Saras Salil Bhojpuri Cine Award: भोजपुरी एक्टर देव सिंह बनें ‘बेस्ट पौपुलर विलेन औफ द ईयर’

भोजपुरी सिनेमा में अपने दमदार रोल और संवाद अदायगी से अलग पहचान बनाने वाले देव सिंह को सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड-2020 में बेस्ट पॉपुलर विलेन ऑफ़ द ईयर से नवाजा गया. यह अवॉर्ड उन्हें बॉलीवुड भोजपुरी और छोटे पर्दे के जानेमाने अभिनेता राजप्रेमी के हाथों मिला.

इन फिल्मों के लिए मिला अवॉर्ड…

अवॉर्ड की ज्यूरी नें देव सिंह की फिल्म स्पेशल एनकाउंटर, राजतिलक, छलिया और कुली फिल्मों में उनके द्वारा किये गए यादगार रोल के लिए इस अवॉर्ड के लिए चुना. ज्यूरी वर्ष 2020 में प्रदर्शित 40 फिल्मों में भोजपुरी के लीड विलेन की फिल्मों को शामिल किया गया था लेकिन ज्यूरी द्वारा इस कैटेगरी के लिए देव सिंह को सबसे ज्यादा अंक मिले.

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जिन फिल्मों के आधार पर देव सिंह को यह अवॉर्ड मिला उसमें फिल्म स्पेशल एनकाउंटर में देव सिंह नें बाबा राघवेंद्र का कैरेक्टर निभाया है. फिल्म में देव सिंह का कैरेक्टर “बाबा राघवेंद्र” हर समय पुजारी के भेष में रहता है जिसका बहुत आतंक है. बाबा राघवेंद्र अपने इलाके के थाने में आने वाले हर ईमानदार पुलिस वाले की हत्या करवा देता है. इसलिए उससे निपटने वहां स्पेशल टास्क फोर्स जाती है. जिसे राकेश मिश्र भी जॉइन करते हैं. राकेश इस फिल्म में अपने परिवार और प्यार को खो देने के बाद दोषियों से बदला लेने की कहानी दिखाया गया है.

स्पेशल एनकाउंटर का निर्माण अमन फ़िल्म सिने विजन के बैनर तले किया गया है. फिल्म का निर्देशन अरुण राज नें किया है निर्माता गणेश गुप्ता और नंदलाल यादव हैं. फिल्म का छायांकन आर आर प्रिंस का है. फिल्म की मुख्य भूमिका में राकेश मिश्रा, देव सिंह गणेश गुप्ता, ऋतु सिंह, अनूप अरोरा सीमा सिंह है

वहीं ज्यूरी ने फिल्म राजतिलक में भी देव सिंह ने विलेन के रूप में सबसे ज्यादा नम्बर दिए. ज्यूरी ने उनकी फिल्म छलिया में निभाये गए भ्रष्ट पुलिस अफसर के रोल को भी सराहा. इन फिल्मों में विलेन के रूप में उनकी दमदार एक्टिंग के आधार पर बेस्ट पॉपुलर विलेन ऑफ़ द ईयर-2020 की कैटेगरी के लिए उनके नाम को चुना गया. अवॉर्ड मिलने के बाद देव सिंह नें सरस सलिल को धन्यवाद देते हुए इस पहल की सराहना की.

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देव सिंह नें जिन फिल्मों में निगेटिव रोल में यादगार फिल्में की हैं उनमें मैं सेहरा बांध के आऊंगा में बबुआ जी का रोल, डमरू में विधायक जी, राजतिलक के कॉट्रेक्टर, रब्बा इश्क ना होवे का शंकर सिंह, राजा जानी का विक्रम, स्पेशल एनकाउंटर का राघवेन्द्र का रोल यादगार रहा है जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया है. रिलीज हो चुकी फिल्मों में मैं सेहरा बांध के आऊंगा, भाई जी, बजरंग, इंडियन मदर, मोकामा जीरो किलोमीटर, जिगर, लागी नहीं छूटे रामा,  रब्बा इश्क न होवे,  डमरू, पवन राजा , राजा जानी, संघर्ष,  निरहुआ चलल ससुराल 2,  पत्थर के सनम,  राज तिलक,  लल्लू की लैला,  स्पेशल इनकाउंटर,  कुली नंबर, जिद्दी, है. जब की जो अभी रिलीज होने वाली हैं उनमें प्रतिबन्ध, यारा तेरी यारी, जय शम्भू, नाम बदनाम, हीरो हैंडसम, विजेता, मजनुआ, पगलू, छलिया प्रमुख हैं.

‘गौड फादर’ से प्रेरित भोजपुरी फिल्म ‘राजतिलक’ का बौक्स आफिस पर छाया जलवा

कैनवास बड़ा करके विश्व- स्तर की कहानियों की तरफ रुख करने वाली भोजपुरी फिल्म ‘राजतिलक’बहुत अलग तरीके की फिल्म है. यही वजह है कि फिल्म को पहले वीकेंड पर बौक्स औफिस पर जबरदस्त सफलता मिली है और फिल्म के सारे शो हाउसफुल चल रहे हैं.

‘मेहंदी लगा के रखना’’ जैसी खूबसूरत फिल्म के निर्माता रजनीश मिश्रा एक बार फिर एक अच्छी फिल्म लेकर आए हैं. अरविंद अकेला कल्लू, नवोदित अभिनेत्री सोनालिका प्रसाद, बेहरतरीन अभिनेता अवधेश मिश्रा, सुशील सिंह और संजय पांडेय स्टारर यह फुल एंटरटेनमेंट फिल्म है.

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फिल्म की कहानी भईया जी (अवधेश मिश्रा) के साम्राज्य और उनके बढ़ते दुश्मनों की है. भईरूा जी के दो बेटे (सुशील सिंह व अरविंद अकेला कल्लू) हैं. भईया जी अपने क्षेत्र वालों के लिए सरकार जैसे हैं. हर जगह उन्हीं का दबदबा है, सब उनकी बात मानने के साथ उनसे डरते हैं और उनकी इज्जत भी करते हैं.

उनके इलाके का विधायक ( संजय पांडे ) इस बात से काफी परेशान है, क्योंकि नेता होकर भी भईया जी की वजह से उसको कोई नहीं पूछता. विधायक एक कांट्रेक्टर पद्म सिंह को अपने क्षेत्र में कौन्ट्रैक्ट देने के लिए वादा कर देते हैं, जबकि भईया जी उस कौन्ट्रैक्ट को नहीं होने देना चाहते. क्योंकि उससे किसानों को काफी खतरा है. यह बात पद्म सिंह (देव सिंह) और विधायक अपने स्वाभिमान पर ले लेते हैं और भईया जी का साम्राज्य आगे बढ़ने से रोकने के लिए उनके बड़े बेटे की हत्या करवा देते है.

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यहीं से हमेशा गाने बजाने में ध्यान देने वाले कल्लू का रूप बदल जाता है और वह अपने पिता के दुश्मनों से भिड़ने आ जाता है. फिल्म में आगे विधायक और कांट्रेक्टर कैसे कल्लू और भईया जी से लड़ते हैं, कैसे कल्लू अपने पिता का स्वाभिमान वापस दिलाता है, यह देखना दिलचस्प और मनोरंजक है. फिल्म के निर्देशक, लेखक और संगीत रजनीश मिश्रा ने अपने करियर की शुरुआत बतौर संगीतकार की थी. पर बाद में लेखन और निर्देशन में कदम रखकर हिट फिल्म ’मेहंदी लगा के रखना’ के रूप में बनाई. अब ‘राजतिलक’ भी बौक्स आफिस पर धमाल मचा रही है.

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