चुनाव हो या खेल सट्टा बाजार का अपना अलग महत्व होता है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी सट्टा बाजार का अपना अलग अंदाज चल रहा है. उत्तर प्रदेश के विषय गुजरात, मुम्बई, मध्य प्रदेश और दिल्ली के सट्टा बाजार में मुख्य टक्कर सपा और भाजपा के बीच दिखाई जा रही है. इस सट्टा के बाजार में सबसे अधिक झटका बहुजन समाज पार्टी को लगा है. जहां प्रदेश में लोग बसपा को सत्ता का मुख्य दावेदार मान रहे थे वही सट्टा बाजार में बसपा धडाम से गिर कर तीसरे नम्बर पर हांफ रही है. सट्टा बाजार में पंजाब में आप को सबसे आगे और भाजपा-अकाली को कांग्रेस के बाद तीसरे नम्बर का भाव मिला है. सट्टा बाजार में भाजपा गोवा में सरकार बनाते दिख रही है वहां कांग्रेस दूसरे और आप पार्टी तीसरे नम्बर पर है. उत्तराखंड में सट्टा ने भाजपा को सत्ता के करीब माना है. कांग्रेस और बसपा को दूसरे तीसरे नम्बर पर रखा है.

सट्टा बाजार के जानकार कहते हैं कि यहां पर भाव पलपल में बदलता रहता है. यहां का भाव सही तरह से चुनावी नतीजो का आकलन नहीं करता, वह चुनावी प्रचार, खबरें और लोगों की बातचीत से अंदाजा लगाता है. सबसे बड़ा सट्टा उत्तर प्रदेश में बनने वाली सरकार को लेकर लगा है. उत्तर प्रदेश के बाद पंजाब और गोवा का नम्बर आता है. पहाडी राज्यों में केवल उत्तराखंड को थोडा बहुत महत्व इस बाजार में मिला है. मणिपुर का इस सट्टा बाजार में कोई जिक्र भी नहीं है. असल में सट्टा बाजार में जिसका भाव सबसे कम होता है अगर वह बडा उलटफेर करता है तो उस पर पैसा लगाने वालों को लाभ का सबसे अधिक होता है. उत्तर प्रदेश में बसपा को सबसे बड़ा खिलाडी माना जा रहा है जो उलटफेर करने में माहिर है. ऐसे में बसपा के भाव को सबसे कम रखा गया है. जिससे बसपा के पक्ष में सट्टा लगाने वालों को सबसे बड़ा मुनाफा हो सकता है.

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