उत्तर कोरिया ने एक बार फिर हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया. भूकंप संबंधी जानकारी देने वाली निगरानी संस्थाओं ने उत्तर कोरिया के मुख्य एटमी स्थल के पास 6.3 तीव्रता का विस्फोट दर्ज किया. यह बम उत्तर कोरिया की लंबी दूरी की मिसाइलों से भी दागा जा सकता है. इस धमाके की ताकत पिछले परीक्षण से 9.8 गुना ज्यादा थी. इस से कुछ ही घंटों पहले उत्तर कोरिया ने दावा किया था कि उस ने एक ऐसा हाइड्रोजन बम विकसित किया है जिसे देश की नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल में लोड किया जा सकता है.

एटमी हथियारों से लैस उत्तर कोरिया 1950 के दशक से अपने कट्टर दुश्मन अमेरिका तक एटमी मिसाइल दागने में समक्ष होने के तरीकों को लंबे समय से तलाश रहा है.

इस वक्त दुनिया के सामने सब से बड़ा सवाल यह है कि उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण का जवाब क्या है? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि उत्तर कोरिया को मिटा कर रख देंगे. इस के जवाब में उत्तर कोरिया ने धमकी दी है कि जापान को डुबो देंगे, अमेरिका को राख कर देंगे. लेकिन उत्तर कोरिया को मिटाना ट्रंप के लिए इतना भी आसान नहीं है.

अगर कोरियाई प्रायद्वीप पर जंग छिड़ी तो युद्ध का हश्र किसी को भी मालूम नहीं होगा कि यह कितनी जानें ले कर थमेगा. इस की सब से बड़ी वजह यह है कि उत्तरी कोरिया खुद में ही ‘महाबम’ बन चुका है. लगातार एटमी परीक्षण कर उत्तर कोरिया ने न सिर्फ अपनी तकनीक को उन्नत किया है बल्कि वह दुनिया के शक्तिशाली एटमी देशों में भी शामिल हो गया है. अमेरिका, आज के दौर में, उत्तर कोरिया को इराक या सीरिया समझने की गलती नहीं कर सकता.

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