मानव जीवन के चक्र में जब कभी कुछ आश्चर्यजनक व सुखद घटित हो जाता है, तब जीवन में इंद्रधनुषी रंग बिखर जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ 65 वर्षीय जगदीश प्रसाद मीणा और उन की पत्नी चमेली मीणा के जीवन में. 64 वर्षीय चमेली ने इस उम्र में एक पुत्र को जन्म दिया.

इस सब के बारे में जानने के लिए जब हम राजधानी दिल्ली के शकरपुर इलाके में स्थित उन के निवास पहुंचे, तो जगदीश प्रसाद और चमेली दोनों ही बच्चे को खिला रहे थे. बड़ा प्यारा बच्चा है, पूरी तरह स्वस्थ है.

जगदीश प्रसाद से पूछने पर कि उम्र के इस मोड़ पर बच्चे को पैदा करने का ध्यान कैसे आया, तो वे कहते हैं, ‘‘जीवन का घटनाक्रम कुछ ऐसा रहा कि हम बहुत ही हताश हो गए. दरअसल, हमारा बेटा 31 वर्ष का था. संदिग्ध परिस्थितियों में उस की अचानक मृत्यु हो गई. हम दुख के सागर में डूबे हुए थे.

‘‘कुछ समय बाद हम दोनों पतिपत्नी ने हिम्मत जुटाई और एक नई सोच को जन्म दिया जो हट कर थी. पहले तो हम ने सोचा कि क्यों न हम सरोगेसी द्वारा एक बच्चे को प्राप्त करें परंतु यह सोच मेरी थी, जिसे पत्नी मान नहीं रही थी. उस का मन था कि वह स्वयं ही इस दिशा में आगे बढ़े. हम इस बाबत कई जगहों गए पर वहां पर सफलता हाथ नहीं लगी. हमारे अंदर लगन थी, हम दोनों ही हिम्मत नहीं हारे. पत्नी चमेली चाहती थी कि अपने बच्चे को वही जन्म देगी.

‘‘फिर हम डा. अनूप गुप्ता से मिले. उन्होंने हम दोनों का चैकअप किया. उन्होंने बताया कि हम दोनों ही बिलकुल फिट हैं. हारमोनल टैस्ट से स्पष्ट हो गया था कि मेरे स्पर्म ठीक थे और पत्नी चमेली भी एकदम फिट थी. वह बच्चे को जन्म दे सकती थी.’’

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