21 जून, 2017 की सुबह करीब 6 बजे की बात है. पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी थाना के एएसआई हीरालाल नाइट ड्यूटी पर थे. उन्हें पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि दिलशाद गार्डन के पी ब्लौक के फ्लैट नंबर-पी 13 में हिंसक वारदात हो गई है. मामले की सूचना दर्ज कर वह हैडकांस्टेबल कर्मवीर को साथ ले कर मोटरसाइकिल से घटनास्थल की ओर रवाना हो गए.

घटनास्थल थाने से करीब एक किलोमीटर दूर था, इसलिए वह 10 मिनट के अंदर ही वहां पहुंच गए. फ्लैट के बाहर खड़े लोग कानाफूसी कर रहे थे. हीरालाल ने उन में से किसी से घटना के बारे में पूछा तो पता चला कि उस फ्लैट में रहने वाले विनोद बिष्ट ने अपनी पत्नी रेखा के ऊपर कातिलाना हमला किया है.

हीरालाल फ्लैट के अंदर पहुंचे तो उन्हें कमरे के फर्श पर खून ही खून फैला दिखाई दिया. वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बताया कि गंभीर रूप से घायल रेखा और उस के बेटे विनीत को पीसीआर वैन गुरु तेगबहादुर (जीटीबी) अस्पताल ले गई है. घटनास्थल की निगरानी के लिए एएसआई हीरालाल ने हैडकांस्टेबल कर्मवीर को वहीं छोड़ दिया और खुद जीटीबी अस्पताल पहुंच गए.

अस्पताल पहुंचने पर उन्हें पता चला कि रेखा ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था. उस के बेटे विनीत का इलाज चल रहा था. हीरालाल विनीत से मिले. उस ने बताया कि मां को बचाने की कोशिश में उस के पिता ने उस के ऊपर भी चापड़ से वार कर दिया था, जिस से उस की हथेली कट गई थी. उन्होंने घायल विनीत का बयान दर्ज कर लिया.

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