तनु के विवाह को 6 महीने हो गए थे. वह मायके आई हुई थी. विवाह के बाद अनुभव पूछते हुए उस की हमउम्र भाभी रेखा उस के साथ छेड़छाड़ करने लगी.

तब तनु ने बुझे स्वर में कहा, ‘‘मुझे तो कुछ अच्छा नहीं लगता. सब बोरिंग ही लगता है.’’

सुन कर रेखा हैरान हुई. फिर विस्तार से खुल कर बात करने पर रेखा को महसूस हुआ कि तनु ने अब तक चरमसुख का आनंद लिया ही नहीं है. सैक्स उसे एक रूटीन की तरह लग रहा है कि बस, पति का साथ देना, चाहे अच्छा लगे या बुरा.

रेखा अपनी एक रिश्तेदार डाक्टर मीनाक्षी से बात कर तनु को उन के पास ले गई. दोनों को अकेले छोड़ वहां से हट गई. डाक्टर ने बातोंबातों में उसे और्गेज्म के बारे में समझाया तो तनु झिझकती हुई सब बातें सुनतीसमझती रही. अगली बार मायके आने पर जब उस का खिला, चमकता चेहरा देख रेखा ने फिर आंखों ही आंखों में शरारती सवाल पूछा तो तनु शरमा कर हंस दी. तब रेखा को तसल्ली हो गई कि अब उस की ननद शारीरिक और मानसिक रूप से वैवाहिक जीवन का पूरापूरा आनंद ले रही है.

सैक्स की हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका है. विशेष रूप से महिलाएं स्वयं को बहलाती हैं कि मजबूत रिश्ते के लिए अच्छा सैक्स जरूरी नहीं है. उन के लिए यह पार्टनर से जुड़े रहने के लिए ही है.

25 वर्षीय कविता का कहना है, ‘‘मेरा पार्टनर आसानी से उत्तेजित हो जाता था, जबकि मेरा मूड बनने में काफी समय लगता था. मैं उसी के लिए सैक्स करती थी. हर बार मुझे खाली और अधूरा लगता था.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...