वक्त रुकता नहीं, प्रतिपल चलता रहता है. नीरज भी जिंदगी के थपेड़ों को झेलता वक्त के साथ चलता रहा. और फिर कहते हैं न, वक्त कभी एकसा नहीं रहता.