‘गौड फादर’ से प्रेरित भोजपुरी फिल्म ‘राजतिलक’ का बौक्स आफिस पर छाया जलवा

कैनवास बड़ा करके विश्व- स्तर की कहानियों की तरफ रुख करने वाली भोजपुरी फिल्म ‘राजतिलक’बहुत अलग तरीके की फिल्म है. यही वजह है कि फिल्म को पहले वीकेंड पर बौक्स औफिस पर जबरदस्त सफलता मिली है और फिल्म के सारे शो हाउसफुल चल रहे हैं.

‘मेहंदी लगा के रखना’’ जैसी खूबसूरत फिल्म के निर्माता रजनीश मिश्रा एक बार फिर एक अच्छी फिल्म लेकर आए हैं. अरविंद अकेला कल्लू, नवोदित अभिनेत्री सोनालिका प्रसाद, बेहरतरीन अभिनेता अवधेश मिश्रा, सुशील सिंह और संजय पांडेय स्टारर यह फुल एंटरटेनमेंट फिल्म है.

ये भी पढ़ें- सारा की कामयाबी से खुश हूं- सैफ अली खान

फिल्म की कहानी भईया जी (अवधेश मिश्रा) के साम्राज्य और उनके बढ़ते दुश्मनों की है. भईरूा जी के दो बेटे (सुशील सिंह व अरविंद अकेला कल्लू) हैं. भईया जी अपने क्षेत्र वालों के लिए सरकार जैसे हैं. हर जगह उन्हीं का दबदबा है, सब उनकी बात मानने के साथ उनसे डरते हैं और उनकी इज्जत भी करते हैं.

उनके इलाके का विधायक ( संजय पांडे ) इस बात से काफी परेशान है, क्योंकि नेता होकर भी भईया जी की वजह से उसको कोई नहीं पूछता. विधायक एक कांट्रेक्टर पद्म सिंह को अपने क्षेत्र में कौन्ट्रैक्ट देने के लिए वादा कर देते हैं, जबकि भईया जी उस कौन्ट्रैक्ट को नहीं होने देना चाहते. क्योंकि उससे किसानों को काफी खतरा है. यह बात पद्म सिंह (देव सिंह) और विधायक अपने स्वाभिमान पर ले लेते हैं और भईया जी का साम्राज्य आगे बढ़ने से रोकने के लिए उनके बड़े बेटे की हत्या करवा देते है.

ये भी पढ़ें- Ex-गर्लफ्रेंड की बर्थडे पार्टी में यूलिया के साथ पहुंचे सलमान

यहीं से हमेशा गाने बजाने में ध्यान देने वाले कल्लू का रूप बदल जाता है और वह अपने पिता के दुश्मनों से भिड़ने आ जाता है. फिल्म में आगे विधायक और कांट्रेक्टर कैसे कल्लू और भईया जी से लड़ते हैं, कैसे कल्लू अपने पिता का स्वाभिमान वापस दिलाता है, यह देखना दिलचस्प और मनोरंजक है. फिल्म के निर्देशक, लेखक और संगीत रजनीश मिश्रा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर संगीतकार की थी. पर बाद में लेखन और निर्देशन में कदम रखकर हिट फिल्म ’मेहंदी लगा के रखना’ के रूप में बनाई. अब ‘राजतिलक’ भी बौक्स आफिस पर धमाल मचा रही है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें