कुछ समय पूर्व मायानगरी मुंबई में एक गिरोह पकड़ा गया, जिस के चंगुल से करीब दर्जन भर लड़कियां मुक्त कराई गईं. उन लड़कियों को बारगर्ल बना कर देह व्यापार के अनैतिक कार्य में लगा दिया गया था. उन में बस एक ही समानता थी. वह यह कि वे रूपवती थीं और मन में मौडल बनने या किसी फिल्म अथवा सीरियल में अभिनय करने की चाह पाले हुए थीं. तफतीश में जो ज्ञात हुआ वह सनसनीखेज था. गिरोह के सदस्यों ने विभिन्न अखबारों में विज्ञापन  छपवा कर देश के अलगअलग हिस्सों में इंटरव्यू के माध्यम से उन की भरती की थी. उन की छिपी आकांक्षाओं को उभारते हुए उन्हें जो सब्जबाग दिखाए गए थे, वे बेहद रोमांचक थे. उन में कोई भी महत्त्वाकांक्षी लड़की फंस सकती थी. उन से वादा किया गया था कि कुछ समय की टे्रनिंग के बाद उन्हें फिल्मों व सीरियलों में काम दिलवा दिया जाएगा. यदि वहां काम न मिला तो कम से कम मौडल तो अवश्य बनवा दिया जाएगा.

लेकिन हुआ क्या

इसी मृगतृष्णा में उन्हें मुंबई ला कर फूहड़ नाचगानों और शरीर उघाड़ू तौरतरीकों की टे्रनिंग दी गई. आधुनिका बनाने के लिए सोचीसमझी साजिश के तहत अभिनय के नाम पर यौन शोषण का शिकार बनाया गया. लगे हाथों फिल्मीकरण की आड़ में उन की पोर्न फिल्में बना ली गईं. अंतत: हश्र यह हुआ कि उन्हें होटलों में डांसर व बारगर्ल का काम दिलवा दिया गया. साथ ही उन्हें हाईप्रोफाइल कालगर्ल बना कर उन की कमान स्वयं के हाथों में रख ली ताकि देह के सौदों में से अधिकांश हिस्सा वे हड़प सकें. उन्हें जब मुक्त करवाया गया तब वे डरीसहमी हुई थीं और उन के खिलाफ एक भी शब्द बोलने को राजी न थीं, क्योंकि ब्लैकमेलिंग के भय से उन की यौन बंधुआ बनी हुई थीं.

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