रमेश मिडिल क्लास परिवार का था. उस की बेटी की शादी थी. उस ने शादी में दिल खोल कर खर्च किया था. बड़ा शामियाना, तरहतरह के भोजन और भी कई तरह के तामझाम.

इतना सब करने के बावजूद वहां आने वाले मेहमानों ने कई कमियां निकाल दीं. जैसे शामियाने में इस्तेमाल किया गया रंगीन कपड़ा धुला हुआ नहीं था. उस पर मैल की परतें जमा थीं. खाने में इस्तेमाल की गई क्रौकरी भी ढंग से धुली हुई नहीं थी. यह देख कर बहुत से लोगों ने खाना खाने में नाकभौं सिकोड़ी. रमेश के किएकराए पर पानी फिर गया.

यह बात सच है कि जब भी हम कभी बतौर मेहमान किसी के घर जाते?हैं तो घर के भीतर घुसते ही वहां का माहौल बता देता?है कि वहां रहने वाले कितने साफसफाई पसंद हैं. कोई कैसे कपड़े पहनता है, उस के बिस्तर पर कैसी चादर बिछी?है और वह खाने के लिए किस तरह के बरतनों का इस्तेमाल करता है, यह सब भी इसी दायरे में आता है.

घर के बरतन और कपड़े व चादरों को साफसुथरा रखना कोई रौकेट साइंस नहीं है, बल्कि अब तो साइंस ने ऐसे सस्ते व बढि़या पाउडर, लिक्विड सोप वगैरह ईजाद कर दिए हैं कि आप को यह बहाना नहीं मिल सकता है कि घर और रसोई गंदी क्यों है.

आजकल ज्यादातर सभी घरों में स्टील के बरतन इस्तेमाल किए जाते?हैं, जो मजबूत होने के साथसाथ धोने में भी आसान रहते?हैं. इन पर कभीकभी सख्त दाग लग जाते हैं पर उन्हें हटाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती.

मान लीजिए, स्टील के पतीले में सख्त दाग लगे हुए?हैं तो उसे कुछ घंटे के लिए साबुन के गरम पानी में भिगोएं, फिर पानी निकाल कर मांजने के पैड से रगड़ दें. ऐसी चीज न इस्तेमाल करें जिस से उस बरतन पर खरोंच लग जाए.

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