सार्वजनिक जगहों पर अमूमन दिखाई दे जाते हैं. जैसे क्रिकेट एक खेल है, जो मनोरंजन के लिए खेला जाता है, पर नासमझी की वजह से यह खेल का मैदान खूनी लड़ाई में बदलते देर नहीं लगती है.

18 फरवरी, 2025 को आकाश नाम का एक लड़का शाम को अपने दोस्तों के साथ फरीदाबाद के अगवानपुर चौक के पास बने दुर्गा बिल्डर के खाली प्लाट में क्रिकेट खेल रहा था. खेल के दौरान गेंद वहां मौजूद एक लड़के को लग गई, जिस से झगड़ा हो गया.

आसपास के लोगों ने उस समय मामला शांत करा दिया, लेकिन तकरीबन 15 मिनट बाद वही लड़का 5-6 साथियों के साथ लाठीडंडे और हौकी ले कर लौटा और आकाश पर हमला कर दिया. उन लोगों ने आकाश को इतना पीटा कि एक महीने अस्पताल में रहने के बाद उस की मौत हो गई.

इस वारदात में एक की जान गई और बाकी कोर्टकचहरी के चक्कर में फंसेंगे. पर ऐसी वारदात से एक सीख लेनी चाहिए कि कोई भी विवाद छोटी सी बात से शुरू होता है और हमारा अहम उसे इतना ज्यादा तूल दे देता है कि खेल का मनोरंजन मौत के मातम में बदल जाता है.

ऐसा ही कुछ घरेलू समस्याओं को सार्वजनिक जगह पर जाहिर करने से होता है. बहुत बार मैट्रो या बस वगैरह में 2 जानपहचान वालों की चुगलखोरी हाथापाई तक में बदलते देर नहीं लगाती है.

एक बार एक जोड़ा इस बात पर बहस करने लगा कि लड़की का पहना हुआ टौप कितने का होगा. लड़की ने ज्यादा कीमत बताई तो लड़के ने कहा कि सस्ता माल है. इसी बात पर उन दोनों ने अपने रिश्ते को सब के सामने उघाड़ना शुरू कर दिया. आखिर में लड़की ने लड़के को चांटा जड़ दिया और मैट्रो से उतर गई.

दिक्कत यह है कि हम आपसी गपशप और चुगलखोरी के साथ निजी बातों को सार्वजनिक करने के फर्क को समझ गए हैं. पहले गांवदेहात में लोग गपशप ज्यादा किया करते थे. उसी में बीच में चुगलखोरी और निजी बातों का तड़का लगा दिया जाता था और बात आईगई हो जाती थी.

पर अब चूंकि बातें करने की जगह और समय की कमी से हम मोबाइल फोन पर या कहीं भी आमनेसामने निजी बातों का पिटारा खोल कर बैठ जाते हैं. वहीं सारी गड़बड़ होती है. भीड़ में लोग आप की बातों को अनुसना करते हुए भी बड़े ध्यान से सुनते हैं और अनचाहे में ऐसी बातों के राजदार बन जाते हैं, जो बेहद निजी होती हैं.

नई पीढ़ी को इस सामाजिक बुराई से बचने के लिए अपने घरपरिवार वालों पर ध्यान देना चाहिए. उन के साथ समय बिताना चाहिए और घर की बातों को घर पर ही सुलझाना चाहिए. इस आदत से आप अपने रिश्ते बचा सकते हैं और कभी बात लड़ाई तक पहुंच भी जाए तो ठंडे दिमाग से उसे सुलझाने की कोशिश कर सकते हैं. सैंस के साथसाथ कौमन सैंस का भी इस्तेमाल करें. Relationship Advice

Relationship Guide: झूठा प्रेमी होने की निशानी

Relationship Guide: निशी का मन पिछले कुछ दिनों से अजीब सा हो रहा था. वह अपने खास दोस्तों से कह भी नहीं पा रही थी, मगर कुछ था जो उस के हलक में आ कर अटक सा गया था. न निगलते बनता था, न उगलते.

आखिर एक दोपहर लंच ब्रेक पर निशी की सहेली टिया ने उसे टोका. टिया ने एक सच्चे हमदर्द की तरह उस के डिप्रैशन और अनमनेपन की ही बात की. कोई निजी सवाल नहीं किया, मगर निशी ने उस समय टिया के सामने अपना दिल खोल ही दिया.

दरअसल, निशी का प्रेमी कह रहा था कि केवल निशी ही उस का पहला और आखिरी प्यार है. उस की जिंदगी में निशी के सिवा न कोई था, न है और न ही कोई होगा. मगर निशी को आजकल उस में काफी बनावटीपन नजर आने लगा था, इसीलिए वह हर समय उदास और बेचैन सी रहने लगी थी.

टिया ने निशी को खुल कर सब कह लेने दिया. उस के बाद टिया ने उसे कुछ ऐसे राज बताए कि अगर उस का प्रेमी इस तरह की बात कर रहा है, तो वह सौ फीसदी झूठा ही है.

प्रेमी का सब से पहला झूठ तो यह है कि मैं अभी तक एकदम साफ और कोरा कागज हूं. अगर कोई एकदम ईमानदार और खरा है, तो वह बारबार दलील नहीं देता, मगर जो कपटी है, वह इसी बात पर जोर देता रहेगा.

दरअसल, यह एक ऐसा झूठ है, जो धूर्त प्रेमी अपने पार्टनर पर मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव डालने के लिए कहते हैं. उन का यह मानना होता है कि एक संवेदनशील प्रेमिका हमेशा ही चाहती है कि उस का पार्टनर प्योर हो और उस का किसी के साथ फिजिकल रिलेशन नहीं हुआ हो.

औरतों की इस सोच को मर्द बखूबी समझते हैं, पर अपनी वफादारी और ईमानदारी का असर जमाने के लिए वे यह जरूर कहते हैं कि अब तक उन का किसी से कोई शारीरिक संबंध नहीं रहा है. उन्होंने किसी के साथ सैक्स नहीं किया है, यह कह कर वे उन पर अपने वर्जिन होने का असर डालते हैं.

अब यह और बात है कि उन के संबंध रहे हों, पर पार्टनर का दिल न टूटे, इस वजह से वे यह झूठ बारबार बहुत ही बेशर्मी के साथ कह देते हैं.

अगला झूठ है कि मैं कभी नशा नहीं करता. कभी शराब, बीड़ीसिगरेट को हाथ तक नहीं लगाता. यह तो एक सामान्य सी बात है कि जो इस तरह के नशे नहीं करता, वह इन से जुड़ी किसी भी तरह की चर्चा में दिलचस्पी नहीं लेता. मगर जो शेर की खाल में गधा है, वह इस का ढोल पीटता रहेगा, इसलिए इस बात का प्रचार करने वाला झूठ बोल रहा है. उसे लग रहा है कि इस तरह की बात करने से प्रेमिका खुद को सिक्योर महसूस करेगी.

प्रेमिका को झूठी खुशी देने से एक न एक दिन चौंकाने वाला सच सामने आ ही जाता है. इसी तरह अपनी दौलत, अपनी कमाई, अपना रुतबा वगैरह बारबार गिनाने वाला भी एक महा?ाठा प्रेमी ही है. जिस के पास दौलत है, वह उस का कतई दिखावा नहीं करता. कहा भी गया है कि अधजल गगरी छलकत जाए.

अपनी प्रेमिका की नजाकत और पार्टनर का जुनून भरा प्यार देखते हुए यह बात लड़के कह देते हैं कि मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता. यह तो मानी हुई बात है कि कोई किसी के बगैर जी न सके, अमूमन ऐसा होता नहीं. लेकिन प्यार और जुनून में अकसर ऐसी बातें देखी, सुनी और पढ़ी जाती हैं.

जब आप अपने साथी को यह कहते हैं कि आप उस के बगैर नहीं जी सकते, तब प्रेमिका खुद को बेहद स्पैशल महसूस करती है और उसे लगता है कि वह दुनिया की सब से खूबसूरत और खास शख्स है. इस वजह से भी लड़के उन्हें स्पैशल फील कराने के लिए यह झूठ कहते हैं कि वे उन के बिना नहीं रह सकते, जबकि इस के पीछे छिपी हुई हकीकत यह है कि वे सरासर झूठ बोल रहे हैं.

अगर वह सच्चा प्रेमी है, तो इस तरह की बात कहने की कोई जरूरत नहीं है. यह तो खुद ही महसूस हो जाती है.

जो प्रेमी बारबार फोन कर के अपनी प्रेमिका का रूटीन चैक करते हैं, हमेशा इस तरह की बात करते हैं, जिस से प्रेमिका खुद बता दे कि बाकी समय पर वह क्याक्या करती है, किस से मेलजोल रखती है या किसी न किसी बहाने प्रेमिका का फोन और मैसेज वगैरह को टटोलना चाहते हैं, वे सनकी और शक्की तो हो सकते हैं, मगर सच्चे प्रेमी कभी नहीं होते. Relationship Guide

Relationship Tips: सहोदर का साथ कभी न छोड़ें

Relationship Tips: जितेंद्र और सुमित्रा सहोदर यानी सगे भाईबहन थे. उन के छोटे भाई सुरेंद्र की शादी की बात चल रही थी. चूंकि उन के मांबाप नहीं थे, तो सुरेंद्र ने सुमित्रा और अपने जीजाजी की बात मान कर एक जगह रिश्ता देख कर हां बोल दी.

बस, यही बात जितेंद्र को खल गई, क्योंकि वह अपनी साली से सुरेंद्र की शादी कराना चाहता था. वह दिन था और आज का दिन, इस बात को 15 साल हो गए हैं, जितेंद्र ने सुमित्रा से रिश्ता खत्म कर लिया है.

लेकिन खून के रिश्ते इस तरह खत्म नहीं होते हैं. एक दिन सुमित्रा अपने पति के साथ जितेंद्र के घर गई. उस की बेटी की शादी थी. उस ने जितेंद्र को शादी का कार्ड देते हुए हाथ जोड़ कर कहा, ‘‘भाई, भूलचूक माफ कर दे. पहला कार्ड तुझे दे रही हूं. अपनी भांजी की शादी में जरूर आना.’’

पहले तो जितेंद्र ने मुंह फुला लिया, पर फिर भाईबहन का प्यार इस वैर पर भारी पड़ा. जितेंद्र ने सुमित्रा का मान रखा और अपनी भांजी की शादी में परिवार समेत शरीक हुआ. भाई ने बहन की पैसे से भी मदद की.

भाईबहन का रिश्ता दुनिया के सब से प्यारे और अनमोल रिश्तों में से एक है. यह रिश्ता प्यार, विश्वास और समर्थन से भरा होता है. वे दोनों एकदूसरे के साथ बचपन से ले कर बुढ़ापे तक का सफर तय करते हैं और इस दौरान एकदूसरे के साथ कई यादगार पल बिताते हैं.

पर कई बार इस रिश्ते में खटास आ जाती है. इस में कोई बुराई नहीं है, क्योंकि ऐसा होना स्वाभाविक है, पर इस खटास को कभी कड़वाहट में न बदलने दें. जब भी जरूरत हो भाईबहन एकदूसरे के साथ खड़े रहें, फिर चाहे वह पैसे से मदद करना ही क्यों न हो.

एक समय ऐसा था जब कोई भाई अपनी बहन से पैसे की मदद लेने से झिझकता था. समाज की बंदिशें ऐसी थीं कि बहन से मदद लेना भाई के लिए शर्म की बात सम?ा जाता था. पर आज जमाना बदल गया है. बहन भी अच्छी पढ़ाई कर के अपने पैरों पर खड़ी हो गई है और चूंकि अब मांबाप पहले की तरह 5-6 बच्चे नहीं पैदा करते हैं, तो सामाजिक ढांचा भी बदल गया है. लिहाजा, बहन अपने भाई की पैसे से मदद करना अपना हक समझती है.

पहले तो शादीब्याह में लड़की को मायके से सिर्फ मिलता ही था, पर आज की लड़कियां तो अपने मायके से जितना लेती हैं, उस से ज्यादा देने की हिम्मत भी दिखाती हैं. इतना ज्यादा कि वे जायदाद में अपना कानूनी हिस्सा भी भाई को गिफ्ट में दे देती हैं.

यही वजह है कि आज भाईबहन एकदूसरे की जरूरतों का ध्यान रखते हैं और पैसे से मदद करने में भी झिझकते नहीं हैं.

मजबूती की निशानी

यहां सवाल उठता है कि भाईबहन के रिश्ते को मजबूत बनाने की वजह क्या है और इस से फायदा क्या है?

जब कोई भाईबहन एकदूसरे को अपना भावनात्मक समर्थन देते हैं, तो वे जिंदगी की चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत जुटा लेते हैं. इस से वे खुशहाल होते हैं और रिश्ते में प्यार बना रहता है.

भाईबहन के रिश्ते में सांझी यादें भी मजबूती की वजह बनती हैं, जो उन की जिंदगी के अहम पलों को और
भी खास बनाती हैं. इस से दोनों में एकदूसरे के लिए सुरक्षा की भावना पैदा होती है.

चूंकि यह रिश्ता बेहद करीबी और बहुत लंबा चलता है, तो एकदूसरे की पैसे से मदद कर के वे दोनों जिंदगी को और ज्यादा बेहतर कर सकते हैं. लिहाजा, जिंदगी में कितना ही बुरे से बुरा वक्त आए, भाईबहन को कभी एकदूसरे का साथ नहीं छोड़ना चाहिए. पैसे को रिश्ते की खाई में नहीं बदलने देना चाहिए, बल्कि उसे तो वह पुल बना देना चाहिए, जो उन्हें हमेशा साथ जोड़े रखे. Relationship Tips

Physical Relationship : मजा या सजा

Physical Relationship: आज के मौडर्न दौर में हम जिस समाज में रह रहे हैं, वहां फिल्मों, वैब सीरीज और सोशल मीडिया का हमारी सोच और लाइफस्टाइल पर गहरा असर पड़ रहा है. कई बार फिल्मों और वैब सीरीज में यह दिखाया जाता है कि एक लड़का और लड़की बिना किसी इमोशनल कनैक्शन के केवल फिजिकल रिलेशन बना लेते हैं, एक ऐसा रिश्ता जिस में किसी तरह की कोई बंदिश या जिम्मेदारी नहीं होती. इसे आज की भाषा में हुकअप या मेकआउट कहा जाता है. इस तरह के रिश्तों में अकसर लोग सिर्फ अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए एकदूसरे के करीब आते हैं और जब चाहें इस रिश्ते से अलग हो सकते हैं.

यह एक ऐसा चलन बन चुका है जिस में रिश्ते का कोई नाम नहीं होता, फिर भी नजदीकियां होती हैं. आसान शब्दों में कहें तो यह एक ऐसा तरीका है, जिस से आज की जैनेरेशन फिजिकल अट्रैक्शन और संबंधों को प्रायोरिटी दे रही है. आज के युवाओं के लिए जीवन का मतलब बन गया है ‘आज को जीना’ और ऐंजौय करना’. उन के लिए रिश्तों का मतलब सिर्फ एक फन ऐक्टिविटी बन कर रह गया है. वे मानते हैं कि अगर बिना किसी जिम्मेदारी या इमोशनल इन्वौल्वमैंट के उन की जरूरतें पूरी हो रही हैं, तो इस में गलत क्या है?

इस सोच का सब से बड़ा आधार यही है कि दोनों लोग इस रिश्ते को सिर्फ एक ऐंजौयमैंट मानें, कोई जिम्मेदारी नहीं, कोई सवालजवाब नहीं. लेकिन अकसर होता यह है कि समय के साथ एक इनसान इमोशनली इन्वौल्व होने लगता है और तब शुरू होती है वह तकलीफ जो शब्दों में नहीं कही जा सकती. ऐसे रिश्ते धीरेधीरे इनसान के अंदर के इमोशन्स को खोखला कर देते हैं. बारबार की नजदीकियां और दूरियां, भरोसे का टूटना और साथ का न होना ये सब मिल कर उसे अंदर से तोड़ने लगते हैं. फिजिकल रिलेशनशिप एक ऐसा इमोशनल जख्म बन जाता है जो लंबे समय तक दर्द देता है.

अकसर लोग इस दर्द को पहचान नहीं पाते, लेकिन इस का असर उन के आने वाले रिश्तों पर भी पड़ता है. वे या तो किसी से जुड़ने से डरने लगते हैं या फिर रिश्तों को सिर्फ एक खेल समझने लगते हैं. इस का गंभीर नतीजा भी हो सकता है. Physical Relationship

Relationship Tips: कभी तलाक नहीं होगा, अगर हसबैंडवाइफ फौलो करेंगे यह रिलेशनशिप रूल

Relationship Tips: शादी एक खूबसूरत बंधन है, लेकिन इसे निभाना उतना ही मुश्किल भी है. पहले के जमाने में जब रिश्तों की समझ और एक दूसरे के प्रति प्यार हुआ करता था तब लोग जिंदगी भर साथ निभा लेते थे बिना किसी शिकायत के मगर आज के दौर में हालात बदल चुके हैं. तलाक जैसे शब्द आम हो गए हैं, मानो अब रिश्तों की अहमियत कम हो गई हो. इस बदलाव की एक बड़ी वजह सोशल मीडिया भी है. आजकल बहुत से लोग इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब वीडियोज में दिखाए गए ‘परफेक्ट कपल्स’ को देखकर अपनी शादीशुदा जिंदगी से कंपेयर करने लगते हैं. अगर किसी वीडियो में दिखाया गया कि एक पति रोज अपनी पत्नी के लिए खाना बनाता है या पत्नी रोज अपने पति के पैर दबाती है, तो असल जिंदगी के रिश्तों में भी वैसी ही उम्मीदें जागने लगती हैं.

दिक्कत तब होती है जब ये उम्मीदें हकीकत नहीं बन पाती. बहुत से वीडियो सिर्फ व्यूज और लाइक्स के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन लोग उन्हें सच मान बैठते हैं. जबकि हर रिश्ता अलग होता है और हर इंसान की सोच अलग होती है. आज के समय में हर कोई कमाता है फिर चाहे वे पति हो या पत्नी क्योंकि महंगाई भरे इस दौर में एक की कमाई से घर चलाना काफी मुश्किल हो चुका है. महंगाई की बात ना भी करें तो आजकल लड़कियां भी चाहती हैं कि वे किसी पर डिपेंडेंट ना रहें और खुद पैसे कमाएं.

इसी के चलते दोनों में बराबर की ईगो भी जन्म ले लेती है और ऐसे में जब घर की जिम्मेदारियों की बात आती है तो पति सोचता है कि यह तो सिर्फ पत्नी का ही काम है लेकिन ऐसी सोच रखना बिल्कुल गलत है. अगर पत्नी कमाने जा सकती है तो पति को भी घर के काम करने में शर्म नहीं आनी चाहिए. अगर आप पूरे दिन काम करके थक जाते हैं ठीक उसी तरह आपकी पत्नी भी थकती है. आप सारी जिम्मेदारियां पत्नी पर नहीं डाल सकते.

दूसरी ओर, यह समझना भी जरूरी है कि अगर एक कमा भी रही है और सेल्फ डिपेंडेंट है तो इसका यह मतलब नहीं कि वह अपने पति की इज्जत करना छोड़ दे या फिर घर की जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर ले. शादी एक ऐसा रिश्ता है जिसमें आपने एक-दूसरे का साथ देने का वादा किया है, तो फिर रिश्ते में ‘मैं’ और ‘तुम’ की जगह ‘हम’ होना चाहिए. अगर आपका पति घर के कामों में आपकी मदद करता है, तो यह उसकी समझदारी है. ऐसे में पत्नी का भी यह फर्ज़ बनता है कि वह ना सिर्फ पति के इमोशंस को समझे, बल्कि घर की बाकी जिम्मेदारियों में भी अपनी हिस्सेदारी निभाए.

रिश्ते में ईगो की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. सच्चा रिश्ता वही होता है जहां दोनों एक-दूसरे की बात सुनें, समझें और बिना किसी से तुलना किए एक दूसरे का साथ निभाएं. Relationship Tips

Long Distance Relationship: कैसे बनाए रखें दूरी में भी प्यार

Long Distance Relationship: पिछले कुछ समय से हमें यह लौन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप काफी सुनने को मिल रहा है तो चलिए आज हम आपको बताते हैं क्या है लौन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप. लौन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप एक ऐसा रिलेशनशिप होता है जिसमें दोनों पार्टनर्स एक दूसरे के साथ तो क्या एक दूसरे के आसपास भी नहीं रहते यानि जब पार्टनर्स या तो दूसरे शहर या दूसरे देश में रहते हैं. इसके बावजूद इस रिश्ते में बंधे लोग करियर, पढ़ाई या अन्य कारणों से एक-दूसरे से दूर रहते हुए भी अपने रिश्तों को निभा रहे हैं.

आजकल इंटरनेट और डिजिटल जमाने में प्यार भी डिजिटल हो चुका है. इस इंटरनेट के जमाने में दूर किसी देश में हम किसी से भी बात कर सकते हैं और ऐसे में बात करते करते किसी से प्यार हो जाना भी कोई बड़ी बात नहीं है. लौन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहते हुए इस रिलेशनशिप को बरकरार रखना चैलेंजिंग होता है. लौन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में लौयल रहने की संभावना कम होती है लेकिन फिर भी कहते हैं ना कि प्यार निभाने वाले निभा ही लेते हैं. दूरियां चाहे जितनी भी हों, अगर भरोसा, समझ और प्यार हो तो रिश्ता मजबूत बना रह सकता है.

चलिए जानते हैं कुछ टिप्स जिसे फौलौ कर लौन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप को आसानी से निभाया जा सकता है.

कम्युनिकेशन है बेहद जरूरी

लौन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहते हुए हम एक ही चीज कर सकते हैं जो है बातें. अगर हमें दूर रहते हुए भी अपने प्यार को जिंदा रखना है तो अपने पार्टनर से जितना हो सके उतनी बातें करें. उससे हर बात को शेयर करें और एक दूसरे को कनेक्टेड महसूस कराएं. भूल कर भी एक दूसरे को इग्नोर ना करें जिससे सामने वाले के मन में कुछ गलतफहमी पैदा नहीं हो.

ट्रस्ट को रखें जिंदा

लौन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में ट्रस्ट सबसे बड़ी चीज होती है. दूर रहते हुए भी अपने पार्टनर के लिए वफादार रहना आसान नहीं होता लेकिन वहीं अगर प्यार सच्चा हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको वफादार बने रहने से नहीं रोक सकती. अपने पार्टनर के समझें और बातबात पर शक ना करें जिससे रिश्ते में दरार आने लगे.

औनलाइन भिजवाएं गिफ्ट्स

आजकल दूर बैठे हम कहीं भी कोई भी सामान औनलाइन भिजवा सकते हैं तो ऐसे में कभी कभी अपने पार्टनर को कोई गिफ्ट भिजवाएं ताकि आपके पार्टनर को एहसास हो कि दूर रहकर भी आप उसी के बारे में सोच रहे हैं और उसकी आपके दिल में खास जगह है.

मिलने की करें प्लैनिंग

दूर रहते हुए भी मिलने की बातें करना एक दूसरे की अहमियत को दिखाता है. अगर पौसीबल हो तो मिलने के प्लैन्स बनाएं ऐसा करके अपने रिश्ते को और भी मजबूत बनाएं. मिलने से अक्सर रिश्तों की मिठास बनी रहती है और पार्टनर्स एक दूसरे के कनेक्शन में रहते हैं. Long Distance Relationship

Sex Tips: पहली बार सैक्स कर रहे हैं तो अपनाएं यह टिप्स

Sex Tips: सैक्स सिर्फ एक फिजिकल इंटीमेसी का प्रोसेस नहीं है बल्कि सैक्स एक एहसास है जिसे सिर्फ शारीरिक सुख के लिए नहीं किया जाता बल्कि यह भावनाओं के मिलन का भी माध्यम होता है. सेक्स के बारे में कहा जाता है बिना मानसिक अहसास के सैक्स मतलब बिना नमक का खाना. सैक्स हमेशा उस इंसान के साथ करना चाहिए जिससे हम प्यार करते हैं या जिसे हम चाहते हैं. जरूरी नहीं कि सैक्स हमेशा शादी के बाद ही किया जाए बल्कि सैक्स हमारी फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है.

आज के समय में जहां लड़के और लड़कियां उम्र से पहले ही रिलेशनशिप में जाने लगे हैं तो जाहिर तौर पर उनके बीच करीबियां भी बढ़ेंगी और देखते ही देखते दोनों का एक दूसरे के प्रति झुकाव के साथ सैक्स करने की इच्छा भी पैदा होगी. कई ऐसे लोग हैं जो सैक्स के नाम से घबरा जाते हैं और सोचने लगते हैं कि सैक्स करना बहुत मुश्किल चीज है लेकिन ऐसा नहीं है. सैक्स को नौर्मल तौर पर देखना चाहिए और इस बारे में खुलकर बातें करनी चाहिए.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स जिसे पहली बार सैक्स करने जा रहे हैं या सैक्स करने की सोच रहे हैं तो अपना सकते हैं.

इंटीमेट हाइजीन और गुड लुक्स

अगर आप पहली बार किसी के साथ सैक्स करने जा रहे हैं तो आपको इस बात का खास खयाल रखना है कि आप नहा धो कर ब्रश करके और अपने प्राइवेट पार्ट्स की अच्छे से सफाई करके जाएं. सैक्स के दौरान आती बदबू से आपका या आपके पार्टनर का सारा मूड खराब हो सकता है. यह आपकी खूबसूरत शुरुआत को बदमजा कर सकता है.

कंसेंट है बेहद जरूरी

आप किसी के साथ भी सैक्स करने जा रहे हैं तो ध्यान रहे कि अपने पार्टनर के साथ जबरदस्ती नहीं करें. सैक्स का मतलब होता है एक दूसरे में खो जाना और एक दूसरे को चरम सुख की प्राप्ति देना लेकिन पार्टनर के साथ कुछ जबरदस्ती करते हैं तो यह दोनों को बड़ी मुसीबत में डाल सकता है. आपको पिंक मूवी का वह डायलौग याद रखना चाहिए – नो का मतलब नो

ओरल सैक्स है जरूरी

कई लोग बिना रोमांस किए ही सीधा सैक्स करने लगते हैं जो कि बेहद गलत है. सैक्स हमेशा आराम से आनंद लेकर किया जाना चाहिए तो सबसे पहले आपको शुरुआत रोमांस से करनी है. जी भर कर पार्टनर के साथ ओरल सैक्स करना है जिससे कि आप और आपके पार्टनर एक दूसरे में डूब जाएं और अंत में सैक्स पर पहुंचना है.

मेल हो या फीमेल दोनों को चाहिए और्गेंज्म

कुछ लड़के अपना स्पर्म लूज होते ही अपने पार्टनर से ऐसे दूर हो जाते हैं जैसे उनको सिर्फ यही चाहिए लेकिन ऐसा करना बिल्कुल गलत है. लड़कों को अपनी फीमेल पार्टनर्स की पंसदनापसंद का भी सोचना चाहिए कि उन्हें कितना बुरा लगेगा जब आप सैक्स करते ही दूर हट जाएंगे. मेल पार्टनर्स को अपनी फीमेल पार्टनर्स के बारे में भी सोचना चाहिए और उन्हें खूब प्यार करना चाहिए क्योंकि उसे आपके ऊपर भरोसा तभी वे आपके साथ है.

जगह का रखें खास ध्यान

आज के इस सोशल मीडिया के जमाने में कुछ भी वायरल हो जाता है और कई ऐसे लोग हैं जो इसी फिराक में रहते हैं कि किसी ना किसी की वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाल दी जाए. आप कभी भी अपने पार्टनर के साथ सैक्स या रोमांस करें तो किसी सेफ जगह पर करें फिर चाहे घर हो या होटल. बस ध्यान रखें कि किसी ऐसी जगह इंटीमेट नहीं हो जिससे कि कोई आपको रिकौर्ड कर सके. Sex Tips

Couple Sex Life: सेक्स की फ्रीक्वेंसी को लेकर करें अपनी कन्फ्यूजन दूर

Couple Sex Life: हैल्दी और खुशहाल मैरिड लाइफ के लिए सबसे जरूरी होता है सैक्स. सैक्स एक ऐसा प्रोसेस है जिससे कपल्स एक दूसरे के और भी करीब आने लगते हैं लेकिन सैक्स को सिर्फ एक प्रोसेस की तरह नहीं मानना चाहिए बल्कि सैक्स ऐसा होना चाहिए जिसमें आपके थोड़े से एफर्ट्स हों और अपने पार्टनर को खुश करने के स्किल्स हों. कई बार ऐसा होता है कि हम बाकी चीज़ों को चलते सैक्स को बिल्कुल ही इग्नोर करने लगते हैं जो कि बिल्कुल गलत है.

कई कपल्स की ये शिकायत होती है कि शादी के कुछ समय तक तो बिल्कुल ठीक चला लेकिन बच्चा या अन्य जिम्मेदारी आने के बाद सैक्स लाइफ बोरिंग होने लगी है. आपको यह समझना होगा कि कोई भी जिम्मेदारी आए लेकिन आपनी मैरिड लाइफ अगर सही रहेगी और आपका पार्टनर आपसे खुश होगा तो सबकुछ अच्छे से हो जाएगा इसलिए अपने पार्टनर की फिजिकल नीड्स का खयान रखना बेहद जरूरी है.

अगर आपका किसी वजह से मन नहीं भी है सैक्स करने का तो अपने पार्टनर के मन को बिल्कुल मत मारिए. उन्हें प्यार से समझाएं और उनके साथ समय बिताएं जिससे क्या पता आपका खुद सैक्स करने का मन कर जाए. आपको अपने साथ साथ अपने पार्टनर का भी पूरी तरह से साथ देना है.

ऐसा देखा गया है कि कई कपल्स हर दिन सैक्स करते हैं और काफी खुश भी रहते हैं एक दूसरे के साथ लेकिन वहीं दूसरी तरफ कई कपल्स हफ्ते में एक या दो बार ही सैक्स कर पाते हैं जिसके चलते उनके बिहेवियर में चिड़चिड़ापन आने लगता है और एक दूसरे से लड़ने लगते हैं. ऐसे में आपको सैक्स को अपनी बिजी लाइफ के चलते इग्नोर बिल्कुल नहीं करना है और अपने पार्टनर के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना है जिससे कि आप उनकी फिजिकल नी़ड्स को भी समझ सकें.

सैक्स को सैक्स की तरह ना मानकर या प्रैशर में आकर कभी सैक्स मत कीजिए बल्कि सैक्स को एंजौय करिए और ज्यादा कोशिश कीजिए कि आप अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक रहें और रोमांस को अपनी लाइफ से कभी मत जाने दीजिए.

गहरी पैठ : Cyber Fraud से सावधान!

Cyber Fraud : दिल्ली के एक अखबार में एक ही दिन एक पेज पर 6 खबरें छपीं जिन में औनलाइन फ्राडों का जिक्र था. 2 मामले डिजिटल अरैस्ट के थे. एक मामले में तो शिकार खुद पढ़ीलिखी डाक्टर थी जिसे घंटों तक शातिरों ने ‘डिजिटल अरैस्ट’ कर रखा था. डिजिटल अरैस्ट में कुछ अरैस्ट नहीं होता. बस शिकार को कहा जाता है कि अपना ह्वाट्सएप वीडियो औन रखो और वहीं उस के सामने बैठे रहो. दूसरी तरफ एक पुलिस अफसर के वेश में बैठा शख्स होता है जो कहता है कि किसी औनलाइन ट्रांजैक्शन की वजह से कोई जुर्म हुआ है.

धमकी दी जाती है कि अगर डिजिटल अरैस्ट की शर्तें नहीं मानी गईं तो असल में पुलिस कई गाडि़यों में आ कर गिरफ्तार कर लेगी और पूरे समाज में बदनाम हो जाओगे. इस दौरान रिश्वत के नाम पर मामले को रफादफा करने के लिए 27 लाख रुपए ट्रांसफर भी करवा लिए गए. शर्तों में एक शर्त यह भी होती है कि कोई दूसरा उस कमरे में न हो. बारबार धमकी दी जाती है कि पुलिस वाले घर के आसपास ही हैं और कभी भी धावा बोल कर असली अरैस्ट कर सकते हैं.

दूसरे मामले में 48 घंटे तक डिजिटल अरैस्ट कर के रखा गया और 5 लाख वसूल कर लिए गए. तीसरे में एक ग्राफिक डिजाइनर को 4 घंटे तक डिजिटल अरैस्ट कर के 2 लाख ठगे.

एक और मामले में मुनाफा दिलाने का लालच दे कर एक लैफ्टिनैंट कमांडर से 25 लाख रुपए झटक लिए गए. एक मामले में पुलिस ने नोएडा में काल सैंटर चलाते शख्स को पकड़ा जो देशविदेश में कंप्यूटर इस्तेमाल करने वालों को सौफ्टवेयर अपग्रेड करने का झांसा दे कर कंप्यूटर का पूरा डाटा इकट्ठा कर लेता था और फिर उस में से जरूरत की चीजें खंगाल कर या तो अकाउंट साफ करता या ब्लैकमेल करता था.

ये सब क्या लोगों की गलती से अपराध हो रहे हैं? नहीं, इन के लिए सरकार और सिर्फ सरकार जिम्मेदार है. मोबाइल की पहुंच लोगों की बातचीत के लिए थी पर सरकार ने बैंकों, जीएसटी, इनकम टैक्स, रिटर्नों, म्यूनिसिपल टैक्सों के लिए मोबाइल को पहचानपत्र, आईडैंटिटी कार्ड बना दिया. अब यह मोबाइल तो लोगों के हाथों में है पर इस के अंदर क्या तकनीक है यह लोगों को क्या पता. जिन्हें पता है वे सरकारी घोड़ों पर चढ़ कर अब लूटमार कर रहे हैं.

सरकार हर चीज के लिए पहले औनलाइन एप्लाई करने को कहती है, फिर ओटीपी आता है, फिर उसे औनलाइन डालना पड़ता है तो सरकारी काम होता है. सरकार ने अपने दफ्तरों के दरवाजों पर ताला डाल दिया है, वहां सिर्फ कंप्यूटर वायर जा रहे हैं तो जनता को कंप्यूटरों और मोबाइलों पर भरोसा तो करना ही पड़ेगा न.

टैलीकौम कंपनियों, इंटरनैट कंपनियों, मोबाइल कंपनियों ने दुनियाभर के बैंकों, सरकारों, कंपनियों, इंश्योरैंस कंपनियों को फांस लिया कि हर काम मोबाइल पर कराओ ताकि उन के मोबाइल बिकें, डाटा बिके और साथ ही हर नागरिक को पूरी तरह गिरफ्त में रखा जा सके. शातिर इसी का फायदा उठा रहे हैं.

मोबाइल इस्तेमाल कराने की जबरदस्ती सरकार ने की है, सरकार के बैंकों ने की है. सारे अपराधों की जमीन उस ने ही तैयार की है. सरकार 4 अखबारों में इश्तिहार दे कर बच नहीं सकती कि उस ने तो जनता को बता दिया था.

जिस दिन एक पेज में 6 घटनाएं छपीं, उस दिन देश के अलगअलग हिस्सों में सैकड़ों मामले हुए होंगे. गरीब लोगों को भी लूटा गया होगा, अमीरों को भी. अभी जैसे एक नंबर पर एक काल आई +245311151.

यह पक्के तौर पर फ्राड काल थी और अगर फोन उठा लिया जाता तो कोई बुरी बात ही होती. यह नंबर गुआना, कांगो, अंगोला कहीं का भी हो सकता है. फोन कहीं और से भी किया जा सकता है.

आम आदमी जिसे सरकार ने धकेला है कि हर फोन को उठाओ क्योंकि यह बैंक से हो सकता, टैक्स वालों का हो सकता है, पुलिस वालों का हो सकता है, कौरपोरेशन का हो सकता है कैसे पता करे कि वह जाल में फंसेगा नहीं. जिम्मेदार वह सरकार है जो मोबाइल को जबरन थोप रही है.

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शादीशुदाओं के प्यार में पड़ने और किसी पराए के साथ सोने के किस्से कभी भी कम नहीं होते थे. हमारी स्मृतियों में, जिन में हिंदू कानूनों को लिखा गया, ऐसी बहुत सी सजाओं के बारे में लिखा गया है जो उन मर्दों और औरतों को दी जाती थीं जो शादी के बाहर के बंधन बनाते थे. सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग भी जब उन से भरा हो तो किस संस्कार, किस संस्कृति, किस पुराने काल के अच्छे होने की बात की जा सकती है.

अभी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अदालत ने एक औरत को अपने मर्द को गोली से मारने की सजा सुनाई क्योंकि मर्द उस के एक लड़के के सैक्स संबंध पर एतराज कर रहा था और झगड़ रहा था. मजेदार बात यह है कि औरत के प्रेमी, पिता और भाई को भी सजा दी गई क्योंकि हत्या में तीनों का भी हाथ था. मर्द को सिर में गोली मारी गई थी.

इस मामले में औरत के 6 साल के बच्चे ने सच उगल दिया वरना तो पुलिस के पास सुबूत भी नहीं थे.

अपने मर्द से नाराज हो कर दूसरे के साथ सोना कोई नई बात नहीं है और अमेरिका में ऐसे बहुत से मामले नेताओं और चर्चों के पुजारियों के भी खूब सामने आते हैं. वहां के चुने गए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तो लंपट माना गया है फिर भी उन को वहां की जनता ने जीत का सेहरा बांध दिया.

असल में मर्द अभी भी यह नहीं भूले हैं कि औरतें तो उन के लिए खिलौना हैं. बस फर्क यह हुआ?है कि अब औरतें अपनी मरजी कुछ ज्यादा चलाने लगी हैं और कुछ कानून पिछले 60-70 सालों में बने हैं जिन में औरतों की बात को पहला सच माना जाता है. जहां पहले औरतें समाज के डर की वजह से मुंह छिपाती थीं और किसी की ज्यादती या अपना प्यार छिपाती थीं, अब वे खुल कर सामने आने को तैयार हैं.

आज की औरत अपनी मेहनत, अपनी अक्ल के साथसाथ अपने बदन की भी पूरीपूरी कीमत वसूलना सीख रही है. वह न पिता की गुलाम रह गई है, न पति की या किसी और मर्द की. प्रेमी भी धोखा दे तो उसे भी थानेकचहरी में घसीटने में वह हिचकती नहीं है.

आदमी अभी भी पुरानी सोच वाले हैं कि औरत पैर की जूती है, उसे जैसे मरजी फेंको. अब औरतें अपनी दमदार हैसियत रखने वाली हैं. मुंबई में एक ऐक्टर ने एक लड़की को फेसबुक पर उस का लिखा देख कर बुलाया और फिर उस से जोरजबरदस्ती करने लगा. लड़की ने तुरंत शिकायत कर दी और अब ऐक्टर बंधाबंधा बरसों घूमेगा. वह कचहरियों से बच जाए शायद पर जिसे जूती समझ रहा था वह उस के सिर पर पड़ने लगी है.

गांवदेहातों की लड़कियां तो शहरी लड़कियों से आगे हैं. वे दमखम में कम नहीं हैं और उन के साथ 4 जने आसानी से खड़े हो जाते हैं. यह बदलाव धर्म के बावजूद आया है. अगर औरतों ने धर्म का पल्लू छोड़ दिया होता तो वे कब की आजाद हो चुकी होतीं. धर्म उन्हें असल में गुलाम बने रहने की पट्टी रोजाना 4 बार पढ़ाता है. उस के बावजूद अगर यह सब हो रहा है तो खुशी की ही बात है.

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