सुनंदा तो जैसे अपनी सास व ननद से जुड़ना ही नहीं चाहती थी. ऊंचे पद पर आसीन, घमंडी सुनंदा को उन का प्यार बनावटी लगने लगा था. एकाएक ऐसा क्या हुआ जिस ने उस की आंखों पर पड़ी पट्टी को खोल दिया.