3 जुलाई, 2017 की रात कोई 10 बजे अफजल का परिवार खापी कर सोने की तैयारी कर रहा था कि उस के मोबाइल फोन की घंटी बजी. उस समय मोबाइल अफजल की बीवी नूरी के पास था. नूरी ने देखा, फोन हाशिम का है. हाशिम उस का सगा भाई था. भाई का नंबर देख कर उस ने जैसे ही फोन रिसीव किया, दूसरी ओर से हाशिम ने घबराए स्वर में कहा, ‘‘बाजी, मेरी कार का ऐक्सीडेंट हो गया है. तुम्हारी भाभी की हालत बहुत नाजुक है. आप लोग जितनी जल्दी हो सके, आ जाइए.’’

इस के बाद हाशिम ने बहन को वह जगह बता दी, जहां ऐक्सीडेंट हुआ था. बहन को ऐक्सीडेंट की बात बता कर हाशिम ने अपने घर वालों को भी फोन कर के ऐक्सीडेंट की बात बता दी थी. भाई की बात सुन कर नूरी हक्काबक्का रह गई. उस ने तुरंत यह बात अफजल और घर के अन्य लोगों को बताई.

अफजल ने हाशिम के ऐक्सीडेंट की बात रिश्तेदारों को बताई और नूरी को साथ ले कर चल पड़ा. ये लोग वहां पहुंचते, जहां ऐक्सीडेंट हुआ था, उस के पहले ही हाशिम खुद कार चला कर एक निजी अस्पताल पहुंच गया था. डाक्टरों ने उस की पत्नी यानी शाहीन को तो मृत घोषित कर दिया था, जबकि उसे भरती कर के उस का इलाज शुरू कर दिया था.

भरती होने से पहले हाशिम ने घर वालों को शाहीन के खत्म होने की बात बता दी थी. हाशिम की कार को ही देख कर लगता था कि उस की किसी चीज से जबरदस्त टक्कर हुई थी. उस की कार का शीशा बुरी तरह से टूटा हुआ था. इस में उस की पत्नी शाहीन की मौत हो गई थी, जबकि उस के सिर में मामूली चोट आई थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...