कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को जर्मनी में कहा कि भारतीय का मतलब ही अहिंसक है. उन्होंने कहा कि नफरत का जवाब नफरत से देना उचित नहीं है. राहुल ने कहा कि मैं खुद हिंसा के दौर से गुजरा हूं.

राहुल ने कहा कि आतंकवादियों ने मेरे पिता और दादी की हत्या कर दी. लेकिन इससे आगे बढ़ने का एक ही रास्ता माफ करना है. जर्मनी के हैमबर्ग में बकिरस समर स्कूल के कैंपनजेल थियेटर में एक सवाल के जवाब ने राहुल ने ये बाते कहीं. उन्होंने कहा कि जब मेरे पिता को मारने वाले आतंकी की मौत हुई तो मैं खुश नहीं हुआ. क्योंकि मैंने खुद को उसके बच्चों में देखा. मैंने हिंसा को झेला है और मैं आपको बता सकता हूं कि इससे निकलने का एकमात्र तरीका है-माफ करना और माफ करने के लिए आपको यह समझना होगा कि ये कहां से आ रही है.

राहुल ने कहा कि संसद में मैंने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया तो मेरी ही पार्टी के भीतर कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लगा. उन्होंने कहा कि नफरत का जवाब नफरत से देना सही नहीं है.

राहुल गांधी ने कहा, मैं उन्हें बताना चाहता था कि दुनिया इतनी भी बुरी नहीं है और मैं उनके गले लग गया. राहुल गांधी ने कहा, यही चीज महात्मा गांधी ने भी हमें सिखाई है. हैमबर्ग पहुंचे राहुल गांधी ने राज्यमंत्री और सांसद नील्स एन्नेन से भेंट की. राहुल ने इस दौरान जर्मन राजनीति, केरल की बाढ़, एवं नौकरियों के बारे में बातचीत की.

अमेरिका-चीन के साथ संतुलन बनाना जरूरी

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