देश में सभी भाषाओं के फिल्म अवौर्ड समारोह होता रहता है, लेकिन अभी तक उत्तराखंड फिल्म अवौर्ड नहीं हो पाया था. कई वर्षों से उत्तराखंड में उत्तराखंडी फिल्में बनती चली आ रही हैं, लेकिन फिल्मों का अवौर्ड अभी तक नहीं हुआ था. आपको उत्तराखंड की सबसे पहली फिल्म के बारे में बता दें, साल 1982 में पहली उत्तराखंडी फिल्म 'जगवाल' और 1986 में पहली कुमाउनी फिल्म 'मेघा आ' की शुरुआत हुई, जिसके निर्माता परिसर गौड़ और एनएस विस्ट थे.

36 साल बाद मुंबई में 27 मई को 'उत्तराखंड फिल्म अवौर्ड 2018' विनोद गुप्ता द्वारा आयोजित किया गया. बता दें, एबी5 मल्टिमीडिया के प्रेसिडेंट विनोद गुप्ता ने साल 2005 में "भोजपुरी फिल्म अवौर्ड" का आगाज कर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को एक नया मुकाम दिलाया था और आज भोजपुरी फिल्मों को दर्शक, देश और विदेश में क्षेत्रीय भाषा के रूप में जानते हैं.

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ठीक उसी तरह विनोद गुप्ता ने 'उत्तराखंड फिल्म अवौर्ड' का आयोजन किया ताकि उत्तराखंडी भाषाओं की फिल्मों को क्षेत्रीय भाषा की तरह लोग जाने और उत्तराखंडी फिल्मों और उनके कलाकारों को दर्शक बखूबी से जान पाएं. इस अवौर्ड शो में बौलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर उदित नारायण, पूर्व मंत्री कुंवर विरेंद्र प्रताप सिंह, पहली उत्तराखंडी फिल्म के निर्माता पारेसर गौड़ मुख्य रूप से उपस्थित थे.

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वहीं, हिंदी व उत्तराखंडी फिल्मों के अभिनेता हेमंत पांडेय, अभिनेता रतन मायल, रमेश नौडियाल, अभिनेत्री त्विशा भट्ट, आशिमा पांडेय व गायक प्रेम प्रकाश दुबे" ने अपने परफौर्मेंस से 'उत्तराखंड फिल्म अवार्ड' की शाम को और खास बनाया. इस अवौर्ड शो में मौजूद अभिनेता शैलेन्द्र श्रीवास्तव, निर्माता राहुल कपूर, पहली उत्तराखंड फिल्म "जगवाल" के अभिनेता विनोद बलोदी, गायक विक्की नागर भी शामिल हुए.

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