हमसफर मनपसंद हो तो गृहस्थी में खुशियों का दायरा बढ़ जाता है. जमाने की नजरों में दीपिका और राजेश भी खुशमिजाज दंपति थे. करीब 8 साल पहले  कालेज के दिनों में दोनों की मुलाकात हुई थी. पहले उन के बीच दोस्ती हुई फिर कब वे एकदूसरे के करीब आ गए, इस का उन्हें पता ही नहीं चला. वे सचमुच खुशनसीब होते हैं जिन्हें प्यार की मंजिल मिल जाती है. प्यार हुआ तो खूबसूरत दीपिका ने राजेश के साथ उम्र भर साथ निभाने की कसमें खाईं. दोनों के लिए जुदाई बरदाश्त से बाहर हुई तो परिवार की रजामंदी से दोनों वैवाहिक बंधन में बंध गए. एक साल बाद दीपिका एक बेटे की मां भी बन गई.

राजेश का परिवार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रायपुर थानाक्षेत्र स्थित तपोवन एनक्लेव कालोनी में रहता था. दरअसल राजेश के पिता प्रेम सिंह राणा मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर के गांव सबदलपुर के रहने वाले थे, लेकिन बरसों पहले वह उत्तराखंड आ कर बस गए थे. दरअसल वह देहरादून की आर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी करते थे. उन के परिवार में पत्नी और राजेश के अलावा 5 बेटियां थीं, जिन में से 2 का विवाह वह कर चुके थे.

सन 2000 में पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला और 3 बेटियों के हाथ पीले किए. राजेश और दीपिका एकदूसरे को चाहते थे इसलिए प्रेम सिंह ने सन 2007 में उन के प्यार को रिश्ते में बदल दिया. आजीविका चलाने के लिए राजेश ने घर के बाहर ही किराने की दुकान कर ली थी. दीपिका का मायका भी देहरादून में ही था. प्रेम सिंह व्यवहारिक व्यक्ति थे. इस तरह बेटाबहू के साथ वह खुश थे.

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