बात अब से कोई छह महीने पहले की है. मध्य प्रदेश की वरिष्ठ और कद्दावर मंत्री यशोदाराजे सिंधिया मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह नगर विदिशा एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची थीं. इस कार्यक्रम में विदिशा नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन को उन्होंने लगभग अपमानित करते चलता कर दिया था. मुकेश टंडन कभी विदिशा की सड़कों पर ऑटो रिक्शा चलाते थे. अपनों को उपकृत करने में कंजूसी बरतने बाले शिवराज सिंह चौहान उन पर इस कदर मेहरबान हुये कि आज विदिशा में टंडन के नाम का सिक्का चलता है.

अपने कुछ वफ़ादारों को उपकृत कर उनकी लाइफ बना देने का रिवाज अब भारतीय राजनीति में मान्य हो चला है पर यशोधरा ने जो सुलूक शिवराज सिंह के इस चेले के साथ किया उसे शिवराज सिंह ने इस हद तक आहत किया कि भिंड जिले की अटेर विधानसभा उप चुनाव के प्रचार  में उन्होने सिंधिया खानदान के भारतीय स्वतन्त्र्ता संग्राम आंदोलन में योगदान के बारे में जो ताना कसा उससे सियासी गलियारों में क्रिकेट के एक दिवसीय मैच के आखिरी ओवरों सा रोमांच है और किसी बड़ी टूट फूट से इंकार करने की स्थिति में कोई नहीं.

कडवे बोल और इतिहास

अटेर की एक चुनावी मीटिंग को संबोधित करते शिवराज सिंह ने कहा, 1857 की क्रांति में अटेर इलाका महारानी लक्ष्मीबाई के साथ खड़ा रहा था, अंग्रेजों का साथ इस इलाके ने कभी नहीं दिया. मैं यह भी जानता हूं कि यहां अंग्रेजों के साथ मिलकर सिंधिया (राजघराने) ने बड़े जुल्म ढाए, पर लोगों ने बहादुरी के साथ इनका मुक़ाबला किया. दरअसल में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने अपना राज बढ़ाने और बनाए रखने देसी रियासतों से एक करार किया था जिसे सहायक संधि के नाम से जाना गया. इस संधि का  प्रमुख बिन्दु यह था कि रियासतें अंग्रेजी सेना का खर्च उठाएंगी, जिसके एवज में अंग्रेज उस रियासत के दुश्मनों से निबटने में उसकी मदद करेंगे.

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