14 सितंबर, 2017 की सुबह के तकरीबन साढ़े 5 बजे 60 साल के पवन सिंह रोज की तरह गंगा नदी में नहाने के लिए घर से निकलने लगे. उन के 5 पोतेपोतियों ने भी साथ चलने की जिद की. पवन सिंह ने उन्हें जाने से मना किया, पर बच्चे अपनी जिद पर अड़े रहे.

आखिरकार पवन सिंह पोते पोतियों को लेकर गंगा नदी के किनारे पहुंच गए. बच्चों ने अपनेअपने कपड़े उतारे और पानी में छलांग लगा दी. अपने इन मासूम बच्चों को पानी में अठखेलियां करते देख पवन सिंह खुश होते रहे.

4 बच्चे किनारे से कुछ आगे की ओर बढ़ने लगे, तो पवन सिंह जोर से चिल्लाए कि आगे मत जाओ. गहरा गड्ढा है.

पानी में मस्ती करते बच्चों तक उन की आवाज नहीं पहुंची. जब तक पवन सिंह उन्हें वापस लाने के लिए आगे बढ़ते, तब तक वे चारों बच्चे पानी में डूबने लगे. पवन सिंह उन्हें बचाने के लिए तेजी से आगे बढ़े. उन के साथ उन का एक पोता भी आगे लपका.

पवन सिंह ने तैर कर चारों बच्चों को पकड़ लिया, पर कुछ पल में वे भी पानी में डूबने लगे. पांचों बच्चे उन से लिपट गए.

इसी बीच किनारे पर खड़ी कुछ औरतों ने 2 साडि़यां बांध कर उन की ओर फेंकीं. पवन सिंह ने साड़ी के एक किनारे को पकड़ लिया, पर गांठ खुल गई और वे अपने पांचों मासूम पोते पोतियों समेत गंगा की गहराइयों में समा गए.

नदी के किनारे ही गहरे पानी में डूब कर जान गंवा चुके बच्चों की मां कंचन देवी और रूबी देवी का रोरो कर बुरा हाल हो रहा था. उन की चीखों से पूरे गांव वालों की आंखें नम हो गईं. गैरकानूनी तरीके से नदी के किनारे मिट्टी और बालू काटने वाले बालू माफिया ने दादा पवन सिंह समेत 5 मासूम पोतेपोतियों को लील लिया.

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