मार्च के दूसरे सप्ताह की बात है. राजस्थान  पुलिस के स्पैशल औपरेशन ग्रुप यानी एसओजी के आईजी दिनेश एम.एन. को मिली एक सूचना ने उन्हें चिंता में डाल दिया. दरअसल, सूचना ही ऐसी थी कि आईजी साहब का चिंतित होना स्वाभाविक था. उन्हें सूचना मिली कि पुलिस कांस्टेबल भरती की औनलाइन परीक्षा में हाईटेक गिरोह परीक्षा केंद्रों के कंप्यूटर हैक कर दूसरी जगह से अभ्यार्थियों को नकल करा रहा है. भरती की प्रक्रिया के तहत सब से पहले औनलाइन परीक्षा होनी थी. इस के लिए पुलिस मुख्यालय ने परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया था. यह औनलाइन परीक्षा पहले चरण में 7 मार्च को प्रारंभ हो गई थी जो 45 दिनों तक अलगअलग तारीखों को आयोजित की जानी थी.

परीक्षा के लिए प्रदेश में 10 जिलों जयपुर, जोधपुर, अजमेर, अलवर, बीकानेर, झुंझनूं, कोटा, सीकर, गंगानगर व उदयपुर में 34 विभिन्न इंस्टीट्यूट में केंद्र बनाए गए थे. इन में 19 परीक्षा केंद्र जयपुर में थे.

आईजी दिनेश एम.एन. जानते थे कि बौलीवुड फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस की तर्ज पर देश में होने वाली प्रत्येक बड़ी परीक्षा में आजकल बडे़ पैमाने पर नकल होने लगी है और तो और शिक्षा व कालेजों की परीक्षा में भी बड़े स्तर पर नकल होती है.

सरकारी नौकरियों के लिए भरती और औल इंडिया तथा राज्य स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षाओं में नकल कराने वाले अनेक गिरोह सक्रिय हो गए हैं. ये गिरोह पैसे ले कर अत्याधुनिक उपकरणों से अभ्यर्थी को दूर बैठ कर नकल कराते हैं.

चिंता की वजह से आईजी ने जांच का काम सौंपा एसओजी को आईजी साहब के सामने चिंता की बात यही थी कि लोग कहेंगे कि पुलिस अपनी ही भरती परीक्षा में फेल हो गई. उन्होंने अपने आला अफसरों को सूचना की जानकारी दी. फिर एसओजी के 5-6 तेजतर्रार अफसरों को बुलाया. इन पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर आईजी साहब ने कांस्टेबल भरती परीक्षा में हाईटेक गिरोह की ओर से नकल कराने की सूचना की सच्चाई का पता लगाने को कहा.

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