जब चंडीगढ़ जैसे शहर में पढ़ीलिखी गाड़ी चलाती लड़कियों की खैर नहीं है, तो देश के कसबों और गांवों में क्या होता होगा, इस का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के जाट नेता व हरियाणा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला का एक दोस्त के साथ रात को काम से लौट रही लड़की की गाड़ी का पीछा करना और उसे अगवा करने की कोशिश में गाड़ी को रोकने की कोशिश करना तूल पकड़ गया, क्योंकि लड़की एक ऊंचे आईएएस अफसर की बेटी थी.

चारों ओर के दबाव के कारण विकास बराला और उस के दोस्त को पुलिस ने काफी नानुकर के बाद गिरफ्तार तो कर लिया, पर उसे सजा मिलेगी, इस की गारंटी नहीं है. चंडीगढ़ पढ़ेलिखे शांत लोगों का शहर है, जहां आमतौर पर लफंगबाजी कम होती है, पर सत्ता का नशा विकास के सिर पर ऐसा चढ़ा कि उस ने सोचा कि हर लड़की दलित या मुसलमान जैसी है, जिसे जहां चाहो मारपीट लो. हिंदू धर्म के रीतिरिवाज तो रोज ही दोहराते हैं कि औरत नर्क की खान है.

देशभर में कल के लठैत आज राजनीति में घुस कर जो दंगा मचा रहे हैं, यह जमीनी लोग ही बता सकते हैं. कभी गौरक्षा के नाम पर, कभी पाकिस्तान के हिमायतियों को सबक सिखाने के नाम पर, तो कभी देशद्रोह के नाम पर भारत माता की जय का नारा लगवाने को ले कर ये लठैत अब सत्ता का पूरा फायदा उठा रहे हैं.

गांवगांव, कसबेकसबे में इन खुद के तैनात पहरेदारों ने लड़कियों को दुरुस्त करने का ठेका ले लिया है. सोशल मीडिया पर सैकड़ों वीडियो घूम रहे हैं, जिन में लाठी पर भगवा रिबन बांधे लड़के लड़केलड़की के जोड़ों की जम कर पिटाई भी कर रहे हैं और उन्हीं में से एक लड़का अपने मोबाइल पर वीडियो खींच कर सोशल मीडिया पर अपने को दिए गए मैडल की शक्ल में डाल रहा है.

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