केजरीवाल, जेल की दुनिया और लोकतंत्र, पर भाजपा क्यों हलकान

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक मुख्यमंत्री अपने पद पर रहते हुए जेल में है. इस पर जहां दुनियाभर में बात हो रही है, वहीं अरविंद केजरीवाल ने इतिहास में अपना नाम लिखवा लिया है. आने वाले समय में यह साफ होगा कि सचमुच अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले में रुपए कमाए या फिर उन पर केंद्र सरकार के इशारे पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झूठी कार्यवाही की थी.

दरअसल, अरविंद केजरीवाल जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुखर हुए हैं और कांग्रेस से गठबंधन किया है, तब से सत्ता में बैठी हुई भाजपा सरकार और उस के मुखौटे मानो अरविंद केजरीवाल के पीछे पड़ गए हैं, जिस का अंत शायद अरविंद केजरीवाल को 10-20 साल जेल में सजा दिलाने और आप पार्टी को खत्म करने के बाद ही होगा.

पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में एक आरोपी हैं और अभी उन पर या आप पार्टी के किसी भी नेता पर आरोप साबित नहीं हुए हैं, मगर उन के साथ बरताव कुछ इस तरह किया जा रहा है मानो वे देशदुनिया के सब से बड़े अपराधी हों.

केंद्र में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी के समयकाल में विरोधी नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के साथ जैसा बरताव किया जा रहा है, वह याद दिलाता है जब सिकंदर ने राजा पोरस को कैद कर लिया था और पूछा था कि बताओ तुम्हारे साथ कैसा बरताव किया जाए?

तब सिकंदर की कैद में राजा पोरस ने कहा था कि वैसा ही बरताव, जैसा एक राजा दूसरे राजा के साथ करता है, मगर नरेंद्र मोदी और उन के सलाहकार यह भूल गए हैं कि देश में लोकतंत्र है और अगर सत्ता में बैठे हुए किसी मुख्यमंत्री के साथ अपराधियों जैसा बरताव होगा, तो इस का संदेश जनजन में अच्छा नहीं जाएगा और आने वाले समय में जब इतिहास लिखा जाएगा तब नरेंद्र मोदी एक ऐसे ‘विचित्र’ प्रधानमंत्री के रूप में चित्रित किए जाएंगे, जिन्होंने अपने विरोधियों को बिला वजह परेशानहलकान किया और शायद इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएगा.

यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि आबकारी नीति में घोटाला जैसा शर्मनाक काम कर के जेल गया आदमी जेल से सरकार चलाना चाहता है.

भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केजरीवाल में नैतिकता नाम की चीज नहीं है. वे पहले एनजीओ बना कर फिर राजनीति में केवल जेबें भरने आए थे. उन्होंने एक भ्रष्ट सरकार चलाई और यही वजह है कि उन के तमाम मंत्री, सांसद और यहां तक कि वे खुद जेल में हैं.

अरविंद केजरीवाल दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथिततौर पर गलत तरीके से धन लेने के आरोप में 28 मार्च, 2024 तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं और उन के सहयोगियों की ओर से उन का एक कथित पत्र जारी किया गया है, जिस में उन्होंने दिल्ली में पानी और सीवर की व्यवस्था में सुधार के लिए काम करने निर्देश दिए हैं.

दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल के जेल जाने की खबर पर बहुत दूर जरमनी तक बात हुई है, जिस से केंद्र में बैठी हुई भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बड़ी पीड़ा हुई है. केंद्र सरकार ने जरमनी की बात पर कहा है कि यह उस का अपना आंतरिक मामला है और अदालत में चल रहा है, पर भाजपा यह भूल जाती है कि दुनिया में बहुत सारे मामलों में भारत सरकार भी अपना पक्ष रखती है और यह दुनिया के हित के लिए होता है. ऐसी बातों को सकारात्मक ढंग से लिया जाना चाहिए.

इस तरह अरविंद केजरीवाल ने एक तरह से जेल से सरकार चलाना शुरू कर दिया है, जो अपनेआप में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को रास नहीं आ रहा है. भाजपा को मानो अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी से निजी लड़ाई है और भाजपा यह चाहती है कि आप पार्टी नेस्तनाबूद हो जाए, मगर लोकतंत्र में हर विचारधारा को अपना काम करने और जनता के बीच जाने का अधिकार है, यह बात सत्ता में बैठे हुए भाजपा के कर्ताधर्ता भूल जाते हैं. वे यह भी भूल जाते हैं कि पहले आप सत्ता में नहीं थे और विपक्ष में जाते हुए आप को सत्ता में बैठे हुए लोगों ने एक माहौल दिया, तो आप का भी कर्तव्य है कि आप विपक्ष का सम्मान करें और उसे अपनी विचारधारा को लोगों को बताने का मौका मिलना चाहिए. इसी में देश और लोकतंत्र का भला है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें