बिहार की श्रेयसी सिंह ने 61वीं नैशनल शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीत कर एिक बार फिर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा दिया है. 21 नवंबर, 2017 को दिल्ली में महिलाओं के डबल ट्रैप इवैंट में श्रेयसी सिंह ने मध्य प्रदेश की वर्षा बर्मन को 92-87 पौइंट से हराया.

बिहार के जमुई जिले के छोटे से कसबे गिद्धौर से निकल कर नैशनल और इंटरनैशनल शूटिंग इवैंट में जलवा दिखाने वाली 25 साला श्रेयसी सिंह ने साबित कर दिया है कि अगर लगन और मेहनत हो तो हर मंजिल को फतेह किया जा सकता है.

‘बिहार की बेटी’ के नाम से मशहूर हो चुकी श्रेयसी सिंह साल 2014 में ग्लास्गो में हुए कौमनवैल्थ गैम्स में वुमन डबल ट्रैप इवैंट में सिल्वर मैडल

जीत कर दमखम दिखा चुकी हैं. वे कौमनवैल्थ गेम्स में मैडल जीतने वाली बिहार की अकेली खिलाड़ी हैं.

श्रेयसी सिंह ने वुमन डबल ट्रैप इवैंट के फाइनल मुकाबले में सिल्वर मैडल पर कब्जा जमाया था. इंगलैंड की चार्टेल केरवुड ने 94 अंक ले कर गोल्ड मैडल जीता था.

श्रेयसी सिंह का कहना है कि कौमनवैल्थ गेम्स से कुछ समय पहले उन्होंने इटली में ट्रेनिंग ली थी, जिस में निशाना लगाने की जम कर प्रैक्टिस की और खुद पर भरोसा भी बढ़ाया.

श्रेयसी सिंह आगे कहती हैं कि उन की मेहनत और लगन के साथ उन के कोच और मैंटर परमजीत सिंह सोढ़ी ने उन के खेल को निखारने और संवारने में कड़ी मेहनत की है.

बिहार के बांका की सांसद रह चुकी पुतुल देवी श्रेयसी सिंह की मां हैं और केंद्रीय मंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह उन के पिता. निशानेबाजी तो मानो श्रेयसी के खून में रचीबसी है, क्योंकि उन के पिता भारतीय निशानेबाजी संघ में अध्यक्ष थे और दादा सुरेंद्र सिंह राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रह चुके थे.

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