आज पूरी दुनिया में आतंक पसरा हुआ है. अब तो शिक्षित युवा भी आतंक फैला रहे हैं. सितंबर माह में ही जम्मूकश्मीर के बनिहाल में एसएसबी पर हुए जानलेवा आतंकी हमले में शामिल 2 आतंकी तो पहले ही गिरफ्त में आ गए थे जबकि तीसरे आतंकी आकिब वाहिद को बाद में अरेस्ट किया गया. आकिब अनंतनाग के डिगरी कालेज में बीएससी का छात्र है. इसी तरह ढाका में हुए आतंकी हमले में यही बात सामने आई थी कि जिन हमलावरों की पहचान हुई है, वे सभी अमीर घरों से संबंध रखते थे और अच्छे, जानेमाने स्कूलोंकालेजों में पढ़े थे. 2 हमलावर, जिन की मौत गोलीबारी में हुई, वे अच्छे खातेपीते परिवार के थे. इन में से एक निबस इसलाम, देश के एक अभिजात निजी विश्वविद्यालय, नार्थसाउथ यूनिवर्सिटी से पढ़ा था, वहीं दूसरा हमलावर मीर सबीह और रोशन इम्तियाज भी देश के सब से बढि़या स्कूलों में पढ़े थे.

रोशन इम्तियाज की पहचान बंगलादेश ओलिंपिक एसोसिएशन के उपमहासचिव इम्तियाज खान बाबुल के बेटे के रूप में हुई. अब यह बात गलत साबित हो रही है कि इसलामिक स्टेट और अलकायदा की पहुंच केवल गरीब घरों के युवाओं तक है. अब इन में अमीर और पढ़ेलिखे घराने के युवा भी शामिल हो रहे हैं. एक समय कहा जाता था कि कम पढ़ेलिखे युवा ही आतंकवादियों के झांसे में आ कर आतंक के रास्ते पर चलते हैं, लेकिन अब आतंक की राह पकड़ने वाले नौजवान अनपढ़जाहिल नहीं, बल्कि शिक्षित और डिगरीधारी हैं, जो अपने आकाओं के इशारे पर दुनियाभर में मारकाट मचा रहे हैं.

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बेकार हैं ऐसी डिगरियां

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