आजकल बेरोजगारी की समस्या सचमुच बहुत भयंकर है. ऐसे में बहुत से लोग दूसरे देशों में जा कर कामधंधा करना चाहते हैं. बेशक वहां काम मिल सकता है, लेकिन विदेश जा कर बहुत से लोग शोषण के भी शिकार होते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय प्रवास संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में नाजायज तरीके से विदेश भेजने का कारोबार तकरीबन 45,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का है. हमारे देश के बहुत से इलाके इस तरह की ठगी की चपेट में हैं. सब से ज्यादा ठगी पंजाब व उस के आसपास के इलाकों में हो रही है.

ठगी का जाल

पंजाब और उस के आसपास के इलाकों में रहने वाले ज्यादातर लोग विदेश जाने की इतनी गहरी चाहत रखते हैं कि वे उसे अपनी जिंदगी का मकसद बना लेते हैं. जिन लोगों के बच्चे विदेशों में हैं उन की अमीरी और रुतबा देख कर ज्यादातर मांबाप अपना सबकुछ दांव पर लगा कर अपने बच्चों को विदेश भेजने की कोशिशों में लगे रहते हैं.

पूरे देश से बाहर जाने वालों में से एकचौथाई से भी ज्यादा लोग अकेले पंजाब से होते हैं. वहां से हर साल 2 लाख से भी ज्यादा वीजा की अर्जियां कनाडा, अमेरिका, इंगलैंड, अरब, आस्टे्रलिया वगैरह देशों के लिए लगती हैं.

यह बात दीगर है कि तयशुदा कोटे के मुताबिक इन में से तकरीबन 50,000 यानी 25 फीसदी लोगों को ही विदेश जाने के लिए वीजा मिल पाता है बाकी के 75 फीसदी यानी तकरीबन डेढ़ लाख लोग वीजा न मिलने से मायूस रह जाते हैं.

बस, असली समस्या यहीं से शुरू होती है. जिन लोगों को वीजा नहीं मिल पाता, वे आसानी से हिम्मत नहीं हारते हैं और किसी न किसी तरह बाहर जाने की जुगत में लगे रहते हैं और अपना काम कराने की गरज से मददगार एजेंट तलाशते रहते हैं.

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