लिव इन रिलेशनशिप आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है. एक समय ऐसा था जब ऐसे संबंध होने पर लोग खुल कर बात करना पसंद नहीं करते थे. लेकिन आजकल लोग खुल कर इस रिलेशनशिप में रहते हैं खासकर युवा इस रिश्ते को अपनाने में सहजता का अनुभव करते हैं, क्योंकि इस में दायित्व कम होता है.

सेक्स की आजादी

इस बारे में मुंबई की सोशल ऐक्टिविस्ट नीलम गोरहे कहती हैं, ‘‘यह रिश्ता तब तक ठीक रहता है जब तक महिलाओं को कोई समस्या नहीं आती. महिलाएं मेरे पास तब आती हैं जब उन का बौयफ्रैंड उन्हें छोड़ कर चला गया हो या चोरीछिपे शादी कर ली हो. ऐसे में हरेक महिला यही चाहती है कि रिश्ते को मैं ठीक कर दूं. उस लड़के से कहूं कि उसे अपना ले.

‘‘असल में इस रिश्ते के लिए अधिकतर लड़के ही आगे आते हैं, क्योंकि प्यार से अधिक इस में सेक्स की आजादी होती है. यह रिश्ता जितनी आजादी देता है, उतना ही खतरनाक भी होता है. मेरे पास एक मातापिता ऐसे आए जिन की लड़की का मर्डर हो चुका था पर कोई पू्रफ नहीं था. उसे मारने वाला उस का बौयफ्रैंड ही था.

3-4 साल से वह लड़की उस लड़के के साथ लिव इन रिलेशनशिप में थी, जिस का पता उस के मातापिता को नहीं था. जब पता चला तो मातापिता ने लड़की से उस से शादी करने के लिए कहा. लेकिन वह लड़का तब आनाकानी करने लगा, जिसे देख लड़की ने उस रिश्ते से बाहर निकलना चाहा. यह बात लड़के को जब पता चली तो उस ने उस का मर्डर कर दिया. उस का शव बाथरूम में मिला.

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