अक्स’, ‘रंग दे बसंती’, ‘दिल्ली 6’, ‘भाग मिल्खा भाग’ और ‘मिर्जिया’ जैसी फिल्मों के सर्जक राकेश ओमप्रकाश मेहरा बतौर निर्माता एक डैनिश फिल्म ‘‘एवरी बडी इज फैमस’’ का भारतीयकरण कर ‘फन्ने खां’ नामक फिल्म लेकर आए हैं. अब तक अपनी मौलिक कहानियों पर काम करते रहे राकेश ओमप्रकाश मेहरा ‘फन्ने खां’ बनाते समय भूल गए कि ‘नकल के लिए भी अकल’ चाहिए. फिल्म के लेखक व निर्देशक अतुल मांजरेकर ने भी साबित कर दिखाया कि वह कितनी वाहियात और बेसिर पैर की फिल्म निर्देशित कर सकते हैं.

फिल्म ‘‘फन्ने खां’’ की कहानी के केंद्र में गायकी में सुपर स्टार न बन पाने वाले प्रशांत शर्मा (अनिल कपूर) हैं, जो कि अपने दोस्तों के बीच फन्ने खां के नाम से मशहूर हैं. प्रशांत के दो भगवान हैं मोहम्मद रफी और शम्मी कपूर और उसके खास दोस्त अधीर (राज कुमार राव) हैं. एक औक्रेस्टा में गाते हुए प्रशांत शर्मा अपने सपनों को पूरा करने के लिए काफी मेहनत करते हैं. यहां तक कि सुपरस्टार बनने के लिए वह शम्मी कपूर की पूजा तक करते नजर आते हैं. उनकी एकमात्र तमन्ना स्टारडम पाना है.

प्रशांत की पत्नी कविता (दिव्या दत्ता) भी उनके सपने को सच करने की दिशा में उनके साथ रहती है. मगर प्रशांत के सपने पूरे नहीं हो पाते हैं. प्रशांत एक फैक्टरी में नौकरी करते हैं. जब उनकी बेटी का जन्म होता है, तो वह उसका नाम लता रखते हैं और अब वह अपने सपने को अपनी बेटी लता के माध्यम से पूरा होते देखना चाहते हैं. जैसे जैसे लता बड़ी होती है, वह संगीत व नृत्य में अपना कौशल दिखाने लगती है. वह अच्छा गाती है और अच्छा नृत्य भी करती है. मगर शारीरिक रूप से मोटी होने के कारण जब लता (पिहू सैंड) स्टेज पर पहुंचती है, तो लोग उसका मजाक उड़ाते हैं.

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