तमिलनाडु में जयललिता के निधन के बाद सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. पहले उस में 2 गुट थे. उन के विलय के बाद दिनाकरन का तीसरा गुट उभरा और अब उस ने बगावत कर दी.  सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के 2 धड़े 6 महीने अलग रहने के बाद पिछले दिनों एक हो गए. इस के बाद अब बहुत जल्द केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार में अन्नाद्रमुक का प्रवेश होने वाला है.

अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों के बीच हुए समझौते के तहत पलानीसामी राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. पार्टी में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री, जो जे जयललिता के समय कई बार मुख्यमंत्री रहे थे, ओ पन्नीरसेल्वम को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. इस के अलावा जयललिता के बाद पार्टी की महासचिव बनी वी के शशिकला को पार्टी के महासचिव पद से हटाने का फैसला भी लिया गया है.

बगावत का झंडा

पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद उन के विश्वासपात्र समझे जाने वाले पन्नीरसेल्वम को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन, पार्टी महासचिव शशिकला से मतभेदों के चलते उन्हें पद से त्यागपत्र देना पड़ा.

शशिकला खुद मुख्यमंत्री बनना चाहती थीं. लेकिन, भ्रष्टाचार के एक मामले में उन के जेल जाने के चलते पलानीसामी नए मुख्यमंत्री बने. इस के बाद पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया.

पिछले दिनों चेन्नई में जो हुआ उस की भूमिका कई महीने से दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी द्वारा लिखी जा रही थी.

शशिकला को भारतीय जनता पार्टी से बेहद नाराजगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार उन तक पहुंचने की कोशिश की. केंद्र से भी जितने मंत्री गए, हरेक को शशिकला ने जयललिता से मिलने से रोक दिया. यहां तक कि राज्यपाल तक को जयललिता से भेंट करने का वक्त नहीं दिया गया.

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