Winter Romance Special: जोशीला इश्क हर उम्र में

होली की शुरुआत कहां से हुई थी, इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोग यही कहेंगे कि मथुरावृंदावन या फिर बरसाना से हुई होगी, लेकिन कम ही लोग उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम लेंगे.

धार्मिक किस्सेकहानियों के मुताबिक, होली मनाने की शुरुआत हरदोई से हुई थी, जिस का राजा हिरण्यकश्यप था, जो भगवान विष्णु से बैर रखता था. इसी बिना पर कहा और माना जाता है कि हरदोई का पुराना नाम हरिद्रोही था.

हिरण्यकश्यप का बेटा भक्त प्रहलाद था, जिस की होली की कहानी हर कोई जानता है. यहां का प्रहलाद कुंड होली की कहानी के लिए ही मशहूर है.

मौजूदा समय में हरदोई की गिनती यहां 400 से भी ज्यादा चावल मिलें होने के बाद भी न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि देशभर के पिछड़े जिलों में शुमार होती है. यहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा दलितपिछड़े तबकों का है, जिन में से एक जाति राठौर भी है, जो अपनेआप को राजपूत मानती है. यह और बात है कि राठौरों के पास बहुत ज्यादा जमीनजायदाद नहीं है, वे कामचलाऊ पैसे वाले हैं.

दिल का मामला

प्रहलाद की कहानी की तरह तो नहीं रहेगी, लेकिन हरदोई के लोग इस प्रेमकहानी को मुद्दत तक नहीं भुला पाएंगे, जो दिलचस्प होने के साथसाथ थोड़ी चिंतनीय भी है. यह बढ़ती उम्र के जोशीले इश्क की ताजातरीन दास्तान है.

हरदोई के लखीमपुर खीरी का एक छोटा सा गांव है सुहौना, जहां 50 साला रामनिवास राठौर रहता था. पेशे से ड्राइवर रामनिवास की जिंदगी का एक बड़ा मकसद जवान होती एकलौती बेटी चांदनी के हाथ पीले कर देना था, जिसे उस ने मां बन कर भी पाला था. अब से तकरीबन 15 साल पहले रामनिवास की बीवी की मौत हो गई थी, तब से उस की जिंदगी में एक खालीपन आ गया था.

मासूम चांदनी का मुंह देखदेख कर जी रहे इस शख्स ने दूसरी शादी नहीं की थी, क्योंकि सौतेली मां के जुल्मोसितम के कई किस्से उस ने सुन रखे थे.

रामनिवास ने लंबा वक्त बिना औरत के गुजार दिया, तो सिर्फ बेटी की खातिर जो अपनेआप में बड़ी बात है, नहीं तो आलम तो यह है कि इधर पहली बीवी की चिता की आग ठंडी नहीं होती और उधर मर्द ?ाट से बैंड, बाजा और बरात के साथ दूसरी बीवी ले आता है.

इस काम में समाज और नातेरिश्तेदार न केवल उस की मदद करते हैं, बल्कि औरत के होने के फायदे और जरूरत भी गिनाते हुए एक तरह से उकसाते रहते हैं. लेकिन रामनिवास ने किसी की सलाह पर कान नहीं दिए और अकेला ही चांदनी की परवरिश करता रहा.

बेटी के बालिग होते ही घरवर की तलाश शुरू हो गई, जो इसी साल मई महीने में खत्म भी हो गई. मुबारकपुर गांव के आशाराम राठौर का बेटा शिवम रामनिवास को चांदनी के लिए ठीक लगा. बातचीत शुरू हुई और रिश्ता तय भी हो गया.

आशाराम राठौर राजमिस्त्री था, जिस की आमदनी भी ठीकठाक थी और लड़के पर कोई खास घरेलू जिम्मेदारी भी नहीं थी, सो रामनिवास को लगा कि चांदनी इस घर में रानी की तरह रहेगी. बात पक्की हुई और 29 मई, 2023 को दोनों की शादी भी हो गई.

रिश्ते और लेनदेन समेत शादी से ताल्लुक रखती कई बातों को निभाने के लिए रामनिवास को बारबार मुबारकपुर जाना पड़ता था, जहां समधी आशाराम कम और समधिन आशारानी ज्यादा मिलती थी, क्योंकि आशाराम को अपने काम के सिलसिले में अकसर बाहर रहना पड़ता था.

शादी के बाद भी रामनिवास राठौर का आनाजाना बेटी की ससुराल लगा रहा, तो लोगों ने यही सोचा कि बेटी के बिना अकेले बाप का दिल नहीं लगता होगा. आखिर मां का प्यार भी तो उसी ने दिया है, इसलिए चला आता होगा बेटी को देखने, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी.

रामनिवास का दिल अपनी 45 साला समधिन आशारानी पर ही आ गया था जो देखने में काफी शोख और स्मार्ट थी और बनठन कर रहती थी. सालों से औरत और उस के प्यार समेत जिस्म को भी तरस रहे रामनिवास का दिल अपने

काबू में नहीं रहा और दीनदुनिया, नातेरिश्तेदारी और ऊंचनीच सब भूलभाल कर एक दिन वह आशारानी से अपने प्यार का इजहार कर बैठा.

आग तो इधर भी लगी थी

प्यार का इजहार तो खानापूरी भर थी, क्योंकि आशारानी की हालत भी रामनिवास की हालत से कम जुदा नहीं थी. वह खुद भी अपने समधी को दिल दे बैठी थी. दोनों घंटों बैठ कर न जाने क्याक्या बतियाते रहते थे. अपने दिल का हाल कमउम्र प्रेमियों की तरह सुनाते और सुनते रहते थे. इस से उन के इश्क में और जोश भरता जा रहा था.

इसी जोश में कब वे मन के साथसाथ तन से भी एक हो गए, इस का उन्हें भी पता नहीं चला. लेकिन यह एहसास दोनों को हो गया था कि अब वे एकदूजे के बगैर नहीं रह सकते.

रामनिवास राठौर का तो समझ आता है कि उस का हाल बेहाल इसलिए था कि पत्नी की मौत के बाद कोई औरत उस की न केवल जिंदगी में, बल्कि दिल तक भी शिद्दत से आई थी, लेकिन आशारानी के बारे में इतना ही सोचा और कहा जा सकता है कि पति की अनदेखी ने उसे तनहा सा कर दिया था.

रामनिवास के जिंदगी में आते ही उस के अंदर की जवान लड़की फिर जिंदा हो गई थी और प्यार में भी पड़ गई थी. जब वे दोनों हर लिहाज से एक हो गए, तो आगे की प्लानिंग भी बनाने लगे, जिस में रोड़े ही रोड़े थे.

नातेरिश्ते, समाज, बेटा, बहू, पति, बेटी, दामाद इन सब की अनदेखी कर प्यार की मंजिल शादी तक पहुंच जाना दोनों के लिए आसान नहीं था. हां, इतना जरूर उन्हें सम?ा आ गया था कि प्यार के आगे सबकुछ बेकार है और यों चोरीछिपे से मिलना ज्यादा नहीं चलना, क्योंकि उन की बढ़ती नजदीकियां, मेलमुलाकातें और खिलते चेहरे लोगों को चुभने लगे थे, उंगलियां भी उठने लगी थीं.

ये उठती उंगलियां तो वे मरोड़ नहीं सकते थे. लिहाजा, दोनों ने इन की पहुंच से बहुत दूर जाने का फैसला यह सोचते हुए ले लिया कि अब हम अपनी नई जिंदगी शुरू करेंगे. जिसे जो सोचना हो  सोचे और जिसे जो करना हो करे.

यही फैसला वे कमउम्र जोशीले प्रेमी भी करते हैं, जिन का प्यार घर, परिवार, समाज और दुनिया को रास नहीं आता, पर इस मामले में बात इस माने में अलग थी कि सवाल दोनों की औलादों का भी था, जिस का जवाब इन्होंने यही निकाला कि कहां दुनियाभर की औलादें इश्क में पड़ने के बाद मांबाप की इज्जत का खयाल करती हैं या दुनियाजमाने का लिहाज करती हैं, तो हम क्यों करें.

23 सितंबर, 2023 इस तारीख को दोनों चोरीछिपे, लेकिन पूरा प्लान बना कर बस से दिल्ली भाग गए और वहां रहने लगे. रामनिवास अपनी जमापूंजी साथ लाया था, तो आशारानी भी जेवर साथ ले गई थी. ठीक वैसे ही जैसे हिंदी फिल्मों में दिखाया जाता है कि लड़की आशिक के साथ घर से भागने से पहले जेवर और कपड़ेलत्ते भी समेट ले जाती है.

दोनों साथ भागे हैं, यह अंदाजा किसी को नहीं था, लेकिन इन के बीच प्यार का चक्कर चल रहा है यह बात कइयों को मालूम थी. जबतब दोनों गांवों में चटकारे ले कर इस लवस्टोरी की चर्चा भी होती रहती थी.

आशाराम ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई, लेकिन बाद में उसे मालूम हुआ कि 23 सितंबर से ही समधी रामनिवास भी गायब हैं, तो इस जोशीले इश्क का राज खुला, जिसे दबाए रखने के अलावा किसी के पास कोई और रास्ता नहीं था.

हालांकि रामनिवास के भी 23 सितंबर से गायब होने की खबर आशाराम ने पुलिस को दे दी थी और पुलिस दोनों को ढूंढ़ने में जुट गई थी.

22 अक्तूबर, 2023 इस दिन पुलिस को खबर मिली कि शाहजहांपुरसीतापुर रेलवे ट्रैक पर 2 लाशें पड़ी हैं. जांच में दोनों के नाम और पहचान मोबाइल फोन और आधारकार्ड के जरीए उजागर हुए, तो इस इश्क की दास्तान भी खुल कर सामने आ गई. यह मान लिया गया कि ये दोनों बदनामी से डर गए थे, इसलिए इन्होंने रेल से कट कर खुदकुशी कर ली. बात एक हद तक सच भी थी, लेकिन पूरा सच शायद ही कभी लोगों को समझ आए.

रामनिवास और आशारानी

17 अक्तूबर, 2023 को दिल्ली से वापस आ गए थे. इस के बाद 4 दिन क्याक्या हुआ, इस का अंदाजा यही लगाया गया कि परिवार और समाज ने इन के इश्क पर रजामंदी की मुहर नहीं लगाई, जिस से इन का जोश हवा हो गया और कोई रास्ता न देख दोनों ने साथ मरने की खाई कसम निभा ली.

दोनों चाहते तो साथ जीने का वादा भी निभा सकते थे, लेकिन इस के लिए हिम्मत उन के पास नहीं बची थी, क्योंकि ये समाज के नियम बदल कर जीना चाहते थे. हालांकि दिल्ली में दोनों ने शानदार एक महीना साथ गुजारा और खूब और जानदार प्यार एकदूसरे को किया, पर जब पैसे खत्म होने लगे और सब्र टूटने लगा, तो वापसी ही इन्हें बेहतर रास्ता लगा.

समाज एक बार फिर जीत गया और प्यार हार गया, यह कहते हुए इस कहानी का खात्मा करना अधूरी बात होगी, जिस में प्यार नाम के जज्बे का बारीकी से जिक्र नहीं होगा.

जज्बा भी और जोश भी

आमतौर पर माना यह जाता है कि जोशीला इश्क कमउम्र के कुंआरे लड़कालड़की ही करते हैं, लेकिन रामनिवास और आशारानी जैसे प्रेमी इस सोच को तोड़ देते हैं, जिन से समाज और धर्म के बनाए नियमों और कायदेकानूनों पर अमल करने की उम्मीद जिम्मेदारी की हद तक की जाती है.

‘न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन…’ गाने की तर्ज पर इन का बेपरवाह इश्क भी अपनी मंजिल की तरफ बढ़ता है, लेकिन बीच में दुनिया और उस के उसूल आ जाते हैं तो ये भी नौजवान प्रेमियों की तरह एकसाथ फांसी के

फंदे पर ल जाते हैं, ट्रेन की पटरियों के नीचे बिछ जाते हैं या फिर जहर खा कर एकदूसरे की बांहों में दम तोड़ देते हैं. यह इश्क भी जोश से लबरेज होता है, जिस के लिए तन से तन का मिलन  ही सबकुछ नहीं होता. ये भी एकदूसरे के मन में हमेशा के लिए समा जाना चाहते हैं. प्यार की नई इबारत लिखते ये प्रेमी खुद फना हो जाते हैं और एक मिसाल छोड़ जाते हैं कि कब प्यार के बारे में लोग दरियादिली दिखाते हुए उसे मंजूरी देंगे और जब जवाब हमेशा की तरह न में मिलता है, तो हताश और निराश नाकाम प्रेमी दुनिया ही छोड़ने का रिवाज निभा जाते हैं. शायद ही नहीं, बल्कि तय है कि इन के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता.

हरदोई के नाम के मुताबिक रामनिवास और आशारानी ने द्रोह तो किया था, लेकिन हरि से नहीं, बल्कि हर उस दस्तूर के खिलाफ किया था, जो इन के रास्ते में ब्रेकर बन कर खड़ा था. इन के जज्बे और जोश को कोई सलाम करे न करे, लेकिन नजरअंदाज करने की हालत में भी नहीं कहा जा सकता.

Winter Romance Special: कंडोम है तो प्यार है

तकरीबन हर किसी के साथ कभी न कभी यह जरूर हुआ होगा कि अगर कोई गाना हम सुबह गुनगुनाने लगते हैं, तो फिर सारा दिन बेवजह उसे कहीं भी, कभी भी गाने लग जाते हैं. फिर वह गाना दर्द भरा हो या रोमांटिक. हंसीमजाक से लबरेज हो या फूहड़ ही सही.

एक दिन यही 23 साल की नई ब्याहता बिंदिया के साथ हुआ. दिसंबर महीने में दिल्ली के संजय कुमार के साथ उस की शादी हुई थी. हनीमून पीरियड की खुमारी चल रही थी. सुबहसुबह रेडियो पर हिंदी फिल्म ‘राजा बाबू’ का गाना ‘सरकाई लो खटिया जाड़ा लगे, जाड़े में बलमा प्यारा लगे…’ सुन लिया.

बस, फिर क्या था. बिंदिया पूरे घर में यही गाना गुनगुनाती फिरती रही. बीच में सासससुर का ध्यान आ जाता, तो शरमा कर आवाज थोड़ी मंदी कर लेती, पर रात तक उस की जबान पर यही गाना चढ़ा रहा.

रात को बिंदिया के बलमा संजय कुमार घर आए, तो बिंदिया के गाने को ‘न्योता’ सम?ा कर ठिठुरती रात में उलटे पैर कैमिस्ट की दुकान पर जा पहुंचे और खुशबूदार कंडोम का एक बड़ा पैकेट खरीद लिया. फिर रातभर बलमा ने अपनी बिंदिया को साबित कर दिया कि जाड़े में बलमा क्यों प्यारा लगता है. खुशबूदार कंडोम ने उन दोनों की वह रात महका दी थी.

बिंदिया और संजय तो शादीशुदा हैं, पर अब तो शादी से पहले भी प्रेमीप्रेमिका में सैक्स होना कोई बड़ी बात नहीं है. लिवइन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े तो धड़ल्ले से जिस्मानी रिश्ता बनाते हैं, पर अनचाहे पेट से बचने के लिए वे कंडोम का इस्तेमाल बिंदास हो कर करते हैं. चूंकि सर्दियों में बिस्तर की रजाई में प्यार की गरमाहट ज्यादा महसूस होती है, तो कंडोम की खपत भी बढ़ जाती है.

दुनियाभर में प्यार करने वाले कंडोम का इस्तेमाल करने से झिझकते नहीं हैं. जरमन औनलाइन प्लेटफार्म स्टेटिस्टा के एक सर्वे के मुताबिक, साल 2021 में कंडोम के इस्तेमाल में ब्राजील सब से आगे था, जिस के लिए कहा जाता था कि वहां 65 फीसदी लोग कंडोम का इस्तेमाल कर रहे थे. इस के बाद दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों का नाम शामिल था.

वैसे, चीन में सब से ज्यादा कंडोम बिकते हैं. यूरोमौनिटर के मुताबिक, साल 2020 में चीन में तकरीबन 2.3 बिलियन यूनिट कंडोम बेचे गए थे. अमेरिका की एक मार्केटिंग रिसर्च कंपनी एसी नीलसन के मुताबिक, भारत में कंडोम का बाजार साल 2020 में तकरीबन 180 मिलियन डौलर का था. ऐसे में कहा जा सकता है कि भारत में कंडोम की बिक्री में भी इजाफा हुआ है.

भारत में कंडोम की बिक्री बढ़ने की एक वजह और भी है कि अब कैमिस्ट पर खुशबूदार, डौटेड, पतलेमोटे यानी तरहतरह के कंडोम बिकते दिख जाते हैं. इन में से खुशबूदार और डौटेड कंडोम का बाजार ज्यादा गरम रहता है और सर्दियों में प्यार करने वाले जोड़े ‘रबड़ के इस साथी’ पर पूरा भरोसा जताते हैं.

वैसे तो भारत में सरकारी अस्पतालों या डिस्पैंसरी वगैरह में साधारण कंडोम मुफ्त में भी मिल जाता है, पर ब्रांडेड कंडोम के छोटे पैकेट 10 रुपए से लेकर 50-60 रुपए तक में मिल जाते हैं. ब्रांड के हिसाब से कीमत कमज्यादा हो सकती है. पर कंडोम की कीमत पर मत जाइए, यह जो प्यार का लुत्फ बढ़ा देता है, उस बात को दिमाग में बिठा लीजिए. यह कई तरह की सैक्स बीमारियों जैसे एचआईवी, एड्स, सिफलिस, इंफैक्शन वगैरह से तो बचाता ही है, बच्चा न हो इस में भी प्यार के दौरान दीवार बन कर अड़ जाता है, बस थोड़ी सी सावधानी बरतनी पड़ती है.

इतना ही नहीं, कंडोम का फायदा या खासीयत है कि यह कई प्रकार के फ्लेवर और अलगअलग बनावट का होता है जैसे रिब्ड कंडोम. इस की बाहरी सतह पर उभरी हुई धारियां होती हैं, जो जोश को बढ़ाता है. ऐसे ही कई तरह के अलग तरह के कंडोम हैं, जिन की अपनीअपनी क्वालिटी है.

कंडोम की यह पतली रबड़ पार्टनर के बीच दिलचस्पी बढ़ाने का काम करती है. जैसे कंडोम पार्टनर को एकदूसरे के प्रति संतुष्ट करता है और उन खास यादगार को बनाने में मदद करता है.

कंडोम के बारे में हम आप के कान में एक बात बताना चाहते हैं कि इस को कैमिस्ट से खरीदने के लिए डाक्टर के परचे की जरूरत नहीं पड़ती है. दुकान पर जाइए, शान से कंडोम मांगिए, जेब में रखिए और सीधा अपने पार्टनर के पहलू में जा बैठिए.

और हां, आप के पार्टनर को कैसा कंडोम पसंद है, यह जरूर जान लीजिए. फिर बिस्तर पर प्यार का मजा उठाइए. अच्छा बलमा बनना है कि नहीं?

सैक्स को गंभीरता से लेना है बेहद जरूरी

कालेज में पढ़ने वाले युवाओं को सैक्स संबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहना हो, उन्हें इस बारे में अधिक सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती. एक समय था जब विवाहपूर्व सैक्स के बारे में सोचना गलत माना जाता था, लेकिन आज तमाम सर्वे पर नजर डालें तो न सिर्फ युवा बल्कि किशोरकिशोरियों को भी सैक्स से कोई परहेज नहीं है. यह बात सही हो सकती है, लेकिन बिना सोचेसमझे सैक्स और इसे गंभीरता से लिए बिना कोई कदम उठाना सही नहीं है. इस से खुद को ही नुकसान हो सकता है. इसलिए सैक्स को मजाक न समझें, बल्कि गंभीरता से लें.

यह मजाक नहीं है

कई बार युवा अपने दोस्तों की देखादेखी या फिर दोस्तों में लगी शर्त को पूरा करने के चक्कर में सैक्स संबंध स्थापित करते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों के बीच दबदबा बना सकें. लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं रहता कि कुछ पलों के हंसीमजाक के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी का कितना अहम कदम बिना सोचेसमझे उठा लिया है. इसलिए सैक्स को गंभीरता से लें.

शादी के बाद होगी मुश्किल

शादी के बाद पति को भी इस का पता चल सकता है. यदि अपनी किशोरावस्था में आप ने सैक्स को गंभीरता से नहीं लिया और अपने फ्रैंड से कई बार सैक्स संबंध बनाए तो हो सकता है शादी के बाद पति को इस बात की किसी तरह भनक लग जाए और अगर ऐसा हुआ तो आप की खुशहाल जिंदगी क्या करवट लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता.

यौन संबंधी बीमारियों का डर

आमतौर पर विवाहपूर्व सैक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं माने जाते. असुरक्षित सैक्स से कई यौन रोग भी गले पड़ सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते हैं तो इस का असर शारीरिक विकास पर पड़ता है. इस के साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इस का गहरा असर पड़ता है.

साथी के साथ ही करें सैक्स

सैक्स हमेशा उसी के साथ करें जिसे आप ने जीवनसाथी बनाना है. कोशिश करें कि शादी से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैक्स संबंध न बनाएं, क्योंकि उस के मन में यह विचार आ सकता है कि जो लड़की मेरे साथ सैक्स कर सकती है उस ने औरों के साथ भी संबंध बनाए होंगे. किसी अजनबी के साथ सैक्स संबंध बनाना न तो ठीक है और न ही सुरक्षित. सैक्स संबंधों में जल्दबाजी न करें बल्कि जिस के साथ सैक्स करना है उस के बारे में अच्छी तरह जान कर व सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. यह भी ध्यान रहे कि वह संबंध बनाने की बात दूसरों को न बता दे.

जगह का चुनाव करें

सैक्स कहां कर रहे हैं, यह भी काफी माने रखता है. वह जगह सेफ न हुई या किसी ने होटल के कमरे में वीडियो क्लिपिंग बना ली तो क्या होगा, इसलिए जहां मन हुआ सैक्स कर लिया ऐसा नहीं होना चाहिए. सैक्स करने से पहले गंभीरता से सोचें कि इसे कहां किया जाए.

ब्लैकमेलिंग से बचें

बौयफ्रैंड के पास आप के कुछ पर्सनल फोटो हो सकते हैं, जिन से आगे चल कर वह आप को ब्लैकमेल भी कर सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें, फिर चाहे वह बौयफ्रैंड हो या कोई और. सैक्स  से पहले यह बात जरूर सोच लें कि इस वजह से कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं, इसलिए इन बातों का विशेष खयाल रखें.

प्रैग्नैंसी का खतरा

इस बात पर भी विचार करना जरूरी है कि अगर आप ने बिना सोचेविचारे जल्दबाजी में सैक्स संबंध बनाने का फैसला किया और उस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बना रहता है. यदि ऐसा होता है तो आप मानसिक तनाव से घिर जाएंगी, क्योंकि इस का दुष्प्रभाव आप की पूरी जिंदगी पर पड़ेगा.

डिप्रैशन न हो जाए

जब कई बार इन संबंधों में दरार पड़ती है तो दोनों पक्षों को ही गहरा मानसिक आघात पहुंचता है. ऐसे में सामाजिक और नैतिक बंधनों के चलते विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाने की शर्म, ग्लानि, अविश्वास, तनाव तथा एकदूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं.

डेटिंग को डेटिंग ही रहने दें

कई बार डेटिंग के दौरान भी सैक्स संबंध बन जाते हैं. जहां डेटिंग का मकसद एकदूसरे को भलीभांति जानना होता है वहीं वे उस मकसद को भूल सैक्स संबंध स्थापित कर लेते हैं. सैक्स के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन अभी समय एकदूसरे को जाननेसमझने का है. यह वक्त दोबारा नहीं आएगा, इसलिए पहले दोनों एकदूसरे को भलीभांति समझ लें और अपने रिश्ते को कुछ समय दें. उस के बाद इस पायदान पर आएं.

अच्छा नहीं उतावलापन

सैक्स के लिए उतावलापन अच्छा नहीं है इसलिए आप को प्रोफैशनल या बाजारू महिला या पुरुष के साथ सैक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इस से आप गलत लोगों के चंगुल में भी फंस सकते हैं.

जबरदस्ती सैक्स न करें

सैक्स जबरन नहीं करना चाहिए. आप को किसी के दबाव या किसी अन्य कारण से सैक्स करने से बचना चाहिए. साथ ही किसी डर की वजह से भी सैक्स नहीं करना चाहिए. मन के सारे भ्रम और आशंकाएं निकालने के बाद ही सैक्स संबंध बनाएं.

सही कदम

–       हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है और सही भी रहती है. माना कि दिल किशोरावस्था में प्रेम की पींगें बढ़ाने को बेताब रहता है. प्रेम करना गलत नहीं है अवश्य करें, लेकिन सैक्स के लिए सही वक्त का इंतजार भी जरूरी है. तभी उस का असली मजा और आनंद ले पाएंगे वरना वह कुछ पलों का आनंद तो देगा लेकिन बाद में मन का सुकून भी छीन लेगा.

–       अगर फिर भी आप ने सैक्स का मन बना ही लिया है तो समय और स्थान का ऐसा चुनाव करें जो आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो और बाद में किसी मुसीबत में फंसाने वाला न हो, इसलिए किसी भी कमजोर पल में सैक्स करने का फैसला न लें बल्कि यदि सैक्स करना भी है तो सोचीसमझी योजना के तहत करें.

–       सैक्स के बाद यदि प्रैग्नैंसी आदि का वहम हो रहा है तो बिना डाक्टर को दिखाए खुद ही किसी नतीजे पर न पहुंचें, बल्कि सब से पहले इस बारे में अपने घर पर बड़ी बहन, मां आदि को बताएं. यह सच है कि आप को बताने में हिचकिचाहट होगी, डर भी लगेगा और शायद शर्मिंदगी भी होगी, लेकिन यह शर्मिंदगी उस मुसीबत से कम होगी जो न बताने पर आप को झेलनी पड़ सकती है. वह आप के घर वाले हैं, इस बात को सुन कर चाहे लाख नाराज हों, आप को डांटें, लेकिन इस मुसीबत से निकालने की जिम्मेदारी लेने में उन्हें देर नहीं लगेगी. उस समय वह वही करेंगे जो आप के लिए उचित होगा. इसलिए उन पर विश्वास कर हिम्मत कर के एक बार उन से सच कह डालिए, फिर देखिए कैसे आप की परेशानी हल होती है.

–       अगर आप का कोई बौयफ्रैंड है जिस पर आप बहुत विश्वास करती हैं तो भी उसे अपना कोई वीडियो आदि न बनाने दें चाहे कुछ भी हो जाए. वह रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है तो न डरें, क्योंकि जो युवक आप से ऐसी बात कह रहा है वह किसी भी तरह का रिश्ता रखने के लायक नहीं है.

–       अगर सैक्स करना भी है तो इस बात का खयाल रखें कि उस की वजह से आप की पढ़ाई में कोई बाधा न आए. यह समय आप के भविष्य बनाने का है. इस में किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए. सैक्स कर के कहीं हर वक्त उसी में खोए रह कर पढ़ाई करना न भूलें.

सैक्स के ये चार राज बड़े काम के हैं

वे आपके इशारों को नहीं समझ रहे हैं और आपने तय कर रखा है कि आप भी उन्हें नहीं बताने वालीं कि आप क्या चाहती हैं. पर कुछ तरीके ऐसे भी हैं जिनके सहारे सैक्स के दौरान आप बिन कुछ कहे अपनी इच्छाओं को पूरा करवा सकती हैं.

मादकता हमेशा सैक्सी लौन्जरीज, सेंशुअल परफ्यूम या स्मोकी आंखों में ही नहीं छिपी होती. सच है कि ये चीजें निजी पलों में उत्साह का संचार करती हैं, लेकिन कभी-कभी मन की बात मनवाने के लिए छल और चालाकी से भी गुरेज करें.

अक्सर पुरुषों को हल्का-सा इशारा समझ में नहीं आता और आपका शर्मीलापन लंबे इंतजार का कारण बन सकता है, जबकि र्स्माट चालें इस खेल में आपको मनचाहा नतीजा दे सकती हैं.

1. अपने भीतर की युवती को बाहर निकालें

वे मूड में नहीं हैं और आप हैं. हो सकता है कि वे सचमुच थके हुए हों या फिर केवल उन्हें थोड़ा उकसाने की जरूरत हो. ऐसे में समय की कसौटी पर खरे उतरे हथियार इस्तेमाल करें. ‘‘जब मैं सैक्स चाहती हूं और वे बहानेबाजी कर रहे होते हैं तो मैं सैक्स के झटपट सेशन का सुझाव देती हूं,’’ कहती हैं रोहिणी. वहीं नित्या कहती हैं, ‘‘मैं लौन्जरी उतारकर स्नग टी-शर्ट पहन लेती हूं. लेकिन ये नहीं दिखती कि मैं इसकी मांग कर रही हूं. फिर यदि वे किताब पढ़ रहे हैं तो मैं उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए फिजूल के सवाल पूछने लगती हूं.’’

2. इंतजार करवाएं

अपने साथी के साथ सेक्स के दौरान हम जानते हैं कि आगे क्या होनेवाला है. सेक्शुअल गतिविधियों का क्रम जैसे पूरी तरह पता होता है-गर्दन पर चुंबन, होंठों पर गहन चुंबन, नाभि पर चुंबन… इस एकरसता से उबरना चाहती हैं? तो इसे चुहलबाजी के साथ करें. खेलें और उन्हें आनंद से वंचित रखें. जहां बात खुद को बेहतर समझने का खेल खेलने की हो तो पुरुष इसे किसी महिला के साथ खेलने से कभी बोर नहीं होते.

3. हिम्मत करें

आप उम्मीद करती हैं कि वे घिसी-पिटी सेक्शुअल गतिविधियों के बजाय आपके शरीर के दाएं हिस्से पर ज्यादा समय बिताएं? तो उन्हें चुनौती देने की कोशिश करें. प्रत्येक पुरुष को चुनौती पसंद होती है. वो पूरी बेशर्मी से उसका सामना करेंगे. उनसे कहें कि आपको नहीं लगता कि आप ‘फलां’ चीज में अच्छे हैं और वे तुरंत आपको गलत साबित करने में जुट जाएंगे. यहां तरकीब ये है कि यह बात उन्हें चुनौती देने की तरह कहिए, व्यंग्य या ताने की तरह नहीं.

4. बाद का प्यार जरूर पाएं

संतुष्टिदायक पलों के बाद उनकी बेरुखी हमेशा ही झगड़े का करण बनता है. इस उन्माद के बाद उन्हें अकेला छोड़ दें, क्योंकि इजेकुलेशन के बाद उनके हार्मोन्स का स्तर उन्हें शिथिल कर देता है और वे आराम करना चाहते हैं. लेकिन कौन-सा पुरुष ये नहीं सुनना चाहता कि निजी पलों के दौरान उसका प्रदर्शन कितना बेहतरीन था? ‘‘जब मैं अपने बौयफ्रेंड को बताती हूं कि कहां-कहां उनका स्पर्श और चुंबन मुझे रोमांचित कर गया और जब उन्होंने कमान संभाली तो मैंने कितनी गर्माहट महसूस की तो वो मुझे अपनी ओर खींचकर आलिंगन में ले लेते हैं. मुझे लगता है जब कोई आपको प्यार करता है और इसका एहसास करता है तो आपको भी उसे ऐसा ही महसूस कराना चाहिए,’’ ये कहना है रानी का.

मिडिल एज में रोमांस, इन बातों का रखे खास ध्यान

शादी के बाद पतिपत्नी के जीवन में एक अलग सी चाहत होती है. एकदूसरे के साथ अधिक से अधिक समय तक करीब रहना, एकदूसरे को छूना, उत्तेजित हो जाना, सैक्स के लिए पोर्न फिल्में देखना, उसी तरह की चाहत रखना सामान्य बातें होती हैं. यही वजह है कि शादी के निजी पलों को खुल कर जीने के लिए लोग हनीमून के लिए जाते हैं.

शादी के बाद का आनंद जीवन में दोबारा तब आता है जब बच्चे होस्टल चले जाते हैं. पतिपत्नी के जीवन में आने वाला यह एकांत उन को बहका देता है. कई कपल्स तो ऐसे मौके का लाभ उठा कर सैकंड हनीमून तक प्लान कर लेते हैं. ऐसे में कई बार वैसी ही गड़बडि़यां हो जाती हैं जैसी शादी के बाद होती हैं. शादी के बाद अबौर्शन संभव हो जाता था पर सैकंड हनीमून के बाद ऐसी गड़बड़ी भारी पड़ सकती है. इसलिए जरूरी है कि गर्भधारण से बचने वाले उपाय व साधनों का प्रयोग करें.

महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टर नमिता चंद्रा कहती हैं, ‘‘कंडोम और पिल्स सब से अहम उपाय हैं. महिलाएं गर्भ रोकने के लिए पिल्स का प्रयोग डाक्टर की राय से करें. गर्भनिरोधक गोलियां कई बार बौडी के हार्मोंस को प्रभावित करती हैं. इन के लगातार प्रयोग से जिस्म में कैल्शियम भी प्रभावित होता है. कुछ औरतों में जल्दी मेनोपौज की शुरुआत हो जाती है. जिस से कई बार मासिकधर्म अनियमित हो जाता है. ऐसे में यह भ्रम हो जाता है कि माहवारी बंद है तो गर्भधारण कैसे हो सकता है?

‘‘कई मामलों में देखा गया कि माहवारी बंद होने के बाद भी गर्भधारण हो गया. कई बार माहवारी न होने का कारण मेनोपौज को समझ लिया जाता है, जबकि माहवारी न होने का कारण गर्भधारण होता है. इस का पता तब चलता है जब पेट में दर्द या दूसरे कारण दिखाई देते हैं. देर से पता चलने के कारण गर्भपात कराना संभव नहीं रह जाता और बच्चा पैदा करने के बाद तमाम तरह की सामाजिक व शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है.’’

भ्रांतियों का शिकार न हों

आज के दौर में 40 से 50 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं का मुकाबला 20 से 30 वर्ष की महिलाओं के साथ किया जा सकता है. दोनों ही उम्र में सैक्स को ले कर कुछ भ्रांतियां होती हैं. आमतौर पर पुरुष इस उम्र में कंडोम का इस्तेमाल पसंद नहीं करते. इस का कारण यह होता है कि कई बार उन में इरैक्शन को ले कर परेशानियां होती हैं. ऐसे में महिला को पिल्स का सेवन करना चाहिए. वैसे गर्भनिरोधक पिल्स के साथ ही साथ इमरजैंसी पिल्स का भी प्रयोग कर सकती हैं. इमरजैंसी पिल्स का प्रयोग सैक्स संबंध बनने के बाद जितनी जल्दी हो सके कर लें.

कई बार इरैक्शन के शिकार व्यक्ति का डिस्चार्ज योनि के बाहर ही हो जाता है. वह सोचता है कि डिस्चार्ज योनि के बाहर होने से गर्भधारण का खतरा नहीं रहता. यह भी एक तरह की भ्रांति है. पुरुष का वीर्य अगर किसी भी तरह से योनि के अंदर पहुंच गया तो गर्भधारण हो सकता है. ऐसे में किसी भी तरह से वीर्यस्खलन होने पर सावधान रहें. अगर ऐसा हो जाता है तो सावधानी बरतें. गर्भधारण से बचने के लिए उचित डाक्टरी सलाह व प्रैग्नैंसी टैस्ट किट की मदद लें.

पलंगतोड़ सैक्स की चाहत को कैसे करें पूरा

यौन उत्तेजना या कहें सैक्स पावर. देसी भाषा में मर्दाना कमजोरी. उसे बढ़ाने की ललक को भुनाने वाला कारोबार सदियों से चला आ रहा है. इन दिनों नएनए तरीके और दवाओं का बाजार गर्म है. उस संबंध में कुछ सही तो कुछ गलत धारणाओं से भी लोग भ्रमित हो जाते हैं. और वे न केवल ठगे जाते हैं, बल्कि अपने शरीर का भी नुकसान कर बैठते हैं. इस के बावजूद भी सैक्स पावर के पीछे न केवल उम्रदराज मर्द बल्कि युवा भी इस तरह भाग रहे हैं कि…   कानपुर का रहने वाला  बिजनैसमैन सुंदर लखोटिया मर्दाना कमजोरी को ले कर चिंता में डूबा रहता था. हाल में ही उस की शादी हुई थी. उम्र 32 साल और पत्नी की उम्र 26-27 साल. वह अपनी पत्नी से यौन संबंध बनाने में खुद को कमजोर समझता था. इस की शिकायत पत्नी की तरफ से थी या नहीं, यह तो पता नहीं लेकिन फिर भी उसे लगता था कि उस की सैक्स लाइफ मजेदार नहीं है. जिस आनंद के बारे में उस ने दोस्तों से सुन रखा था, वैसा उसे कुछ भी अनुभव नहीं हो पा रहा था. पत्नी के साथ देर तक नहीं टिक पाता था. सैक्स की कुछ पोजीशनों के बाद ही स्खलित हो जाता था. एक रोज उस की नजर फेसबुक के जरिए एक विज्ञापन पर गई. वह एक कालसेंटर का विज्ञापन था, जिस में सैक्स समस्याओं के संबंध में सलाह देने की बात कही गई थी. उस ने तुरंत दिए गए नंबर पर काल कर दी.

कुछ समय में ही एक मैसेज आ गया. उस के साथ एक लिंक भी था. सुंदर ने झट लिंक को क्लिक कर दिया. उस पर सैक्स पावर बढ़ाने वाली कई जानकारियां थीं. उन में सैक्स पोजीशन, आहारविचार और लाइफस्टाइल से ले कर सैक्स की क्षमता बढ़ाने वाली गोलियां, स्प्रे और आयल की जानकारी भी थी. नीचे दिए रोहिणी, दिल्ली के पते से उसे कुरियर के जरिए मंगवाया जा सकता था. सुंदर ने बिना समय गंवाए और किसी से सलाहमशविरा किए बिना तुरंत 1800 रुपए का और्डर बुक कर दिया. महीनों बीतने के बावजूद और्डर का कोई कुरियर नहीं आया, उल्टे उसे पैसा कमाने के साथसाथ सैक्स के अनुभवों के बारे में प्रैक्टिकल जानकारियां लेने का एक औफर मिला.

वह औफर जिगोलो यानी ठेठ में कहें कि पुरुष वेश्या बन 30 की उम्र पार कर चुकी महिलाओं के साथ सैक्स करने का था. इस के बदले में रजिस्ट्रैशन फीस मांगी गई थी.  सुंदर के सामने एक ओर दूसरी औरतों के सैक्स की ललक थी और पैसा बनाने का मौका भी था. उस ने दिए गए नंबर पर काल की, वह कालसेंटर का नंबर था. टेलीकालर महिला ने उसे मीठीमीठी लुभावनी आवाज में समझा दिया कि इस से उस की सैक्स पावर बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस के लिए निश्चित रजिस्ट्रैशन फीस चुकानी होगी. आश्वासन भी मिला कि उस के यहां से दवा और्डर बुक किया जा चुका है.

कुछ दिन बाद ही एक खबर पढ़ कर वह चौंक गया. खबर के अनुसार, राजधानी दिल्ली में रोहिणी इलाके की साइबर सेल ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिस में 8 युवतियां भी शामिल थीं. सभी फरजी कालसेंटर में काम करने वाली टेलीकालर थीं.  उस का मुख्य आरोपी टेलीकालर लड़कियों के माध्यम से जिगोलो का काम दिलाने का झांसा दे कर ठगी करता था. पुलिस ने फरजीवाड़े के गैंग सरगना अमन विहार निवासी मेहताब को गिरफ्तार कर लिया.

खबर पढ़ कर सुंदर को समझते देर नहीं लगी कि वह एक फरजी कंपनी की ठगी का शिकार हो चुका है. असल में वह कंपनी सैक्स पावर बढ़ाने वाली ‘शक्तिवर्द्धक गोली’ और ‘पावर स्प्रे’ बेचने का काम करती थी. पुलिस द्वारा की गई शुरुआती जांच में देश भर के 50 से अधिक लोगों से ठगी की बात सामने आई. उस का सरगना मेहताब दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक था, उस ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर के दौरान अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और यूपीएससी की तैयारी करने लगा था. उसी दौरान उस ने कुछ कालसेंटरों में काम भी किया था. साइबर सेल को समयपुर बादली निवासी सुमित ने 2 जून को घोखाधड़ी की शिकायत की थी. उस ने बताया था कि उसे कालसेंटर से एक लड़की का फोन आया था. उस ने जिगोलो का काम दिलवाने और सैक्स पावर की गोलियां देने का झांसा दिया था. उस से 70 हजार रुपए ठग लिए. आरोपी ने रजिस्ट्रैशन, बुकिंग और एडवांस के नाम पर उस से ठगी की थी.

उस शिकायत पर ही जिला पुलिस उपायुक्त बृजेंद्र सिंह ने छापेमारी के आदेश दिए थे. कालसेंटर से 12 मोबाइल फोन, पेटीएम एप्लिकेशन चलाने के लिए इस्तेमाल एक एंड्राइड फोन, लेनदेन का विवरण रखने वाले 16 नोटबुक, कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर और ‘कार्य सुख पावर’ नाम की गोलियों की 5 बोतलें समेत स्प्रे की 5 बोतलें बरामद की गई थीं. कालसेंटर में काम करने वाली टेली कालर किसी भी नंबर पर फोन करती थीं. फोन पर बात करने वाले लोगों को यौनशक्ति बढ़ाने की दवा लेने के लिए प्रेरित करती थीं.

यदि कोई दावा करता था कि उस की यौनशक्ति ठीक है और उसे किसी भी दवा की जरूरत नहीं है, तब लड़कियां उन्हें जिगोलो सेवा में शामिल होने के लिए अच्छा पारिश्रमिक देने की बात कहती थीं. यौनशक्ति में कमी की शिकायत वालों को भी सैक्स करने के तरीके सिखाने की बातें करती थीं. उल्लेखनीय है कि सैक्स से जुड़ी परेशानियों के शिकार अमूमन नवविवाहित युवा हैं. वैसे हर मर्द सैक्स का आनंद नए अंदाज में लेना चाहता है. इसी का फायदा सैक्स पावर बढ़ाने वाला बाजार उठाता है.

सैक्स पावर को बढ़ाने के लिए मार्केट  में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं, जिन में आयुर्वेदिक से ले कर एलोपैथिक दवा वियाग्रा तक है. लोगों का मानना है कि नपुंसकता दूर करने वाली वियाग्रा एक महंगी और पूरी दुनिया में सैक्स पावर को तेजी से बढ़ाने वाली गोली मानी जाती है. इस तरह की दवाइयों से मर्दाना कमजोरी को दूर करने के दावे किए जाते हैं. लेकिन इस के खतरे भी कम नहीं हैं. अगर शादी से पहले इन की आदत लग जाए या फिर छिपे हुए रोग ग्रसित होने की स्थिति में इस का सेवन खतरनाक हो सकता है. कई बार ऐसी दवाओं की लत लग जाती है. इस का एहसास 28 साल के अमित को शादी के बाद हुआ.

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के रहने वाले अमित ने शादी से पहले सैक्स के अनेक अनुभवों के ख्वाब देखे थे. पोर्न फिल्मों से ले कर सैक्स पावर बढ़ाने वाली दवाइयों के बारे में जानकारी जुटा ली थी.  उस के साथ जो हुआ, वह सुख में सेंध जैसी बात ही कही जाएगी. शादी की पहली रात तो जैसेतैसे निकल गई. असल में वह नई पत्नी संग रोमांस सुख से अधिक पलंगतोड़ सैक्स सुख की उम्मीद लगाए हुए था. लेकिन उस की समस्या उस का बारबार स्खलित होना था. तब उस ने अगले रोज वियाग्रा की डबल खुराक ले ली.  पलंगतोड़ यौनाचार की ख्वाहिश प्रबल थी. दिमाग की नसों में सैक्स का रक्त तेजी से बहने लगा था. उस ने लिंग की उत्तेजना तो हासिल कर ली, लेकिन पत्नी की मनोदशा को नहीं समझ पाया. यह कहें कि दिमाग में सैक्स की सुखानुभूति असंतुलित हो गई. शरीर के दूसरे अंगों के साथ तालमेल नहीं बन पाया.

नतीजा वह वियाग्रा के साइड इफेक्ट का शिकार हो गया. डाक्टरी सलाह के बिना उस ने वियाग्रा की लगातार 4 गुना गोलियां खा लीं. सैक्स सुख में उस का आनंद कितना बढ़ा इस का तो पता नहीं, लेकिन वह अलग तरह के मनोवैज्ञनिक दबाव में जरूर आ गया था. उस असर को छिपा लिया. सोचा कुछ दिनों में अपने आप सही हो जाएगा. हालांकि जिसे वह सामान्य शारीरिक थकान और सिरदर्द समझ रहा था. दरअसल, वह उस के शरीर के लिए एक खतरे की घंटी थी. अचानक उस की तबीयत बिगड़ गई. काफी कमजोरी महसूस करने लगा. 5 जून, 2022 को उसे अस्पताल में भरती होने की नौबत आ गई. प्रयागराज के सब से बड़े सरकारी अस्पताल मोतीलाल नेहरू मैडिकल कालेज में उस का इलाज करने वाले डाक्टर भी उस की हालत देख कर हैरान थे.

डाक्टर के लिए यह अलग तरह का मामला था. डाक्टरी जांच में पाया गया कि उस  के लिंग में तनाव कम नहीं हो रहा है. साथ ही उस के शरीर के दूसरे हिस्से की नसें भी उभर गई थीं. डाक्टर इतना तो समझ गए थे कि मामला सैक्स से जुड़ा है. अमित से हमदर्दी जताते हुए पूछताछ की गई. उस ने बगैर कुछ छिपाए हुए वियाग्रा की डोज के बारे में बताया. डाक्टर के लिए चुनौती यह थी कि किस तरह से उस दवा के असर को खत्म किया जाए.

यूरोलौजी विभाग के हेड डा. दिलीप चौरसिया ने केस अपने हाथ में लिया. इलाज शुरू किया गया. प्राइवेट पार्ट की नसों के तनाव को कम करने के लिए दूसरी दवाओं का सहारा लिया गया, लेकिन इस का भी ध्यान रखा गया कि उन दवाओं के असर से दिल की धड़कनें प्रभावित न हों और दिमाग की नसों पर भी कोई असर न पड़े. डाक्टरों की टीम ने मुंबई के एक डा. रुपिन शाह के फार्मूले को अपनाया और पेनाइथल प्रोस्थेसिस के एक महीने के अंतर से 2 औपरेशन कर अमित को ठीक तो कर दिया लेकिन उस के लिंग का तनाव फिर भी कम नहीं हुआ. इस हालत में अमित को परिवार और समाज के सामने रहना असहज महसूस होने लगा. इस का डाक्टरों ने एक ही उपाय बताया कि वह मोटा कपड़ा पहने या लंगोट बांधे.

लिंग में हर समय उत्तेजना बने रहने का अमित को खामियाजा भी भुगतना पड़ा. पति की सैक्स पावर से परेशान हो कर उस की नवविवाहिता मायके चली गई. अमित के साथ घटित इस घटना से वैसे युवाओं को सैक्स पावर की दवाओं के सेवन के प्रति सतर्क कर दिया है. अधिकतर युवक लुभावने विज्ञापनों को देख कर यह कदम उठा लेते हैं. इस की खुराक का पता नहीं करते. नीमहकीमों के चक्कर में पड़ कर अपनी जिंदगी तबाह कर लेते हैं.

सैक्स पावर बढ़ाने की ललक में वह अपनी सैक्स पावर को और कम कर लेते हैं या फिर नपुंसकता के शिकार हो जाते हैं. कुछ नहीं तो प्रजनन क्षमता में कमी आ ही जाती है.  सैक्स रोग विशेषज्ञों ने सैक्स पावर बढ़ाने वाली गोलियों के सेवन और उस के दुष्प्रभाव के बारे में कई सुझाव दिए हैं. उस का सब से बुरा दुष्प्रभाव स्खलन दोष से संबंधित होता है. लंबे समय तक सैक्स के लिए उत्तेजना तो आ जाती है, लेकिन उस का टिकाऊपन उस का स्वस्थ शरीर और दूसरे मनोविज्ञान पर भी निर्भर करता है.

मैडिकल साइंस में इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक सैक्स संबंधी समस्या है, जिसे नपुंसकता के रूप में भी जाना जाता है. इरेक्शन अर्थात सैक्स के लिए उत्तेजना प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थ होने पर यह समस्या पैदा होती है. मर्दों में यौन उत्तेजना एक जटिल समस्या है, जिस में हार्मोंस, मस्तिष्क, भावनाएं, मांसपेशियां, तंत्रिकाएं और रक्त वाहिकाएं शामिल हैं. इन में से किसी भी हिस्से की समस्या होने की स्थिति में इरेक्टाइल डिसफंक्शन आ सकती है.  हालांकि पुरुषों के एक बड़े वर्ग में यह खराब हृदय स्वास्थ्य के कारण होता है. यही कारण है कि दिल के मरीजों को इस समस्या के निपटारे के लिए सैक्स पावर की गोलियां खाने से बचने की सलाह दी जाती है. वियाग्रा के अधिक सेवन से होने वाली मौतों का कारण हार्ट अटैक ही पाया गया है.

सामान्य स्वास्थ्य बीमारियां, जैसे हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्राल, उच्च रक्तचाप और मधुमेह सभी एक पुरुष की यौन उत्तेजना हासिल करने या बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करते हैं. यौन उत्तेजना में कमी का उपचार शारीरिक रोगों को ध्यान में रख कर किया जाता है. वैसे इस के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं. उन में वियाग्रा (सिल्डेनाफिल), सियालिस (तडालाफिल), वर्डेनाफिल (लेवित्रा) और अवानाफिल (स्टेंद्र) प्रचलन में हैं. इन का सेवन डाक्टरी सलाह के बगैर करना काफी खतरनाक हो सकता है.

ये दवाएं रक्त में नाइट्रिक आक्साइड के स्तर को बढ़ा कर अपना काम करती हैं. नाइट्रिक आक्साइड रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर देता है. इस संबंध में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि इस से लिंग में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है. ऐसा होने पर पुरुषों के लिए यौन उत्तेजना प्राप्त करने और बनाए रखने में सहूलियत होती है. यौन उत्तेजना वाली दवा के दुष्प्रभाव के बारे में पुरुषों को सचेत रहने की जरूरत है. दुष्प्रभावों में सिरदर्द, चक्कर आना, नाक और छाती में अधिक खून का जमाव, शरीर में ऐंठन, पाचन संबंधी समस्या, नजर दोष और त्वचा के रंग में बदलाव होते हैं.

कई पुरुषों में ऐसी दवा लेते समय छाती और नाक में रक्त जमाव का अनुभव होता है या फिर नाक बहने जैसी समस्या आ जाती है. ये दुष्प्रभाव भी नाइट्रिक आक्साइड के बढ़े हुए स्तर के कारण होते हैं. इस का स्तर बढ़ने पर नाक बंद हो जाती है और छाती में जमाव हो जाता है. सीने में दर्द होने लगता है. यही हृदय गति में तेजी आने का कारण बन जाता है.

सैक्सवर्धक दवा न केवल पाचन को प्रभावित कर देती है, बल्कि पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द की समस्या को भी बढ़ा देती है. पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है. इन दवाओं को लेने से दस्त और अपच का खतरा भी बढ़ जाता है. सैक्सवर्धक दवाओं का इंसान पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है, इस से दवा बनाने वाली कंपनियों को कोई खास मतलब नहीं. उन की नजर तो धंधे के मुनाफे पर है. वे करोड़ों की कमाई कर रही हैं.

नीमहकीमों की तो बात ही अलग है. वे तो अच्छेभले इंसान में भी कई तरह की कमियां निकाल कर उन का संबंध सैक्स से जोड़ देते हैं. इस के बाद वे जिस तरह जेब ढीली करते हैं, उस का अहसास बाद में होता है. कुल मिला कर स्वस्थ और सुखद यौन संबंध के लिए जीवनशैली को सहज सरल बना कर ही यौन आनंद की अनुभूति की जा सकती है, जो हमारे दैनिक संतुलित आहार से संभव है. सैक्स के लिए किए जाने वाले प्रयोग जोखिम से भरे होते हैं

मेरा आशिक अकेले में मेरे प्राइवेट पार्ट्स को छेड़ता है. क्या मुझे उसे रोकना चाहिए?

सवाल –

मेरी उम्र 22 साल है. मेरा एक बौयफ्रैंड है जिस से मेरा रिलेशन 1 साल से चल रहा है. वह मुझ से बहुत प्यार करता है और मेरा अच्छे से खयाल भी रखता है. लेकिन मेरा बौयफ्रैंड जब भी मुझ से अकेले में मिलता है तो वह मेरे प्राइवेट पार्ट्स को छूने की कोशिश करता है. मैं हर बार उसे ऐसा कुछ करने से मना करती हूं लेकिन वह फिर भी नहीं मानता और कहता है कि गर्लफ्रैंड और बौयफ्रेंड में यह सब चलता है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या मुझे उसे यह सब करने देना चाहिए?

जवाब –

आजकल रिलेशनशिप में आना काफी सामान्य सी बात है और कई लोग रिलेशनशिप में न सिर्फ रोमांस बल्कि सैक्स भी कर लेते हैं. हर इंसान को रोमांस करना पसंद होता है. जैसाकि आप ने बताया कि आप का बौयफ्रैंड अकेले में आप के प्राइवेट पार्ट्स को छूता है तो ऐसे में आप खुद सोचिए कि क्या आप को अच्छा लगता है जब वह यह सब करता है?

अगर आप को यह सब अच्छा लगता है और आप का बौयफ्रैंड का टच करना पसंद आता है तो बेशक आप को उसशका साथ देना चाहिए और इसे एक ऐंजौय की तरह लेना चाहिए.

रिलेशनशिप में किसिंग, स्मूचिंग या फिर सैक्स संबंध बनाना आम बात है मगर यह जबरन नहीं, रजामंदी से हो तभी ठीक है.

अलबत्ता, आप दोनों पिछले 1 साल से रिलेशनशिप में हैं लेकिन आप हर बार अपने बौयफ्रैंड को रोमांस के लिए मना कर देती हैं पर वह फिर भी आप से प्यार करता है तो ऐसे में उस का प्यार आप के लिए सच्चा है और जिस्मानी नहीं है तो आप को उस के साथ रोमांस जरूर करना चाहिए और उसे भी थोड़ी लिबर्टी लेने दीजिए.

आप को एक अच्छा लड़का मिला हुआ है तो उसे थोड़ी छूट देने में कोई बुराई नहीं है. कहीं ऐसा न हो कि आप के इस स्वभाव की वजह से आप एक अच्छे लड़के से हाथ धो बैठें.

अगर आप श्योर नहीं हैं कि भविष्य में आप की उस के साथ शादी होगी या नहीं तो ऐसे में सैक्स को ले कर आप सोचसमझ कर कदम उठाएं लेकिन रोमांस का मजा आप खुल कर उठा सकती हैं.

अगर आप को कभी भी ऐसा फील हो कि आप सैक्स करने के लिए भी तैयार हैं तो यह करना भी कोई गुनाह नहीं है बल्कि रोमांस और सैक्स एक ऐसा अनुभव है जिसे हर कोई ऐंजौय करता है.

मगर ध्यान रहे, सैक्स के लिए दोनों की रजामंदी जरूरी है और चूंकि अभी आप दोनों को ही पहले कैरियर बनानी है, तो ऐहतियात जरूर बरतें और बौयफ्रैंड से कहें कि वह सैक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करे. इस दौरान यह चैक भी करें कि कंडोम फट तो नहीं गया. वैसे, अच्छी क्वालिटी का कंडोम जल्द फटता नहीं और सैक्स को मजेदार बनाता है.

आप एक बात का ध्यान रखना कि आप को अपने बौयफ्रेंड को उतनी ही छूट देनी है जहां तक आप का मन मानता हो या जहां तक आप कंफर्टेबल फील करें. जहां भी आप को लगे कि आप असहज फील कर रही हैं तो उसी समय अपने बौयफ्रैंड को रोक दें.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 8588843415 भेजें.

उन खास पलो में ऐसे दोगुना होगा मजा

जया और रमिका लंच कर रही थीं. 8 घंटे की औफिस ड्यूटी के बीच यही समय मिलता है दोनों को अपना सुखदुख बांटने का. दोनों की हाल ही में शादी हुई है. पिछले 5 सालों से दोनों एक ही कंपनी में काम कर रही हैं.

खाना खाने के बाद वे एकदूसरे से बैडरूम की बातें करने लगीं. बातें गरमागरम थीं इसलिए वे दोनों औफिस से नजदीक ही एक पार्क में चहलकदमी करने लगीं.

जया ने बताया कि उस की सैक्स लाइफ काफी रोचक है. पतिपत्नी सैक्स में कई तरह के प्रयोग करते हैं. कभी उभार चूमना और उंगलियां फेरना एकसाथ करते हैं, तो कभी कंडोम पहनने के बाद उभार को उठा कर उसे चूमते हैं. इस मस्ती भरी छुअन के बाद वे सैक्स का मजा लेते हैं.

जया की इस बात पर रमिका मुसकराई. जया के पूछने पर रमिका ने बताया कि उस के पति उसे संतुष्ट नहीं करते. यह सुन कर जया चौंक गई.

इस पर रमिका ने कहा, ‘‘मेरा वह मतलब नहीं था. मेरे पति के लिए सैक्स का मतलब है न्यूड हो कर मेरे ऊपर आओ. शादी के 1-2 महीने बाद तक मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन अब नहीं.

‘‘जया बताओ न, मैं क्या करूं? मुझे सैक्स को बोरिंग नहीं बनाना है.’’

जया ने रमिका को सैक्स बटन के बारे में बताया जिन को इस्तेमाल में ला कर आज रमिका खुश दिखती है.

क्या आप जानते हैं सैक्स बटन की एबीसी?

दरअसल, औरतों में सिर से ले कर पैर तक सारे अंग कामुक होते हैं. अगर आप जानते हैं कि उन्हें सही तरीके से कैसे छूना है तो उन के शरीर का हर अंग मजा दिला सकता है.

1. होंठ

होंठ चूमना किसी औरत के लिए एक बड़ा टर्निंग पौइंट होता है. जब रिलेशन बन रहे होते हैं तो चूमना ऐसी पहली चीज होती है जो पहले मना की जाती है, लेकिन इस में देरी न करें.

होंठ उत्तेजक नसों से लबालब भरे होते हैं. लिहाजा, इन्हें तुरंत जीभ में नहीं डुबाना चाहिए. सब से पहले औरत के निचले होंठ पर अपनी जीभ फेरें, फिर उसे अपने होंठों के बीच फंसा कर चूसें. साथ ही, उसे भी ऐसा करने दें.

जब आप उसे चूम रहे हों तो अपने हाथ उस की गरदन पर रखें या फिर उस की कमर या कूल्हों पर या फिर इस दौरान इन सभी जगहों पर हाथ फेर सकते हैं.

2. बैकबोन

इस हिस्से के बारे में बहुत से लोग अनजान हैं, लेकिन यह औरतों को सब से ज्यादा जोश में लाने वाली जगह होती है. आप उन की स्पाइन पर अपनी उंगलियों को आराम से फिराएं. इस से आप अपने पार्टनर को बहुत जल्द कामुक कर सकते हैं.

3. उंगली

जीभ के बाद उंगलियों को शरीर का सब से सैंसिटिव हिस्सा माना जाता है. आप अपने पार्टनर की उंगलियों के ऊपरी हिस्से को चूम सकते हैं या हलके से दांत भी चुभा सकते हैं. दबाने से औरतों में जोश बढ़ता है. साथ ही, जैसेजैसे जोश बढ़ता जाता है आप को उस की उंगलियों को अपने होंठों के बीच ले जाना चाहिए, फिर होंठों से सहलाते हुए धीरेधीरे चूसना चाहिए. इस से वह नशे की सी हालत में आ जाएगी.

4. गरदन

औरतों की गरदन को भी काफी सैंसिटिव माना जाता है. गरदन की स्किन काफी पतली होती है, इसलिए यहां छूने पर काफी अच्छा महसूस होता है.

अगर आप अपनी उंगलियां सही जगह रख कर कौलरबोन सहलाएं तो पार्टनर को बहुत अच्छा महसूस होगा.

5. कान

जोश में लाने वाले बौडी पार्ट्स में कान बहुत काम के होते हैं. अपने पार्टनर के कानों को अपने होंठों से छुएं, चूमें या हलका सा काट लें और फिर देखिए उन का मूड.

6. पैर

बिस्तर पर जाने से पहले आप अपने पार्टनर से पैर धोने की गुजारिश करें, क्योंकि पैर सैक्सी होते हैं और इन्हें भी प्यार की जरूरत है.

पार्टनर के तलवों को चूम कर आप उसे जोश में ला सकते हैं. शुरुआत छोटी उंगली से करें. पैरों को सहलाते हुए रगड़ना एक औरत के लिए यह जबरदस्त अनुभव होता है. इस से उस के शरीर के दूसरे अंग भी उत्तेजित होने लगते हैं. इस की वजह यह है कि पैरों को सहलाने पर दिमाग का एक बड़ा हिस्सा जोश का अनुभव करता है इसलिए सैक्स से इस काम को नजरअंदाज न करें.

7. स्तन

स्तन महिला के सैक्सुअल अंगों में खास जगह रखते हैं. पर इस के लिए सीधे छलांग न लगाएं. स्तनों को तब तक न छुएं जब तक कि आप को यह न पता चल जाए कि वह चाह रही है कि आप उस के स्तनों को छुएं.

इस के लिए शुरुआत किनारे से करें, फिर गोल घेरे में अपनी उंगलियां स्तनों के चारों ओर घुमाएं. ऐसा तब तक करें जब तक स्तनों के निप्पल के चारों ओर के गुलाबी या भूरे रंग के गोल घेरे तक न पहुंच जाएं. यहां कुछ देर तक उंगलियां फिराने के बाद निप्पल तक पहुंचना चाहिए.

अब आप निप्पल को सहलाते हुए थपथपाएं, खींचें, दबाएं, चूमें और चूसें. इस दौरान आप चाहें तो हलके से दांतों से काट सकते हैं.

जब आप का मुंह एक स्तन पर है तो इस दौरान आप का हाथ दूसरे स्तन पर होना चाहिए तभी वह सबकुछ सौंपने को तैयार होगी. इस के बाद स्तन बदल कर यही दोहराएं. फिर दोनों हाथों से स्तनों को जम कर दबाना चाहिए. साथ ही, बीच में अपने पार्टनर से पूछें कि उसे स्तनों में कौन सी छुअन मजा देती.

कभी भी पार्टनर की इच्छाओं को नजरअंदाज न करें. स्तनों के बीच का हिस्सा कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि यह भी कामुक जगह  है.

8. भग

भग क्षेत्र में छलांग लगाना काफी आसान होता है लेकिन उस के पहले उस गूदेदार क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो रोमों से घिरा होता है. इसे थपथपाना और रगड़ना पार्टनर को सिसकने पर मजबूर कर देगा.

योनि वह दूसरा क्षेत्र है जहां कई आदमी स्तनों को उत्तेजित करने के बाद सीधे पहुंच जाते हैं. जैसे ही औरतें उत्तेजित होती हैं उन का गर्भद्वार ऊपर की ओर खिसक जाता है, जिस से योनि की गहराई बढ़ जाती है और आप को गहरे तक जाने का मजा मिलता है.

इसलिए यह आप की पसंद का मामला है कि आप उसे कितना गीला कर सकते हैं. जितना समय यहां दिया जाएगा उतना ही मजा आप को प्रवेश पर मिलेगा.

मेरा बौयफ्रेंड घर वालों की मरजी से शादी कर रहा है लेकिन मैं उसके बिना नहीं रह सकती, क्या करूं?

सवाल
मैं 22 वर्षीय  युवती हूं. मुझे फेसबुक पर एक युवक की फ्रैंड रिक्वैस्ट आई वह काफी हैंडसम युवक था, सो मैं ने उस से दोस्ती कर ली. फिर हमारी रोज बातचीत होने लगी. बातोंबातों में सैक्स की बातें भी होने लगीं, हम दोनों मिलने भी लगे और शारीरिक संबंध भी बने, लेकिन अब जबकि उस लड़के ने मुझ से शादी का वादा किया था वह घर वालों की मरजी से शादी कर रहा है. मैं उस के बिना नहीं रह सकती. मैं क्या करूं?

जवाब
फेसबुक पर अकसर दोस्ती होती है औैर ऐसे संबंधों के बाद धोखा मिलता है. यह आजकल आम बात है, यह जानते हुए भी आप ने जो कदम बढ़ाया वह जिंदगी भर का जोखिम लिया है. आगे भी भविष्य में आप के लिए ऐसा प्रेमी दुखदायी रहेगा. अपनी भावनाओं पर काबू रखें और उस से बिलकुल नाता तोड़ लें.

अपने आप को अन्य कामों में बिजी रखेंगी तो उसे भूल पाएंगी. फिर सोचसमझ कर अपनी जिंदगी को जीएं. ऐसे जालसाजों से सदा बच कर रहें. उस से उस की शादी के बाद भी मिलने की कोशिश न करें, वह आप का दोहन ही करेगा, आप की भावनाओं का फायदा ही उठाएगा. इस समय आप की थोड़ी सी समझदारी आप को जिंदगी भर का सुकून प्रदान करेगी.

कालेज में पढ़ने वाले युवाओं को सैक्स संबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहना हो, उन्हें इस बारे में अधिक सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती. एक समय था जब विवाहपूर्व सैक्स के बारे में सोचना गलत माना जाता था, लेकिन आज तमाम सर्वे पर नजर डालें तो न सिर्फ युवा बल्कि किशोरकिशोरियों को भी सैक्स से कोई परहेज नहीं है. यह बात सही हो सकती है, लेकिन बिना सोचेसमझे सैक्स और इसे गंभीरता से लिए बिना कोई कदम उठाना सही नहीं है. इस से खुद को ही नुकसान हो सकता है. इसलिए सैक्स को मजाक न समझें, बल्कि गंभीरता से लें.

यह मजाक नहीं है

कई बार युवा अपने दोस्तों की देखादेखी या फिर दोस्तों में लगी शर्त को पूरा करने के चक्कर में सैक्स संबंध स्थापित करते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों के बीच दबदबा बना सकें. लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं रहता कि कुछ पलों के हंसीमजाक के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी का कितना अहम कदम बिना सोचेसमझे उठा लिया है. इसलिए सैक्स को गंभीरता से लें.

शादी के बाद होगी मुश्किल

शादी के बाद पति को भी इस का पता चल सकता है. यदि अपनी किशोरावस्था में आप ने सैक्स को गंभीरता से नहीं लिया और अपने फ्रैंड से कई बार सैक्स संबंध बनाए तो हो सकता है शादी के बाद पति को इस बात की किसी तरह भनक लग जाए और अगर ऐसा हुआ तो आप की खुशहाल जिंदगी क्या करवट लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता.

यौन संबंधी बीमारियों का डर

आमतौर पर विवाहपूर्व सैक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं माने जाते. असुरक्षित सैक्स से कई यौन रोग भी गले पड़ सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते हैं तो इस का असर शारीरिक विकास पर पड़ता है. इस के साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इस का गहरा असर पड़ता है.

साथी के साथ ही करें सैक्स

सैक्स हमेशा उसी के साथ करें जिसे आप ने जीवनसाथी बनाना है. कोशिश करें कि शादी से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैक्स संबंध न बनाएं, क्योंकि उस के मन में यह विचार आ सकता है कि जो लड़की मेरे साथ सैक्स कर सकती है उस ने औरों के साथ भी संबंध बनाए होंगे. किसी अजनबी के साथ सैक्स संबंध बनाना न तो ठीक है और न ही सुरक्षित. सैक्स संबंधों में जल्दबाजी न करें बल्कि जिस के साथ सैक्स करना है उस के बारे में अच्छी तरह जान कर व सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. यह भी ध्यान रहे कि वह संबंध बनाने की बात दूसरों को न बता दे.

जगह का चुनाव करें

सैक्स कहां कर रहे हैं, यह भी काफी माने रखता है. वह जगह सेफ न हुई या किसी ने होटल के कमरे में वीडियो क्लिपिंग बना ली तो क्या होगा, इसलिए जहां मन हुआ सैक्स कर लिया ऐसा नहीं होना चाहिए. सैक्स करने से पहले गंभीरता से सोचें कि इसे कहां किया जाए.

ब्लैकमेलिंग से बचें

बौयफ्रैंड के पास आप के कुछ पर्सनल फोटो हो सकते हैं, जिन से आगे चल कर वह आप को ब्लैकमेल भी कर सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें, फिर चाहे वह बौयफ्रैंड हो या कोई और. सैक्स  से पहले यह बात जरूर सोच लें कि इस वजह से कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं, इसलिए इन बातों का विशेष खयाल रखें.

प्रैग्नैंसी का खतरा

इस बात पर भी विचार करना जरूरी है कि अगर आप ने बिना सोचेविचारे जल्दबाजी में सैक्स संबंध बनाने का फैसला किया और उस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बना रहता है. यदि ऐसा होता है तो आप मानसिक तनाव से घिर जाएंगी, क्योंकि इस का दुष्प्रभाव आप की पूरी जिंदगी पर पड़ेगा.

डिप्रैशन न हो जाए

जब कई बार इन संबंधों में दरार पड़ती है तो दोनों पक्षों को ही गहरा मानसिक आघात पहुंचता है. ऐसे में सामाजिक और नैतिक बंधनों के चलते विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाने की शर्म, ग्लानि, अविश्वास, तनाव तथा एकदूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं.

डेटिंग को डेटिंग ही रहने दें

कई बार डेटिंग के दौरान भी सैक्स संबंध बन जाते हैं. जहां डेटिंग का मकसद एकदूसरे को भलीभांति जानना होता है वहीं वे उस मकसद को भूल सैक्स संबंध स्थापित कर लेते हैं. सैक्स के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन अभी समय एकदूसरे को जाननेसमझने का है. यह वक्त दोबारा नहीं आएगा, इसलिए पहले दोनों एकदूसरे को भलीभांति समझ लें और अपने रिश्ते को कुछ समय दें. उस के बाद इस पायदान पर आएं.

अच्छा नहीं उतावलापन

सैक्स के लिए उतावलापन अच्छा नहीं है इसलिए आप को प्रोफैशनल या बाजारू महिला या पुरुष के साथ सैक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इस से आप गलत लोगों के चंगुल में भी फंस सकते हैं.

जबरदस्ती सैक्स न करें

सैक्स जबरन नहीं करना चाहिए. आप को किसी के दबाव या किसी अन्य कारण से सैक्स करने से बचना चाहिए. साथ ही किसी डर की वजह से भी सैक्स नहीं करना चाहिए. मन के सारे भ्रम और आशंकाएं निकालने के बाद ही सैक्स संबंध बनाएं.

सही कदम

–       हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है और सही भी रहती है. माना कि दिल किशोरावस्था में प्रेम की पींगें बढ़ाने को बेताब रहता है. प्रेम करना गलत नहीं है अवश्य करें, लेकिन सैक्स के लिए सही वक्त का इंतजार भी जरूरी है. तभी उस का असली मजा और आनंद ले पाएंगे वरना वह कुछ पलों का आनंद तो देगा लेकिन बाद में मन का सुकून भी छीन लेगा.

–       अगर फिर भी आप ने सैक्स का मन बना ही लिया है तो समय और स्थान का ऐसा चुनाव करें जो आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो और बाद में किसी मुसीबत में फंसाने वाला न हो, इसलिए किसी भी कमजोर पल में सैक्स करने का फैसला न लें बल्कि यदि सैक्स करना भी है तो सोचीसमझी योजना के तहत करें.

–       सैक्स के बाद यदि प्रैग्नैंसी आदि का वहम हो रहा है तो बिना डाक्टर को दिखाए खुद ही किसी नतीजे पर न पहुंचें, बल्कि सब से पहले इस बारे में अपने घर पर बड़ी बहन, मां आदि को बताएं. यह सच है कि आप को बताने में हिचकिचाहट होगी, डर भी लगेगा और शायद शर्मिंदगी भी होगी, लेकिन यह शर्मिंदगी उस मुसीबत से कम होगी जो न बताने पर आप को झेलनी पड़ सकती है. वह आप के घर वाले हैं, इस बात को सुन कर चाहे लाख नाराज हों, आप को डांटें, लेकिन इस मुसीबत से निकालने की जिम्मेदारी लेने में उन्हें देर नहीं लगेगी. उस समय वह वही करेंगे जो आप के लिए उचित होगा. इसलिए उन पर विश्वास कर हिम्मत कर के एक बार उन से सच कह डालिए, फिर देखिए कैसे आप की परेशानी हल होती है.

–       अगर आप का कोई बौयफ्रैंड है जिस पर आप बहुत विश्वास करती हैं तो भी उसे अपना कोई वीडियो आदि न बनाने दें चाहे कुछ भी हो जाए. वह रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है तो न डरें, क्योंकि जो युवक आप से ऐसी बात कह रहा है वह किसी भी तरह का रिश्ता रखने के लायक नहीं है.

–       अगर सैक्स करना भी है तो इस बात का खयाल रखें कि उस की वजह से आप की पढ़ाई में कोई बाधा न आए. यह समय आप के भविष्य बनाने का है. इस में किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए. सैक्स कर के कहीं हर वक्त उसी में खोए रह कर पढ़ाई करना न भूलें.

 

डेटिंग ऐप्स में सेक्स तलाशते युवा

आज का युवा हर काम में शौर्टकट तलाशता है. यहां तक कि प्रेम और सेक्स के लिए भी वह रिश्ते में ठहराव तलाशने के बजाय डेटिंग ऐप्स के जरिए फटाफट ऐसा साथी ढूंढ़ता है जो बिना समय गंवाए पहली ही डेट पर उस के सारे अरमान पूरे कर दे. लेकिन जब उस की यह ख्वाहिश पूरी नहीं होती तो उसे अकेलापन व तनाव घेर लेता है.

एक सच्चा दोस्त और प्यार किसी डेटिंग ऐप्स में इतनी आसानी से मिल जाए, यह जरूरी नहीं. हालांकि, कई बार अजनबी भी हमारे अपनों से ज्यादा मददगार साबित होते हैं. फेसबुक ने भी हाल ही में ऐलान किया है कि वह जल्द ही अपनी डेटिंग सर्विस शुरू करेगा. आज युवा इन ऐप्स के जरिए प्यार और सेक्स की चाहत पूरी करना चाहते हैं. लेकिन प्यार की तलाश आसान नहीं है.

आजकल कई तरह की मोबाइल एप्लीकेशंस आ गई हैं जो इस में मदद करने का दावा करती हैं. इन डेटिंग ऐप्स की मदद से आप को कई अच्छे विकल्प मिल जाते हैं, लेकिन कई बार ऐसे लोग भी मिलते हैं जिन के साथ अनुभव अच्छा नहीं रहता. इन ऐप्स के इस्तेमाल में कई बार हिचक भी होती है क्योंकि इन के जरिए मिलने वाले लोग अनजान होते हैं.

औक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने करीब 24 हजार महिलापुरुषों पर अध्ययन के दौरान पाया कि इंटरनैट का इस्तेमाल करने वाली हर तीसरी युवती ने खुद को डेटिंग ऐप्स में रजिस्टर्ड कर रखा है. औनलाइन डेटिंग ऐप्स को ले कर आमतौर पर यही धारणा है कि यहां आ कर राइट और लैफ्ट स्वाइप कीजिए और आप को कोई हैंडसम सा माचोमैन कैजुअल या सीरियस रिलेशनशिप के लिए मिल जाएगा. यह धारणा इसलिए भी है क्योंकि इस तरह के ऐप्स के विज्ञापन भी सिंगल से मिंगल होने और अजनबी के साथ सेफ सेक्स डेट के दावे करते हैं. इतना भी आसान नहीं

जितनी आसानी से साथी का मिलना इन ऐप्स के दावे दिखाते हैं, यह उतना आसान है नहीं. नौर्वे यूनिवर्सिटी औफ साइंस ऐंड टैक्नोलौजी के शोधकर्ताओं की महिलाओं पर की गई एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि टिंडर और दूसरे ऐप्स का इस्तेमाल सब से ज्यादा युवाओं द्वारा किया जा रहा है, जिस में लड़कियां खुद को आकर्षित और लड़कों के साथ कैजुअल सेक्स तो वहीं शौर्टटर्म रिलेशनशिप के लिए ऐसे ऐप्स का इस्तेमाल कर रही हैं. पर कई मामलों में देखा गया है कि उन के अनुभव कड़वे और भयावह हो जाते हैं जब इन ऐप्स के जरिए मिला कोई कामुक और घटिया मानसिकता का युवा उन्हें ट्रौल करने लगता है.

युवक बनाम युवतियां

ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि इन डेटिंग ऐप्स से लड़कों के बजाय लड़कियों को ज्यादा बुरे अनुभवों से गुजरना पड़ता है. एक तरफ युवा जहां इन ऐप्स के जरिए ज्यादा उत्सुकता से सेक्स पार्टनर खोज लेते हैं, वहीं युवतियां धोखेबाज लड़कों के साथ जा कर चीटेड फील करती हैं. यही वजह है कि युवतियों की तुलना में लड़के राइट स्वाइप ज्यादा करते हैं.

यह शोध 18 से 25 साल की उम्र के युवाओं की सेक्सलाइफ और उन के ऐप्स यूज करने के अनुभवों पर आधारित है. दरअसल, लड़कियां जहां इन ऐप्स के जरिए ठीकठाक जानकारी जुटा कर किसी लड़के को चूज करती हैं वहीं लड़के फेक अकाउंट बना कर एक से ज्यादा लड़कियों के साथ कैजुअल सेक्स और शौर्टटर्म रिलेशनशिप को ले कर जल्दबाजी दिखाते हैं. नतीजतन, इन ऐप्स में युवा जल्दी निर्णय ले लेते हैं. कुल मिला कर युवतियों को सोचसमझ कर कदम बढ़ाने चाहिए. लड़कों की मस्ती के अड्डे बनते ये ऐप्स लड़कियों को कई बार अपराधी तत्त्वों का शिकार बना लेते हैं.

वर्चुअल रिश्तों के साइडइफैक्ट्स यह सच है कि आज संबंधों में तनाव और कुंठा के चलते परिवार टूट रहे हैं. दोस्तों की यारी और पड़ोस का प्यार वाली बातें भी पुरानी हो चली हैं. कैरियर और नौकरी के पीछे भागतेभागते युवा प्यार और रोमांस की असली परिभाषा तक भूल गए हैं. अकेलापन आज एक ऐसी महामारी बन चुका है जिस ने युवकयुवतियों को तकनीक की इस अंधी गली में प्यार तलाशने के लिए मजबूर कर दिया है.

इन वर्चुअल रिश्तों में प्यार खोजते इन युवाओं के लिए ये डेटिंग ऐप्स आज फैशन टूल्स बन गए हैं, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इन के साइड इफैक्ट्स भी हैं. कई केस ऐसे भी आए हैं जहां इन ऐप्स में अपराधियों ने झूठी पहचान बना कर युवतियों से दोस्ती और प्यार का दिखावा कर अपना उल्लू सीधा किया और बाद में ब्लैकमेल का खेल खेलने लगे.

मन की कुंठा और सेक्स की अधूरी चाहतें पूरी करने की छटपटाहट में युवतियां अपना सब कुछ गंवा देती हैं. संयुक्त राष्ट्र के एक सर्वे के मुताबिक डेटिंग ऐप्स के जरिए मिलने वाले ज्यादातर लोग या तो एड्स से पीडि़त होते हैं या फिर मानसिक तौर पर बीमार.

याद रखें प्यार, सेक्स और साथी की चाहत इतनी आसानी से पूरी नहीं होती कि एक क्लिक किया और हो गया. इसलिए किसी को अपने करीब लाने के लिए जल्दबाजी न दिखाएं और सोचसमझ कर ही कदम आगे बढ़ाएं.

कुछ पौपुलर डेटिंग ऐप्स आजकल सोशल मीडिया या कई डेटिंग ऐप्स चलन में हैं जो युवाओं को मिनटों में प्रेमी, साथी या कैजुअल पार्टनर मैच कराने का दावा करते हैं. इन में हिच ट्रूलीमैडली, बंबल, टैस्टबड्स, स्कोर, हैपन, फ्लिकपिक, टिनडौग, अलाइन और कौफी मीट्स बजल जैसे डेटिंग ऐप्स प्रमुख हैं.

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