कालेज दिनों में नाटकीय मंचन के दौरान पार्श्व में गीत गाने वाली कंचन अवस्थी ने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन अभिनय को अपना करियर बनाएंगी. मगर संयोगवश उन्हे संत गाड़गे औडीटोरियम, लखनउ में एक दिन नाटक ‘‘यहूदी की बेटी’’ में राहिल की भूमिका निभाना पड़ा और फिर उनके अभिनय करियर की शुरुआत हो गयी. शबाना आजमी के साथ जीटीवी के सीरियल ‘अम्मा’ के अलावा कई नाटकों, टीवी सीरियलों व फिल्मों में अभिनय कर चुकी लखनउ निवासी कंचन अवस्थी इन दिनों अठारह जनवरी को प्रदर्शित हो रही फिल्म ‘फ्राड सैयां’ को लेकर चर्चा में हैं.

2019 में आपका करियर किस मुकाम पर नजर आ रहा है?

-अब मैं अपने करियर में काफी परिपक्व हो गयी हूं. मुझे लग रहा है कि अब मैं हर चीज को लेकर आत्म विश्वासी हो गयी हूं, फिर चाहे कैमरे का सामना करना हो, या एक्सप्रेशन देना हो या रिएक्शन देना हो. अब मुझे लग रहा है कि 2019 मेरा वर्ष है. इस वर्ष मेरी एक नहीं, बल्कि तीन तीन फिल्में सिनेमाघरों में पहुंचने वाली हैं. सबसे पहले 18 जनवरी को प्रकाश झा निर्मित फिल्म ‘फ्राड सैयां’ पहुंचेगी. इस तरह यह वर्ष मेरे लिए सबसे बेहतरीन वर्ष साबित होने वाला है.

देखिए, मैं गैर फिल्मी परिवार यानी कि लखनउ के मध्यमवर्गीय परिवार से आयी हूं. तो स्वाभाविक है कि मुझे बौलीवुड में सीखने में ढाई साल लग गए. पर इस दौरान भी मैंने काफी काम किया. मैं कभी घर पर खाली नहीं बैठी. मसलन मैंने 2016 में शबाना आजमी के साथ सीरियल ‘अम्मा’ किया था. ‘मैं खुदीराम बोस हूं’ और ‘भूत वाली लव स्टोरी’ जैसी फिल्में की. इसके अलावा मैं लगातार थिएटर भी करती आ रही हूं. मैंने दिल्ली के श्रीराम सेंटर में जय प्रकाश शंकर का ‘काशी का गुंडा’ नाटक किया था.

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