हमारे शब्दछेड़ू मित्र प्रो. अर्थसिंह को हर बात में नए अर्थ ढूंढ़ लेने की आदत है. यों उन का नाम पृथ्वीसिंह है मगर हम यार लोग उन की अर्थ निकालने की आदत के कारण उन्हें अर्थ सिंह के नाम से बुलाते हैं. यह नाम ज्यादा ठीक भी बैठता है. वह भी खूब मजा लेते हैं अपने नए डाउन टू अर्थ नाम का. अभी कल ही प्रोफेसर मिले. पूछा, ‘‘कहां रहते हो?’’ बोले, ‘‘आजकल कुरसियों के नए अर्थ खोज रहा हूं.’’

‘‘कुरसियों के नए अर्थ? क्या विषय है यार?’’ हम ने कह तो दिया मगर तत्काल दिलचस्पी ने हमें घेर लिया. कहा, ‘‘एक्सप्लेन करो.’’

अर्थसिंह ने समझाया, ‘‘वीआईपी होना एक चमकदार कुरसी होना है, क्यों?’’

हम ने कहा, ‘‘ठीक है, मगर इस का मतलब तो सीधा है, वेरी इंपोर्टेंट पर्सन. हां, खुशवंत सिंह के किसी कालम में हम ने 2 गलत से अर्थ पढ़े थे ‘वेरी इंपोर्टेंट (महत्त्वपूर्ण) प्राब्लम’ और ‘वेरी इनकन्विनिएंट (असुविधाजनक) पर्सन.’ अर्थसिंह खिलखिला कर हंसने लगे, ‘‘हां, यार, बडे़ जबर्दस्त अर्थ थे. मगर थे खरखरे, मैं ने भी कोशिश कर कुछ नए अर्थ खोजे हैं, मुलाहिजा फरमाएं, शायद आप को स्वादिष्ठ लगें. ‘‘सब से पहले कुछ मीठे अर्थ...‘वेरी आइडियल (उत्कृष्ट) पर्सन’, ‘वेरी आइडल (आराध्य) पर्सन’, ‘वर्सेटाइल (बहुमुखी) इंडियन पर्सनेलिटी’, ‘वेरी इल्सट्रियस   (उदाहरणीय) पर्सन’ ‘वेरी इंपार्शियल (निष्पक्ष) पर्सन’ ‘वेंचर (साहसिक कार्य) इनीशिएटिंग पर्सन’, ‘वेरी इंटैलिजेंट पायनियर (मार्गदर्शक)’, ‘वेरी इंसपायरिंग (प्रेरक) पर्सन’, ‘वेरी इंटैलिजेंट पर्सन’.’’

हम ने कहा, ‘‘वाह, क्या सही अर्थ हैं...बेहद शालीन व सभ्य. आप ने अपने नाम को सही रूप में चरितार्थ कर दिखाया. आजकल के वीआईपीज को अच्छा लगने वाला काम किया. एक लिस्ट अगर आप सभी वीआईपीज के पास भिजवा दें तो सामाजिक व आध्यात्मिक कार्यों को समर्पित उन की पत्नियों की प्रसिद्ध संस्था आप को सहर्ष सम्मानित कर सकती है. इस बहाने आप अखबारों में छा जाएंगे.’’

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