देश भर में क्रिकेट व अन्य खेलों का सामान बनाने के लिए प्रसिद्ध शहर जालंधर (पंजाब) के उपनगर लाजपतनगर की कोठी नंबर 141 में प्रसिद्ध करोड़पति बिजनैसमैन जगजीत सिंह लूंबा का परिवार रहता था. उन के सीमित परिवार में 60 वर्षीय पत्नी दलजीत कौर, 42 वर्षीय बेटा अमरिंदर सिंह उर्फ शंटू, बहू परमजीत कौर उर्फ पम्मी, 20 वर्षीय पोता शानजीत सिंह, मनजीत सिंह और पोती आशीषजीत कौर थीं. जगजीत लूंबा बड़े सज्जन एवं दयालु प्रवृत्ति के इंसान हैं. धनवान होने के बावजूद भी उन्हें किसी चीज का घमंड नहीं था. शहर में उन की जगजीत ऐंड कंपनी नाम से बहुत बड़ी फर्म है, जिस के अंतर्गत 2 पैट्रोल पंप, सर्विस स्टेशन और एक बहुत बड़ी मैटल ढलाई की फैक्ट्री है, जिस में कई फर्नेस लगे हैं. अमरिंदर सिंह उर्फ शंटू अपने पिता के साथ कारोबार संभालने में उन की मदद करता था. दलजीत कौर भी कभीकभार पति और बेटे की मदद के लिए पैट्रोल पंपों पर चली जाती थीं. तीनों बच्चे अभी पढ़ रहे थे. बड़ा पोता शानजीत सिंह एपीजे कालेज जालंधर का छात्र था. कुल मिला कर लूंबा परिवार सुखचैन से अपना जीवन निर्वाह कर रहा था.

23 फरवरी, 2017 की शाम करीब 4 बजे की बात है. दलजीत कौर अपने ड्राइंगरूम में परमजीत कौर उर्फ पम्मी और खुशवंत कौर उर्फ नीतू के साथ बैठी चाय पी रही थीं. खुशवंत कौर परमजीत कौर के पति के दोस्त बलजिंदर सिंह की पत्नी थी. दोनों के आपस में पारिवारिक संबंध थे. बलजिंदर की भी जालंधर के लक्ष्मी सिनेमा के पास मैटल ढलाई की फैक्ट्री थी.

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