सुबह के यही कोई साढ़े 3 बजे मुंबई के डोमेस्टिक एयरपोर्ट परिसर में स्थित थाना विलेपार्ले पुलिस को इर्ला कूपर अस्पताल से सूचना मिली कि एक युवती की हत्या कर के उस की लाश को जला दिया गया है. उस समय ड्यूटी पर तैनात इंसपेक्टर महादेव निवालकर ने इस सूचना की तुरंत डायरी बनवाई और थानाप्रभारी लक्ष्मण चव्हाण, पुलिस कंट्रोल रूम के अलावा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचना दे कर खुद एआई देवकाते, सांलुके, सबइंसपेक्टर पाटिल, महिला सबइंसपेक्टर कडव, सिपाही सुरेश छोत्रो, संतोष शिंदे, योगेंद्र सिंह शिंदे, गांवडे, सावडेकर, महांडिक और पालवे को साथ ले कर के इर्ला कूपर अस्पताल के लिए रवाना हो गए.

इंसपेक्टर महादेव निवालकर जिस समय सहयोगियों के साथ अस्पताल पहुंचे थे, डाक्टरों की एक टीम युवती के शव का निरीक्षण कर रही थी. युवती के साथ आए लोग अस्पताल परिसर में ही मौजूद थे. उन के बीच मातम का माहौल था. महादेव निवालकर ने देखा, युवती का चेहरा बुरी तरह से जला हुआ था.

पूछताछ में पता चला कि मृतका का नाम श्रद्धा पांचाल था. वह फिजियोथेरैपिस्ट थी. डाक्टरों के अनुसार, श्रद्धा की हत्या एक से डेढ़ घंटा पहले गला घोंट कर की गई थी. उस के दोनों पैरों पर खरोंच के निशान थे, जिस से आशंका जताई गई थी कि हत्या के पूर्व उस के साथ मनमानी भी की गई थी.

डाक्टरों से बातचीत के बाद महादेव निवालकर ने मृतका श्रद्धा के साथ आए लोगों से बातचीत शुरू की. घर वालों से तो उस समय कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी, क्योंकि उस समय वे कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे. साथ आए पड़ोसियों ने जो बताया था उस के अनुसार, मामला काफी संदिग्ध था. पड़ोसियों ने रात ढाई बजे के आसपास श्रद्धा के कमरे से धुआं निकलता देखा था. तब उन्हें लगा था कि यह धुआं शायद एयरकंडीशनर से निकल रहा है.

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