सदियों से भारतीयों के दिमाग पर हावी ज्योतिष विद्या सच है या नहीं, इस विषय पर अभी तक किसी तरह का शोध या परीक्षण नहीं हुआ है. पश्चिमी देशों में जरूर वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं व विद्वानों ने कई रिसर्च व परीक्षण किए, जिन में ज्योतिष विद्या सचाई की कसौटी पर खरी साबित नहीं हो पाई. इसे झूठा अंधविश्वास पाया गया.

भारत में आज भी हर कोई भविष्य- वाणियों पर आंखें मूंद कर विश्वास करता है. भले ही ज्योतिषियों की कही बातें गलत सिद्ध हुई हों. लोगों का विश्वास है कि ज्योतिष विद्या हमारे वेदों व दूसरे धार्मिक ग्रंथों में बताई गई है इसलिए यह झूठ कैसे हो सकती है. लिहाजा, प्रिंट और अत्याधुनिक इलेक्ट्रोनिक मीडिया से ले कर हर गलीनुक्कड़ पर भविष्य बांचने वालों का जाल बिछा हुआ है. लोग अपने दिन की शुरुआत इन के बताए अनुसार ही करते हैं, फिर चाहे वह गलत ही क्यों न हो.

ऐसे में जम्मू के राकेश आनंद ने एस्ट्रोलोजी (ज्योतिष विद्या) पर अपनी रिसर्च आधारित एक पुस्तक में दावा किया है कि एस्ट्रोलोजी झूठ है. उन्होंने अपने शोध व परीक्षण में पाया है कि ज्योतिष गणनाएं सत्य की कसौटी पर खरी नहीं उतरतीं. ज्योतिष संभावनाओं और विरोधाभासों से भरी हुई है.

एस्ट्रोलोजी को अंधविश्वास करार देते हुए राकेश कुमार अब इस के प्रति लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठा चुके हैं.

अपनी रिसर्च में राकेश ने कुछ मशहूर विदेशी विद्वानों के शोध व परीक्षणों का जिक्र किया है. इन में प्रमुख तौर पर रुडोल्फ एच. स्मिथ, ज्योफ्रे डीन आदि हैं. रुडोल्फ एच. स्मिथ के कई परीक्षणों के उदाहरण इन की शोध पुस्तक में दिए गए हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...